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Pollution in Noida: दिवाली से पहले ही नोएडा में अचानक बढ़े प्रदूषण ने बजाई खतरे की घंटी, पाबंदियों के लिए रहें तैयार

नोएडा
अचानक बढ़ा प्रदूषण फिर से खतरे की घंटी बजा रहा है। नोएडा का वायु गुणवत्ता सूचकांक शनिवार को 312 और ग्रेटर नोएडा का ग्रेनो 330 दर्ज किया गया, जोकि बहुत खराब (रेड जोन) श्रेणी में आता है। इसके साथ ही प्रदूषण पर नियंत्रण करने के लिए यूपीपीसीबी ने कवायद शुरू कर दी है।

पिछले कुछ दिन से नोएडा-ग्रेटर नोएडा में प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ रहा है, लेकिन शुक्रवार को रावण दहन के बाद अचानक से हवा की हालत खराब हो गई। दिवाली के पहले ही प्रदूषण का स्तर लाल घेरे में पहुंचने से ग्रैप की गाइडलाइंस के अनुसार, पाबदियों बढ़ाई जा सकती हैं।

अपने सप्ताह लागू हो सकता है ग्रैप
यूपीपीसीबी ग्रेनो के क्षेत्रीय अधिकारी भुवन प्रसाद यादव का कहना है कि ग्रेनो में अभी ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (ग्रैप) की पाबंदियां लागू नहीं की गई हैं। यह मौसम के आधार पर लागू किया जाता है। अनुमान है कि अगले हफ्ते तक ग्रैप लागू कर दिया जाए।

ग्रैप होने पर क्या होगा
ग्रैप लागू होने के बाद प्रतिदिन प्रमुख सड़कों पर पानी का छिड़काव, खुले में आग लगाने पर पाबंदी, सड़कों की सफाई का काम प्रतिदिन होगा। साथ ही वायु प्रदूषण के मानकों के उल्लंघन पर कम से कम 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। इसके लिए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और प्राधिकरण ने टीमें बना ली हैं। निर्माण स्थलों पर स्मॉग गन लगाने की भी तैयारी कर ली गई है।

बढ़ता प्रदूषण कर सकता है और बीमार
लगातार बढ़ता प्रदूषण बीमार लोगों के लिए सबसे अधिक परेशानी का कारण बन सकता है। फेफड़े, दिल, और अस्थमा के मरीजों को सबसे अधिक समस्या हो सकती है। उड़ती धूल का प्रदूषण बाहर खेलते बच्चों को भी बीमार कर सकता है।

नाक में पीएम-10 के कण आसानी से प्रवेश कर फेफड़ों में अंदर तक जाते हैं और उन्हें प्रभावित करते हैं। इससे फेफड़ों पर बुरा प्रभाव पड़ता है। इससे ब्रोंकाइटिस, अस्थमा, डिप्रेशन, बेचैनी जैसी परेशानियां बढ़ती है।

धीमी हवा ने बढ़ाई परेशानी
मौसम विज्ञानी महेश पलावत ने बताया कि दशहरे की वजह से प्रदूषण में अधिक इजाफा नहीं हुआ है। हालांकि हवा की गति धीमी हुई है। इससे प्रदूषण बढ़ता है। आज यानी रविवार से आने वाले दो दिन तक बारिश के आसार हैं। इससे प्रदूषण का स्तर कम हो जाएगा। उत्तर-पश्चिम की हवा पूर्वी हो जाएगी। 19 अक्टूबर से मौसम में फिर सूखापन आएगा, हवा का रुख बदलेगा, पराली का धुआं भी आ सकता है। 19 अक्टूबर के बाद प्रदूषण बढ़ने के आसार हैं।

हवा में बढ़ने लगा पीएम-10 का स्तर
हवा में उड़ती धूल और धुआं शहर की हवा को दूषित करने के साथ-साथ पीएम( पार्टिकुलेट मैटर) 10 की मात्रा बढ़ा रहा है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड प्राधिकरण को धूल की सफाई के दौरान पानी का छिड़काव करने की एडवाइजरी जारी कर चुका है। हवा में उड़ती धूल पीएम-10 की मात्रा को बढ़ाती है।

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड सभी क्षेत्रों में कूड़ा जलाने पर प्रतिबंध लगा चुका है। उसके बावजूद भी उड़ती हुई धूल हवा में पीएम-10 की मात्रा को बढ़ा रही है। सुरक्षित महसूस करने के लिए हवा में पीएम-10 का स्तर 100 होना चाहिए। बीते दिन यह स्तर न्यूनतम 260 और अधिकतम 419 आंका गया।

हवा में घुलते हैं आरएसपीएम के कण
आरएसपीएम (रेस्पिरेबल सस्पेंडेड पार्टिकुलेट मैटर) के कण बहुत बारीक होते हैं और हवा में घुलते हैं। इनका साइज 10 माइक्रोन से भी कम होता है। आरएसपीएम कार्बनिक और अकार्बनिक तत्वों से मिलकर बना होता है। छोटे आकार की वजह से आसानी से शरीर में प्रवेश करता है। आकार कम होने की वजह से सामान्य कपड़े से नाक मुंह को ढक कर आरएसपीएम को प्रवेश करने से नहीं रोका जा सकता।

क्षेत्रीय अधिकारी भुवन प्रसाद यादव ने कहा कि प्राधिकरण में हुई बैठक में प्रदूषण रोकने के लिए शहर को 8 भागों में बांटा गया है। प्राधिकरण अधिकारियों से कूड़ा समय पर उठवाने के लिए कहा गया है ताकि कूड़े के ढेर को कोई जला न सके। सड़कों की सफाई के दौरान उड़ती धूल को नियंत्रित करने के लिए एसटीपी वॉटर से छिड़काव कर झाड़ू लगाने के लिए कहा गया है।

इस तरह हर रोज बढ़ा एक्यूआई
12 अक्टूबर-230
13 अक्टूबर-176
14 अक्टूबर-178
15 अक्टूबर-265
16 अक्टूबर-353

ये हैं एक्यूआई के मानक
0-50- अच्छा
50-100- संतोषजनक
101-200- ठीक-ठाक
201-300- खराब
300-400- बेहद खराब
401-500- गंभीर