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IAS Iftikharuddin Video: धर्म परिवर्तन पाठ वाला IAS इफ्तिखारुद्दीन का वीडियो असली! ओवैसी बोले- मुस्लिम होने की वजह से निशाने पर

हाइलाइट्सआईएएस इफ्तिखारुद्दीन के वीडियो पर एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी का बयान आयाओवैसी ने कहा कि मुस्लिम होने की वजह से पुराना वीडियो निकालकर अधिकारी को परेशान किया गयाएसआईटी जांच में पता चला है कि 2015-16 का वह वायरल वीडियो कानपुर कमिश्नर बंगले का हैकानपुर
यूपी के वरिष्ठ आईएएस इफ्तिखारुद्दीन के वीडियो पर एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी का बयान आया है। ओवैसी ने कहा कि मुस्लिम होने की वजह से पुराना वीडियो निकालकर आईएएस अधिकारी को परेशान किया है। दूसरी ओर, इस मामले की एसआईटी जांच में पता चला है कि 2015-16 का वह वायरल वीडियो कानपुर कमिश्नर बंगले का ही है।

इफ्तिखारुद्दीन के बचाव में उतरे एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, ‘हमको यह लगता है कि सरकार ने खुद ही अनऑफिशल तरीके से इस वीडियो को रिलीज करवाया। क्योंकि वह मुस्लिम तबके से आने वाले सीनियर रैंक के आईएएस अफसर हैं इसलिए उनको प्रताड़ित किया जा रहा है। उन्हें टारगेट किया जा रहा है। आउट ऑफ कॉन्टेक्स्ट उसके मायने निकाले जा रहे हैं।’

‘इफ्तिखारुद्दीन ने कौन से कानून का उल्लंघन किया’
ओवैसी ने आगे कहा, ‘हम सरकार से ये पूछना चाह रहे हैं चैलेंज कर रहा हूं कि भाई इफ्तिखारुद्दीन साहब ने कौन से कानून का उल्लंघन किया। ऑल इंडिया कंडक्ट रूल के सेक्शन-3 के मुताबिक तो उल्लंघन नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने कई फैसलों में कहा है कि आईएएस या आईपीएस अफसर होगा तो उसके मूल अधिकार सरकार नहीं छीन सकती।’

‘मुस्लिमों पर अत्याचार हुए, कभी एसआईटी नहीं बनी’
इफ्तिखारुद्दीन मामले में ओवैसी ने कहा, ‘अफसोस की बात है कि मुस्लिमों पर अत्याचार के मामले होते हैं, कभी एसआईटी नहीं बनाई गई। कभी एडिशनल डीजी को उसकी जांच करने के लिए नहीं कहा गया। एक ऐसा वीडियो जो छह साल पुराना है, उसकी आप इंक्वायरी करा रहे हैं। इससे साफ जाहिर हो रहा है कि ये सरकार मुस्लिम विरोधी है और एक आईएएस अफसर को गैरजरूरी तरीके से निशाना बनाया जा रहा है।’

वायरल वीडियो कमिश्नर बंगले का है
इफ्तिखारुद्दीन के वायरल वीडियो मामले में एसआईटी जांच का खुलासा हुआ है। सूत्रों के मुताबिक वायरल वीडियो कानपुर कमिश्नर के बंगले का है। 2015 के जुलाई-अगस्त महीने का रमजान के दौरान का वीडियो है। कमिश्नर बंगले पर तैनात कर्मचारियों से पूछताछ में खुलासा हुआ है। सूत्रों के मुताबिक कर्मचारियों ने इफ्तिखारुद्दीन पर कट्टरता का आरोप लगाया है। कर्मचारियों के मुताबिक आईएएस इफ्तिखारुद्दीन उन्हें देवी-देवताओं की तस्वीर नहीं लगाने देते थे साथ ही पूजा करने से रोकते थे।