अनुराग पाण्डेय, गोरखपुर
यूपी के गोरखपुर जिले में पुलिस की कथित पिटाई से कानपुर के व्यापारी मनीष गुप्ता की मौत ने पूरे प्रदेश को हिलाकर रख दिया है। प्रदेश के अंदर हर जगह केवल इसी मामले की चर्चा और पुलिस के खिलाफ लोगों का गुस्सा देखने को मिल रहा है। मामले में एक के बाद एक नए और चौंकाने वाले खुलासे आरोपी पुलिस कर्मियों के हो रहे हैं। इस पूरे मामले के सबसे मुख्य कैरेक्टर आरोपी इंस्पेक्टर जगनारायण सिंह यूं ही नहीं दिन दूना रात चौगुनी तरक्की कर रहा था। उसके किस्से और कारनामे भी बड़े अजीब थे। इस समय सोशल मीडिया पर इंस्पेक्टर जगनारायण सिंह के खिलाफ लोगों का गुस्सा खूब फूट रहा है। सोशल मीडिया पर कई ऐसे पोस्ट पड़े हैं, जिसमें इंस्पेक्टर जेएन सिंह का नाम नकद नारायण सिंह पड़ा था, इसका जिक्र कई पोस्ट में देखने को मिल रहा है।
मनीष गुप्ता हत्याकांड में गोरखपुर के रामगढ़ताल थाने के आरोपी इंस्पेक्टर जगत नारायण सिंह अपने कारनामों को लेकर अक्सर चर्चा में रहे हैं। सूत्रों की मानें तो वर्ष 2017 से गोरखपुर में पोस्ट रहे इंस्पेक्टर जगत नारायण, गोरखपुर में ‘नकद नारायण के नाम से काफी चर्चित हैं। यहां तक उनके परिचितों के मोबाइल फोन में भी उनके नंबर ‘नकद नारायण के नाम से ही सेव होते हैं।
आरोपी इंस्पेक्टर कोड वर्ड में करता था बात
सूत्र बताते हैं कि आरोपी इंस्पेक्टर का एक पेट डॉयलाग भी गोरखपुर जिले में काफी फेमस रहा है। वो हर किसी को चुटकी बजाकर यह कहते जरूर सुने जाते है। ”ओ मिस्टर…आई एम इंस्पेक्टर…हू आर यू? उनके पेट डॉयलागों में शुमार था।
वो अक्सर खुश होकर अपने कारनामों की कहानियां भी बताया करते हैं। कहते हैं कि मुझसे कोई सिफारिश न करना…मैं बिना वांछित के कोई काम नहीं करता। वांछित यानी कि (रुपयों के)। मैं जिले में सिर्फ दो लोगों की ही सुनता हूं। बाकी किसी की नहीं। बड़े- बड़े नेताओं का तो सुजाकर गुब्बारा बना दिया। ऐसे ही इंस्पेक्टर नहीं बना हूं। घाट- घाट का पानी पीकर सिपाही से आउट आफ टर्म प्रमोशन मिला है।
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