लखनऊ
लखनऊ में निजी अस्पतालों में लापरवाही और धन उगाही के मामले सामने आते रहते हैं। बावजूद इसके जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग किसी भी तरह की सख्ती इनके खिलाफ नहीं करता है। यही वजह है कि इनका धंधा इसी तरह लगातार जारी रहता है। ताजा मामला महानगर थाना क्षेत्र स्थित मिडलैंड हेल्थ केयर रिसर्च सेंटर का सामने आया है। जहां पर 2 दिन पहले जन्मे एक नवजात को इलाज के लिए भर्ती किया गया। आरोप है कि बच्चे की मौत होने के बाद भी वेंटिलेटर के नाम पर पीड़ित से करीब एक लाख रुपये वसूल लिए गए।
महानगर निवासी पीड़ित विपिन सिंह ने बताया कि मेरे बच्चे की पहले ही मौत हो गई थी, लेकिन अस्पताल के किसी डॉक्टर ने हमें नहीं बताया और लगातार इलाज के नाम पर पैसा ऐंठते रहे। मेरे बच्चे की बॉडी पूरी तरह से जली हुई है। पुलिसकर्मी मुझ पर ही दबाव बना रहे हैं। इसको लेकर पुलिस ने दूसरे डॉक्टर से कंसल्ट करने की सलाह दी। विपिन ने कहा कि फातिमा अस्पताल के सीनियर डॉक्टर से कंसल्ट करने के बाद उन्होंने कहा कि अगर बच्चा वेंटिलेटर पर रखा जाता है तो उसे हर डेढ़-2 घंटे में पलटना रहता है। ताकि बच्चे के शरीर पर दबाव न पड़े, निशान न पड़े। डॉक्टर ने यह भी बताया कि 2 दिन के बच्चे की स्किन काफी नाजुक होती है।
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नवजात के शरीर पर जलने के निशान
मौत के बाद परिजन नवजात का शव घर ले गए, लेकिन जब शव खोला तो वह दंग रह गए। नवजात का शरीर पूरी तरह से झुलस गया था। इसके बाद परिजन आक्रोशित हो गए और नवजात का शव लेकर अस्पताल परिसर पहुंच गए। जहां पर परिजन शव लेकर प्रदर्शन करने लगे। मामला बढ़ता देख मौके पर महानगर पुलिस भी पहुंच गई। आरोप है कि पुलिस मामला शांत करने का पीड़ित परिवार पर ही दबाव बनाने लगी। पीड़ित ने अस्पताल प्रशासन पर कार्रवाई करने के लिए तहरीर दी है। परिजन कार्रवाई की मांग पर अस्पताल परिसर में ही डटे रहे।
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