सीतापुर
उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा को लेकर विपक्षी दलों का गुस्सा योगी सरकार पर फूट पड़ा है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के साथ वरिष्ठ नेता दीपेंद्र सिंह हुड्डा को भी लखीमपुर जाते समय सीतापुर में पुलिस ने हिरासत में ले लिया। इस दौरान हुड्डा ने कहा कि खीरी में किसानों का आंदोलन करीब एक दशक पहले भट्टा परसौल कांड की तरह है। उस समय भी सरकार बदली थी और इस बार भी बदलेगी।
दीपेंद्र हुड्डा ने कहा, ‘मैं भट्टा परसौल आंदोलन का हिस्सा था और पदयात्रा में भी शामिल हुआ था। तत्कालीन बसपा सरकार ने किसानों के स्वाभिमान की पूरी तरह अवहेलना करते हुए उन्हें निशाना बनाया था। आज भी वही स्थिति है, भट्टा परसौल के बाद तब राज्य में सरकार बदली थी, और अब फिर बदलेगी।’ गौरतलब है कि 2011 में ग्रेटर नोएडा के जाट बहुल गांव भट्टा पारसौल में भूमि अधिग्रहण के विरोध में हुए किसान आंदोलन के दौरान चार लोगों, दो पुलिसकर्मियों और दो किसानों की मौत हो गई थी। उस दौरान भट्टा पारसौल भूमि अधिग्रहण विरोध का केंद्र था।
‘विपक्ष को किसानों को समर्थन देने का पूरा अधिकार’
दीपेंद्र हुड्डा, पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा सहित कांग्रेस के उन चार नेताओं में शामिल हैं, जिन्हें लखीमपुर खीरी में किसानों से मिलने जाने के दौरान सीतापुर में हिरासत में लिया गया। उन्होंने कहा, ‘अगर सरकार ने किसानों के लिए अच्छा काम किया होता, तो उन्हें सड़कों पर विरोध प्रदर्शन नहीं करना पड़ता।’ उन्होंने कहा, ‘किसानों के आंदोलन के नायक किसान हैं। हर किसान इस आंदोलन से भावनात्मक रूप से जुड़ा हुआ है। लेकिन एक जिम्मेदार विपक्ष के रूप में, हम इसे पूरा समर्थन दे रहे हैं, और हमें ऐसा करने का अधिकार है।’
‘अहंकार के सिंहासन पर बैठी है भाजपा’
यह पूछने पर कि क्या उनकी पार्टी हिंसा में मारे गए लोगों के परिजन को चुनाव में टिकट देगी?, हुड्डा ने कहा, ‘यह किसानों का मुद्दा है, जो चुनाव से बड़ा है।’ कांग्रेस ने प्रदेश में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी पर हमला तेज करते हुए उसपर अहंकारी होने और किसानों की मांगों पर कम ध्यान देने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, ‘भाजपा ने किसानों की मांगों की अनदेखी की है और अहंकार के सिंहासन पर कब्जा कर लिया है, जहां से किसानों की ‘पगड़ी’ दिखाई नहीं दे रही है।’
‘केंद्रीय मंत्री अब तक पद पर बने हुए हैं’
प्रियंका गांधी के साथ रविवार रात को लखीमपुर रवाना होते वक्त के घटनाक्रम को याद करते हुए हुड्डा ने कहा, ‘वहां धारा 144 लागू होने के कारण सिर्फ चार कांग्रेसी नेता जा रहे थे। हर चौराहे पर हमें रोका गया। अगर लखीमपुर खीरी में इतना पुलिस बल तैनात किया जाता तो हिंसा से बचा जा सकता था।’ उन्होंने केंद्रीय मंत्री अजय कुमार मिश्रा का जिक्र करते हुए कहा, ‘इस घटना ने मानवता को शर्मसार कर दिया। मंत्री ने अभी तक इस्तीफा नहीं दिया है और न ही उन्हें हटाया गया है। उन्हें नैतिक आधार पर इस्तीफा देना चाहिए।’
एफआईआर में मंत्री के बेटे का भी नाम
गौरतलब है कि एसयूवी वाहन से किसानों के कुचले जाने की घटना के संबंध में तिकोनिया थाने में दर्ज एफआईआर में केंद्रीय मंत्री मिश्रा के बेटे का भी नाम है। हुड्डा ने दावा किया कि उनके और प्रियंका गांधी के साथ पुलिस ने धक्का मुक्की की। उन्होंने कहा, ‘लेकिन, यह कोई मुद्दा नहीं है। असली मुद्दा किसानों का है।’
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