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चुनावी आगाज: सपा सुप्रीमो अखिलेश ने 39 मिनट के भाषण में सीएम योगी पर छह बार कसे तंज, सम्राट मिहिर भोज के जाति विवाद को दी हवा 

सार
सहारनपुर जनपद के तीतरो की जनसभा में सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने रविवार को जनसभा को संबोधित किया। तकरीबन चालीस मिनट का उनका भाषण सीएम योगी के ईर्द गिर्द ही घूमता रहा। उन्होंने छह बार सीएम योगी पर तंज कसे। यही नहीं रैलीस्थल के मंच से अखिलेश ने सम्राट मिहिर भोज की जाति को लेकर चल रहे विवाद को भी हवा दी। पढ़ें आखिर रैली में क्या बोले सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव

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उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जनपद के तीतरो की जनसभा में सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने करीब 39 मिनट तक संबोधन किया। रविवार को अखिलेश यादव तीतरो में जनसभा के मंच पर साढ़े 12 बजे पहुंच गए थे। इसके बाद 1:45 बजे उन्होंने अपना संबोधन शुरू किया और 2.24 बजे संबोधन समाप्त दिया। इस तरह करीब 39 मिनट उन्होंने संबोधन किया। तीतरो में जनसभा के दौरान सपा मुखिया अखिलेश यादव ने क्षेत्र की जनता को लुभाने के लिए कई घोषणा कीं, तो गन्ना मूल्य भुगतान और किसानों को लेकर अलग से फंड की व्यवस्था का भी वादा भी कर डाला। कहा कि चार महीने बाद सपा की सरकार बन रही है और सबसे पहले यहां से सड़क निर्माण का ही नारियल तोड़ा जाएगा। अखिलेश यादव ने किसान, नौजवान और व्यापारियों से जुड़े मुद्दों को लेकर प्रदेश और केंद्र सरकार पर शब्दभेदी बाण चलाए। वहीं पूरे भाषण में छह बार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर तंज कसे।

बिजली प्लांट का नाम नहीं ले सकते सीएम 
अखिलेश यादव ने प्रदेश में बिजली की स्थिति को लेकर कहा कि बिजली कैसे बनवाएंगे, जब प्रदेश के मुख्यमंत्री बिजली बनाने वाले किसी प्लांट का नाम तक नहीं ले सकते। उन्होंने अंग्रेजी में बिजली उत्पादन प्लांट का नाम भी दो बार मंच से दोहराया। 

नाम बदलने में कोई मुकाबला नहीं 
अखिलेश यादव ने कहा कि नाम बदलने में हमारे मुख्यमंत्री का कोई मुकाबला नहीं है। तंज कसते कहा कि कोई साथी लखनऊ में मुख्यमंत्री से मिलने पहुंच जाए तो यह गारंटी नहीं कि उसी नाम के साथ वापस आएगा, क्योंकि उसका भी नाम बदल देंगे।

यह भी पढ़ें: मिशन 2022: किसानों के लिए फंड का वादा कर गए अखिलेश, कोरोना, महंगाई पर भी खूब बरसे, की कई घोषणाएं

लखनऊ वालों की तो जोड़ी नहीं 
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे पंडित शिवकुमार शास्त्री ने अखिलेश यादव और उनकी पत्नी डिंपल यादव की तारीफ में उन्हें लक्ष्मी – विष्णु, राधा – कृष्ण और सीता राम कह दिया। जब अखिलेश यादव ने संबोधन किया तो सीएम पर तंज कसते हुए बोले कि लखनऊ वालों की तो कोई जोड़ी ही नहीं है। 

जो गद्दी पर बैठे हैं ….
अखिलेश यादव ने कहा कि हम किसी का अपमान नहीं कर रहे, लेकिन ग्रंथों और शास्त्रों में जो पढ़ा है, उसमें यही जाना कि जो दूसरों के दुख को अपना समझे और माया के बीच रहकर भी माया से दूर रहे, उसी को योगी कहते हैं, लेकिन जो गद्दी पर बैठे हैं, वह इसके उलट हैं। 

नकल करते हैं यूपी के सीएम 
अर्थव्यवस्था का जिक्र करते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि दिल्ली वाले कहते थे अर्थव्यवस्था को पांच ट्रिलियन डालर की बना देंगे, यपी के सीएम भी नकल करने में पीछे नहीं और कह दिया कि अर्थव्यवस्था को एक ट्रिलियन डालर तक पहुंचा देंगे। 

उत्तराखंड में ही ट्रांसफर कर दो 
अखिलेश यादव ने कहा कि बगल के प्रदेश उत्तराखंड में तीन बार सीएम बदल गए। बार-बार सीएम बदल रहे हैं, हम तो कहते हैं कि यूपी वालों को ही ट्रांसफर कर दो, जहां से आए हैं, वहीं पहुंच जाएंगे। 

यह भी पढ़ें:  यूपी: पापा मेरे पास आ जाओ…और 20 मिनट बाद ही लगा ली फांसी, मरने से पहले जेई ने तीन घंटे तक पिता और परिवार से की बात

सम्राट मिहिर भोज की जाति के विवाद को दी हवा  
सम्राट मिहिर भोज के नाम को लेकर काफी दिन से विवाद गरमाया हुआ है। एक तरफ इन्हें गुर्जर प्रतिहार कहा जा रहा है, तो राजपूत समाज के लोग उन्हें अपना बताते हैं। तीतरो में सपा मुखिया अखिलेश यादव ने मंच से गुर्जरों की वकालत करते हुए कहा कि बगल के जिले में नाम बदला, इतिहास मिटाने की कोशिश की, लेकिन यह धरती वीरों की है, जो इतिहास बदलेगा, जनता उसकी सरकार बदल देती है। 

सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव के इस भाषण से इतना तो स्पष्ट हो गया कि उन्होंने खुले तौर पर सम्राट मिहिर भोज को गुर्जर माना और गुर्जर समाज को अपने पक्ष में करने के लिए आगामी चुनाव का सियासी समीकरण साध गए। उन्होंने कहा कि 1857 के स्वतंत्रता संग्राम में कोतवाल धन सिंह गुर्जर ने अंग्रेजों की सरकार हिलाने का काम किया था। ऐसे अनेक क्रांतिकारी इस धरती से ही आते हैं। हाल ही में इस मुद्दे पर पूर्व में सपा सुप्रीमो ने ट्वीट कर लिखा था कि हमने यही पढ़ा है कि सम्राट मिहिर भोज गुर्जर थे। 

अब इसके सियासी मायने भी निकाले जा रहे हैं। क्योंकि सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, शामली और बिजनौर सहित वेस्ट यूपी के कई जिलों में गुर्जर समाज के मतदाताओं की संख्या काफी है। इससे गुर्जर समाज को सपा अपने पक्ष में करने का प्रयास कर सकती है तो, इसका दूसरा प्रभाव राजपूत समाज की नाराजगी के रूप में भी सपा को देखने को मिल सकता है। क्योंकि राजपूत समाज के लोग सम्राट मिहिर भोज को अपना बताते हुए आंदोलन तक कर चुके हैं और वेस्ट यूपी में राजपूत समाज की संख्या भी काफी है। 

यह भी पढ़ें: अमित बंसल आत्महत्या: नोएडा के अस्पताल में पत्नी पिंकी ने भी दम तोड़ा, सामने आई मौत की बड़ी वजह

किसानों को अपमानित किया जा रहा: अखिलेश 
सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने कहा कि किसान हमारा पेट भरते हैं, मगर आज उसे अपमानित होना पड़ रहा है, कभी किसान को मवाली कहा जा रहा है। इनका बस चले तो आतंकवादी कह दें। बावजूद किसान अपने संघर्ष से पीछे नहीं हटे हैं और ठान लिया है, तीन कानून वापस होने तक बैठे रहेंगे। वह लड़ना जानते हैं, गद्दी पर बैठाना जानते हैं और मौका मिलने पर गद्दी से हटाना भी जानते हैं। 

गीता का श्लोक, वेद की ऋचा भी पढ़ी
सपा की जनसभा में हिंदुत्व का रंग चढ़ा नजर आया। कार्यक्रम की अध्यक्षता पंडित शविकुमार शास्त्री से कराई गई तो उनके संबोधन के पहले गीता का श्लोक भी पढ़ा गया। खुद अखिलेश यादव ने मां दुर्गा और मां शाकंभरी का आशीर्वाद 2019 के लोकसभा चुनाव में मिलने की बात कही। इसी तरह गंगोह विस क्षेत्र प्रभारी चौधरी इंद्रसेन ने ऋगवेद की ऋचा पढ़कर सुनाई। 

दोगुना होने की बजाए घट गई किसानों की आय
सपा व्यापार सभा के प्रदेश अध्यक्ष और नगर विधायक संजय गर्ग ने कहा भाजपा सरकार किसानों की आय दोगुना करने के वादे के साथ सत्ता में आई थी, लेकिन आय बढ़ने की बजाए खेती की लागत बढ़ गई। भाजपा सरकार में   खेती में काम आने वाले सभी वस्तुओं के दामों में काफी वृद्धि हुई है। देश में बेरोजगारी बढ़ रही है। किसान लुट रहा है, जीएसटी की विसंगतियों ने व्यापारियों को परेशान कर रखा है।  

विस्तार

उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जनपद के तीतरो की जनसभा में सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने करीब 39 मिनट तक संबोधन किया। रविवार को अखिलेश यादव तीतरो में जनसभा के मंच पर साढ़े 12 बजे पहुंच गए थे। इसके बाद 1:45 बजे उन्होंने अपना संबोधन शुरू किया और 2.24 बजे संबोधन समाप्त दिया। इस तरह करीब 39 मिनट उन्होंने संबोधन किया। तीतरो में जनसभा के दौरान सपा मुखिया अखिलेश यादव ने क्षेत्र की जनता को लुभाने के लिए कई घोषणा कीं, तो गन्ना मूल्य भुगतान और किसानों को लेकर अलग से फंड की व्यवस्था का भी वादा भी कर डाला। कहा कि चार महीने बाद सपा की सरकार बन रही है और सबसे पहले यहां से सड़क निर्माण का ही नारियल तोड़ा जाएगा। अखिलेश यादव ने किसान, नौजवान और व्यापारियों से जुड़े मुद्दों को लेकर प्रदेश और केंद्र सरकार पर शब्दभेदी बाण चलाए। वहीं पूरे भाषण में छह बार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर तंज कसे।

बिजली प्लांट का नाम नहीं ले सकते सीएम 

अखिलेश यादव ने प्रदेश में बिजली की स्थिति को लेकर कहा कि बिजली कैसे बनवाएंगे, जब प्रदेश के मुख्यमंत्री बिजली बनाने वाले किसी प्लांट का नाम तक नहीं ले सकते। उन्होंने अंग्रेजी में बिजली उत्पादन प्लांट का नाम भी दो बार मंच से दोहराया। 

नाम बदलने में कोई मुकाबला नहीं 

अखिलेश यादव ने कहा कि नाम बदलने में हमारे मुख्यमंत्री का कोई मुकाबला नहीं है। तंज कसते कहा कि कोई साथी लखनऊ में मुख्यमंत्री से मिलने पहुंच जाए तो यह गारंटी नहीं कि उसी नाम के साथ वापस आएगा, क्योंकि उसका भी नाम बदल देंगे।

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लखनऊ वालों की तो जोड़ी नहीं 
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे पंडित शिवकुमार शास्त्री ने अखिलेश यादव और उनकी पत्नी डिंपल यादव की तारीफ में उन्हें लक्ष्मी – विष्णु, राधा – कृष्ण और सीता राम कह दिया। जब अखिलेश यादव ने संबोधन किया तो सीएम पर तंज कसते हुए बोले कि लखनऊ वालों की तो कोई जोड़ी ही नहीं है। 

जो गद्दी पर बैठे हैं ….
अखिलेश यादव ने कहा कि हम किसी का अपमान नहीं कर रहे, लेकिन ग्रंथों और शास्त्रों में जो पढ़ा है, उसमें यही जाना कि जो दूसरों के दुख को अपना समझे और माया के बीच रहकर भी माया से दूर रहे, उसी को योगी कहते हैं, लेकिन जो गद्दी पर बैठे हैं, वह इसके उलट हैं। 

नकल करते हैं यूपी के सीएम 
अर्थव्यवस्था का जिक्र करते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि दिल्ली वाले कहते थे अर्थव्यवस्था को पांच ट्रिलियन डालर की बना देंगे, यपी के सीएम भी नकल करने में पीछे नहीं और कह दिया कि अर्थव्यवस्था को एक ट्रिलियन डालर तक पहुंचा देंगे। 

उत्तराखंड में ही ट्रांसफर कर दो 
अखिलेश यादव ने कहा कि बगल के प्रदेश उत्तराखंड में तीन बार सीएम बदल गए। बार-बार सीएम बदल रहे हैं, हम तो कहते हैं कि यूपी वालों को ही ट्रांसफर कर दो, जहां से आए हैं, वहीं पहुंच जाएंगे। 

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सम्राट मिहिर भोज की जाति के विवाद को दी हवा  
सम्राट मिहिर भोज के नाम को लेकर काफी दिन से विवाद गरमाया हुआ है। एक तरफ इन्हें गुर्जर प्रतिहार कहा जा रहा है, तो राजपूत समाज के लोग उन्हें अपना बताते हैं। तीतरो में सपा मुखिया अखिलेश यादव ने मंच से गुर्जरों की वकालत करते हुए कहा कि बगल के जिले में नाम बदला, इतिहास मिटाने की कोशिश की, लेकिन यह धरती वीरों की है, जो इतिहास बदलेगा, जनता उसकी सरकार बदल देती है। 

सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव के इस भाषण से इतना तो स्पष्ट हो गया कि उन्होंने खुले तौर पर सम्राट मिहिर भोज को गुर्जर माना और गुर्जर समाज को अपने पक्ष में करने के लिए आगामी चुनाव का सियासी समीकरण साध गए। उन्होंने कहा कि 1857 के स्वतंत्रता संग्राम में कोतवाल धन सिंह गुर्जर ने अंग्रेजों की सरकार हिलाने का काम किया था। ऐसे अनेक क्रांतिकारी इस धरती से ही आते हैं। हाल ही में इस मुद्दे पर पूर्व में सपा सुप्रीमो ने ट्वीट कर लिखा था कि हमने यही पढ़ा है कि सम्राट मिहिर भोज गुर्जर थे। 

अब इसके सियासी मायने भी निकाले जा रहे हैं। क्योंकि सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, शामली और बिजनौर सहित वेस्ट यूपी के कई जिलों में गुर्जर समाज के मतदाताओं की संख्या काफी है। इससे गुर्जर समाज को सपा अपने पक्ष में करने का प्रयास कर सकती है तो, इसका दूसरा प्रभाव राजपूत समाज की नाराजगी के रूप में भी सपा को देखने को मिल सकता है। क्योंकि राजपूत समाज के लोग सम्राट मिहिर भोज को अपना बताते हुए आंदोलन तक कर चुके हैं और वेस्ट यूपी में राजपूत समाज की संख्या भी काफी है। 

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किसानों को अपमानित किया जा रहा: अखिलेश 
सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने कहा कि किसान हमारा पेट भरते हैं, मगर आज उसे अपमानित होना पड़ रहा है, कभी किसान को मवाली कहा जा रहा है। इनका बस चले तो आतंकवादी कह दें। बावजूद किसान अपने संघर्ष से पीछे नहीं हटे हैं और ठान लिया है, तीन कानून वापस होने तक बैठे रहेंगे। वह लड़ना जानते हैं, गद्दी पर बैठाना जानते हैं और मौका मिलने पर गद्दी से हटाना भी जानते हैं। 

गीता का श्लोक, वेद की ऋचा भी पढ़ी
सपा की जनसभा में हिंदुत्व का रंग चढ़ा नजर आया। कार्यक्रम की अध्यक्षता पंडित शविकुमार शास्त्री से कराई गई तो उनके संबोधन के पहले गीता का श्लोक भी पढ़ा गया। खुद अखिलेश यादव ने मां दुर्गा और मां शाकंभरी का आशीर्वाद 2019 के लोकसभा चुनाव में मिलने की बात कही। इसी तरह गंगोह विस क्षेत्र प्रभारी चौधरी इंद्रसेन ने ऋगवेद की ऋचा पढ़कर सुनाई। 

दोगुना होने की बजाए घट गई किसानों की आय
सपा व्यापार सभा के प्रदेश अध्यक्ष और नगर विधायक संजय गर्ग ने कहा भाजपा सरकार किसानों की आय दोगुना करने के वादे के साथ सत्ता में आई थी, लेकिन आय बढ़ने की बजाए खेती की लागत बढ़ गई। भाजपा सरकार में   खेती में काम आने वाले सभी वस्तुओं के दामों में काफी वृद्धि हुई है। देश में बेरोजगारी बढ़ रही है। किसान लुट रहा है, जीएसटी की विसंगतियों ने व्यापारियों को परेशान कर रखा है।