बहेड़ी में टोल प्लाजा पर हरीश सिंह रावत को खीरी जाने से रोकती पुलिस।
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पुलिस से हुई तीखी नोकझोंक, हिरासत में लिया तो नैनीताल हाईवे के मुड़िया मुर्करमपुर टोल प्लाजा पर धरने पर बैठे
करीब तीन घंटे बाद हरीश रावत धरना खत्म कर काफिले के साथ ऊधमसिंह नगर लौट गए
बहेड़ी। उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत बृहस्पतिवार को समर्थकों के साथ लखीमपुर जाने के लिए निकले। नैनीताल हाईवे से उत्तरप्रदेश की सीमा में प्रवेश करने पर मुड़िया मुर्करमपुर टोल प्लाजा पर पुलिस ने उन्हें रोक लिया। इस पर उनकी पुलिस और प्रसासन के अधिकारियों से तीखी नोकझोंक हुई। पुलिस ने उन्हें हिरासत में लिया तो वह कार्यकर्ताओं के साथ टोल प्लाजा पर धरने पर बैठ गए। करीब तीन घंटे बाद उन्होंने खुद धरना खत्म कर दिया और अपने काफिले के साथ ऊधमसिंह नगर लौट गए।
खीरी बवाल में मारे गए किसानों के परिजन से मिलने के लिए बृहस्पतिवार को पूर्व सीएम हरीश रावत ऊधमसिंह नगर से समर्थकों के साथ रवाना हुए। रास्ते में पुलभट्टा, टनकपुर, सितारगंज, बनबसा से बड़ी संख्या में कांग्रेस नेता उनके काफिले में शामिल हो गए। दोपहर करीब डेढ़ बजे हरीश रावत का काफिला नैनीताल हाईवे के मुड़िया मुर्क रपुर टोल प्लाजा पहुंचा तो पुलिस ने उन्हें रोक लिया। पुलिस ने यहां पहले से ही बेरीकैडिंग कर रखी थी। खीरी जाने से रोकने पर हरीश रावत की एसडीएम नवाबगंज आशीष गुप्ता, सीओ अजय गौतम से तीखी नोकझोंक हो गई।
करीब 20 मिनट के हंगामे के बाद अधिकारियों के आदेश पर पुलिस ने हरीश रावत और साथ मौजूद कांग्रेस नेताओं को हिरासत में लिया तो वे टोल प्लाजा पर धरने पर बैठ गए और उत्तर प्रदेश सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। करीब तीन घंटे के बाद शाम साढ़े पांच बजे हरीश रावत ने धरना समाप्त कर दिया और काफिले के साथ ऊधमसिंह नगर लौट गए। इस दौरान उनके साथ कांग्रेस के उत्तराखंड प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोटियाल, कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष तिलक राज बेहड़ ,जागेश्वर विधायक गोविंद सिंह कुंजवाल, पूर्व विधायक नरायन पाल, दर्शन सिंह कोहली के अलावा बरेली जिलाध्यक्ष अशफाक सकलैनी, महानगर अध्यक्ष अजय शुक्ला, केके दीक्षित, सलीम अख्तर, योगेश जौहरी आदि मौजूद रहे।
लोकतंत्र, किसान और संविधान बचाओ अभियान चलाएगी कांग्रेस
बहेड़ी। टोल प्लाजा पर धरने के दौरान हरीश रावत ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार हत्यारों को गिरफ्तार करने के बजाय विपक्ष के नेताओं को गिरफ्तार कर रही है। हत्यारों की गिरफ्तारी के साथ ही घटना के लिए उकसाने वाले केंद्रीय गृह राज्यमंत्री को भी गिरफ्तार कर उन्हें बर्खास्त किया जाना चाहिए। कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी को कई घंटों तक नजरबंद किया गया, ये सब लोकतंत्र के लिए खतरनाक संकेत हैं। लोकतंत्र का गला घोटा जा रहा है। कांग्रेस लोकतंत्र, किसान और संविधान बचाओ अभियान चलाएगी। कहा, वह लखीमपुर में पीड़ित किसान परिवारों से मिलना चाहते हैं, लेकिन उत्तर प्रदेश सरकार को इस पर भी आपत्ति है। केंद्र और उत्तर प्रदेश की सरकार अलोकतांत्रिक तरीके से काम कर रही है। सरकार यह न भूले कि कांग्रेस इस लड़ाई को अंत तक लडे़गी।
तीन घंटे के लिए बंद किया मोबाइल नेटवर्क
बहेड़ी। हरीश रावत के समर्थकों के साथ लखीमपुर जाने की खबर पर प्रशासन अलर्ट हो गया था। पहले से ही टोल प्लाजा पर सुरक्षा के सारे इंतजाम कर लिए गए थे। मोबाइल नेटवर्क को भी करीब तीन घंटे के लिए बंद करा दिया गया। पूर्व सीएम के जाने के बाद शाम करीब छह बजे मोबाइल नेटवर्क शुरू किया गया।
किच्छा-ऊधमसिंह, सितारगंज रोड किया बंद
बहेड़ी। हरीश रावत के आने की खबर पर नैनीताल रोड पर वाहनों का आवागमन बंद कर दिया गया था। वहीं भीड़ के चलते किच्छा-ऊधमसिसंह नगर मार्ग और किच्छा-सितारगंज मार्ग पर भी आवागमन रोक दिया गया था। इससे ऊधमसिंह नगर और सितारगंज रोड पर कई घंटे तक लोगों को जाम से जूझना पड़ा।
पुलिस से हुई तीखी नोकझोंक, हिरासत में लिया तो नैनीताल हाईवे के मुड़िया मुर्करमपुर टोल प्लाजा पर धरने पर बैठे
करीब तीन घंटे बाद हरीश रावत धरना खत्म कर काफिले के साथ ऊधमसिंह नगर लौट गए
बहेड़ी। उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत बृहस्पतिवार को समर्थकों के साथ लखीमपुर जाने के लिए निकले। नैनीताल हाईवे से उत्तरप्रदेश की सीमा में प्रवेश करने पर मुड़िया मुर्करमपुर टोल प्लाजा पर पुलिस ने उन्हें रोक लिया। इस पर उनकी पुलिस और प्रसासन के अधिकारियों से तीखी नोकझोंक हुई। पुलिस ने उन्हें हिरासत में लिया तो वह कार्यकर्ताओं के साथ टोल प्लाजा पर धरने पर बैठ गए। करीब तीन घंटे बाद उन्होंने खुद धरना खत्म कर दिया और अपने काफिले के साथ ऊधमसिंह नगर लौट गए।
खीरी बवाल में मारे गए किसानों के परिजन से मिलने के लिए बृहस्पतिवार को पूर्व सीएम हरीश रावत ऊधमसिंह नगर से समर्थकों के साथ रवाना हुए। रास्ते में पुलभट्टा, टनकपुर, सितारगंज, बनबसा से बड़ी संख्या में कांग्रेस नेता उनके काफिले में शामिल हो गए। दोपहर करीब डेढ़ बजे हरीश रावत का काफिला नैनीताल हाईवे के मुड़िया मुर्क रपुर टोल प्लाजा पहुंचा तो पुलिस ने उन्हें रोक लिया। पुलिस ने यहां पहले से ही बेरीकैडिंग कर रखी थी। खीरी जाने से रोकने पर हरीश रावत की एसडीएम नवाबगंज आशीष गुप्ता, सीओ अजय गौतम से तीखी नोकझोंक हो गई।
करीब 20 मिनट के हंगामे के बाद अधिकारियों के आदेश पर पुलिस ने हरीश रावत और साथ मौजूद कांग्रेस नेताओं को हिरासत में लिया तो वे टोल प्लाजा पर धरने पर बैठ गए और उत्तर प्रदेश सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। करीब तीन घंटे के बाद शाम साढ़े पांच बजे हरीश रावत ने धरना समाप्त कर दिया और काफिले के साथ ऊधमसिंह नगर लौट गए। इस दौरान उनके साथ कांग्रेस के उत्तराखंड प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोटियाल, कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष तिलक राज बेहड़ ,जागेश्वर विधायक गोविंद सिंह कुंजवाल, पूर्व विधायक नरायन पाल, दर्शन सिंह कोहली के अलावा बरेली जिलाध्यक्ष अशफाक सकलैनी, महानगर अध्यक्ष अजय शुक्ला, केके दीक्षित, सलीम अख्तर, योगेश जौहरी आदि मौजूद रहे।
लोकतंत्र, किसान और संविधान बचाओ अभियान चलाएगी कांग्रेस
बहेड़ी। टोल प्लाजा पर धरने के दौरान हरीश रावत ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार हत्यारों को गिरफ्तार करने के बजाय विपक्ष के नेताओं को गिरफ्तार कर रही है। हत्यारों की गिरफ्तारी के साथ ही घटना के लिए उकसाने वाले केंद्रीय गृह राज्यमंत्री को भी गिरफ्तार कर उन्हें बर्खास्त किया जाना चाहिए। कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी को कई घंटों तक नजरबंद किया गया, ये सब लोकतंत्र के लिए खतरनाक संकेत हैं। लोकतंत्र का गला घोटा जा रहा है। कांग्रेस लोकतंत्र, किसान और संविधान बचाओ अभियान चलाएगी। कहा, वह लखीमपुर में पीड़ित किसान परिवारों से मिलना चाहते हैं, लेकिन उत्तर प्रदेश सरकार को इस पर भी आपत्ति है। केंद्र और उत्तर प्रदेश की सरकार अलोकतांत्रिक तरीके से काम कर रही है। सरकार यह न भूले कि कांग्रेस इस लड़ाई को अंत तक लडे़गी।
तीन घंटे के लिए बंद किया मोबाइल नेटवर्क
बहेड़ी। हरीश रावत के समर्थकों के साथ लखीमपुर जाने की खबर पर प्रशासन अलर्ट हो गया था। पहले से ही टोल प्लाजा पर सुरक्षा के सारे इंतजाम कर लिए गए थे। मोबाइल नेटवर्क को भी करीब तीन घंटे के लिए बंद करा दिया गया। पूर्व सीएम के जाने के बाद शाम करीब छह बजे मोबाइल नेटवर्क शुरू किया गया।
किच्छा-ऊधमसिंह, सितारगंज रोड किया बंद
बहेड़ी। हरीश रावत के आने की खबर पर नैनीताल रोड पर वाहनों का आवागमन बंद कर दिया गया था। वहीं भीड़ के चलते किच्छा-ऊधमसिसंह नगर मार्ग और किच्छा-सितारगंज मार्ग पर भी आवागमन रोक दिया गया था। इससे ऊधमसिंह नगर और सितारगंज रोड पर कई घंटे तक लोगों को जाम से जूझना पड़ा।
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