मेरठ में लीज पर मिली 117 एकड़ जमीन 2010 में कॉन्टिनेंटल को बेच दी गई। नियम तोड़कर हुए इस दाखिल खारिज के विरुद्ध एसडीएम सरधना की कोर्ट में शिकायत की गई तो इसका खुलासा हुआ।
मेरठ में मोदी रबड़ ने 1972 में लीज पर मिली 117 एकड़ जमीन 2010 में कॉन्टिनेंटल को बेच दी और फरवरी 2020 में एसडीएम सरधना ने नियमों की अनदेखी करते हुए दाखिल खारिज कर दिया। अरबों के इस गोलमाल में कमिश्नर सुरेंद्र सिंह ने तीन आईएएस की कमेटी बनाकर 15 नवंबर तक जांच रिपोर्ट मांगी है।
आरटीआई कार्यकर्ता लोकेश खुराना ने कमिश्नर सुरेंद्र सिंह से शिकायत की थी मोदी रबड़ ने लीज की जमीन कॉन्टिनेंटल बेचने के संबंध में राज्य सरकार को कोई जानकारी नहीं दी। तत्कालीन तहसीलदार सरधना ने लीज डीड की शर्तों के विपरीत राजस्व अभिलेखों में जमीन का दाखिल खारिज 27 जून 2011 को कर दिया।
नियम तोड़कर हुए इस दाखिल खारिज के विरुद्ध एसडीएम सरधना की कोर्ट में शिकायत की गई तो उन्होंने तहसीलदार के आदेशों को अग्रिम आदेशों तक स्थगन कर दिया। इसके बाद 24 फरवरी 2020 को तत्कालीन एसडीएम सरधना अमित कुमार भारतीय ने मोदी कॉन्टिनेंटल के नए आवेदन पत्र के आधार पर राज्य सरकार की अरबों की भूमि को मोदी कॉन्टिनेंटल के नाम अवैधानिक रूप से दर्ज कर लिया। कमिश्नर सुरेंद्र सिंह ने अपर आयुक्त चैत्रा वी., एमडीए उपाध्यक्ष शशांक चौधरी एवं एसडीएम सदर संदीप भागिया की तीन सदस्यीय जांच समिति से 15 नवंबर तक रिपोर्ट मांगी है।
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कमिश्नर ने सीलिंग की जमीन पर कब्जे के दिए थे निर्देश
कमिश्नर सुरेंद्र सिंह ने मोदी रबड़ की सीलिंग की जमीन पर कब्जे के निर्देश दिए थे। एसडीएम सरधना ने मोदी रबड़ की 26 हजार वर्ग मीटर जमीन पर कब्जा लेकर बोर्ड लगा दिए थे। स्कूल और बाकी जमीन पर भी कब्जा लिया जाना था। अब लीज की 117 एकड़ जमीन को बेचे जाने की बात सामने आ गई है।
स्टांप में भी चोरी की शिकायत
इस जमीन की कीमत अरबों रुपये है। मोदी कॉन्टिनेंटल के नाम विक्रय किए जाने में स्टांप चोरी का भी बड़ा आरोप है। इसकी भी कमिश्नर जांच करा रहे हैं।
इन बिंदुओं पर होगी जांच
-राज्यपाल और मोदी रबड़ के बीच गर्वमेंट एक्ट 1895 के अंतर्गत 29 सितंबर 1972 को ग्रांट डीड की शर्तों की शर्तें क्या थीं।
-राज्य सरकार की पूर्वानुमति के बिना जमीन कैसे बेची गई।
-मोदी रबड़ की भूमि के संबंध में जांच तथा भूमि को राज्य सरकार में पुर्नग्रहित करने के संबंध में संस्तुति।
-ग्रांट डीड की शर्त के अनुसार गारंटी द्वारा ग्रांट डीड के नियम एवं शर्तों के उल्लंघन के संबंध में जांच के बाद स्पष्ट आख्या।
-ग्रांट डीड के अंतर्गत स्थानांतरित 117 एकड़ भूमि के स्थलीय सत्यापन द्वारा कब्जे धारकों का विवरण एवं ग्रांटी उद्योग हेतु वास्तविक रूप से प्रयुक्त की गई भूमि एवं पूर्ण रूप से अप्रयुक्त भूमि का विवरण।
-ग्रांट डीड के माध्यम से दी गई भूमि पर मोदी रबड़ के अलावा अन्य किसी व्यक्ति द्वारा अवैध कब्जा किए जाने के संबंध में जांच।
विस्तार
मेरठ में मोदी रबड़ ने 1972 में लीज पर मिली 117 एकड़ जमीन 2010 में कॉन्टिनेंटल को बेच दी और फरवरी 2020 में एसडीएम सरधना ने नियमों की अनदेखी करते हुए दाखिल खारिज कर दिया। अरबों के इस गोलमाल में कमिश्नर सुरेंद्र सिंह ने तीन आईएएस की कमेटी बनाकर 15 नवंबर तक जांच रिपोर्ट मांगी है।
आरटीआई कार्यकर्ता लोकेश खुराना ने कमिश्नर सुरेंद्र सिंह से शिकायत की थी मोदी रबड़ ने लीज की जमीन कॉन्टिनेंटल बेचने के संबंध में राज्य सरकार को कोई जानकारी नहीं दी। तत्कालीन तहसीलदार सरधना ने लीज डीड की शर्तों के विपरीत राजस्व अभिलेखों में जमीन का दाखिल खारिज 27 जून 2011 को कर दिया।
नियम तोड़कर हुए इस दाखिल खारिज के विरुद्ध एसडीएम सरधना की कोर्ट में शिकायत की गई तो उन्होंने तहसीलदार के आदेशों को अग्रिम आदेशों तक स्थगन कर दिया। इसके बाद 24 फरवरी 2020 को तत्कालीन एसडीएम सरधना अमित कुमार भारतीय ने मोदी कॉन्टिनेंटल के नए आवेदन पत्र के आधार पर राज्य सरकार की अरबों की भूमि को मोदी कॉन्टिनेंटल के नाम अवैधानिक रूप से दर्ज कर लिया। कमिश्नर सुरेंद्र सिंह ने अपर आयुक्त चैत्रा वी., एमडीए उपाध्यक्ष शशांक चौधरी एवं एसडीएम सदर संदीप भागिया की तीन सदस्यीय जांच समिति से 15 नवंबर तक रिपोर्ट मांगी है।
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