कानपुर का मनीष गुप्ता दोस्तों के साथ गया था गोरखपुरएक होटल में ठहरे थे दोस्त और मनीष, चेकिंग के नाम पर पुलिस ने किया प्रताड़ितपरिवार का आरोप, पुलिस की पिटाई से हुई मनीष की मौतमनीष का शव गोरखपुर से लाया गया कानपुर, गुरुवार तड़के हुआ अंतिम संस्कारकानपुर
गोरखपुर में कानपुर के प्रॉपर्टी डीलर की मौत का मामला गरमाता जा रहा है। अपनी मांगें पूरी न होने तक शव का दाह संस्कार न करने पर अड़े परिवार को पुलिस ने मनाकर दाह संस्कार करवा दिया। दाह संस्कार गुरुवार तड़के भैरो घाट पर किया गया। इस दौरान मौके पर भारी पुलिस फोर्स और प्रशासन के अधिकारी मौजूद रहे। इधर प्रॉपर्टी डीलर मनीष की पत्नी ने अपनी मांगें रखी हैं।
बुधवार सुबह परिजन मनीष का शव लेकर बर्रा स्थित आवास पहुंचे। राजनीतिक पार्टियों के नेताओं का जमावड़ा लग गया। नेताओं ने परिवार से मुलाकात कर हरसंभव मदद का भरोसा दिलाया। वहीं मृतक की पत्नी ने कहा था कि जब तक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात नहीं हो जाएगी, वह पति का अंतिम संस्कार नहीं करेंगी। इस पर अधिकारियों ने आश्वासन दिया है कि गुरुवार को कानपुर दौरे पर आए सीएम परिवार से मिल सकते हैं।
भारी पुलिस फोर्स तैनात करके किया दाह संस्कार
इधर नेताओं और भीड़ के बुधवार देर रात घर चले जाने के बाद पुलिस ने अंतिम संस्कार की तैयारियां शुरू कर दीं। गुरुवार तड़के भारी पुलिस फोर्स तैनात करके सुरक्षा के बीच परिवार और शव को भैरो घाट लाया गया और अंतिम संस्कार कर दिया गया।
मनीष की पत्नी मीनाक्षी ने बताया कि उन्हें कहा गया कि वह शव का सम्मान करें। जो चला गया वह वापस नहीं आएगा। अंतिम संस्कार के बाद उनकी मुलाकात सीएम से करवा दी जाएगी। मीनाक्षी ने कहा कि उनकी सीएम से अभी तक कोई बात नहीं हुई है, लेकिन पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों के कहने पर उन्होंने शव का दाह संस्कार कर दिया है।
मीनाक्षी ने रखीं अपनी मांगें
मीनाक्षी ने कहा कि उनकी मांग है कि मामला फिलहाल कानपुर ट्रांसफर कर दिया जाए क्योंकि वह बार-बार गोरखपुर भागकर नहीं जा सकती हैं। इसके अलावा वह चाहती है कि उन्हें सरकारी नौकरी दी जाए। 50 हजार रुपये हर्जाना दिया जाए। मीनाक्षी ने कहा कि वह सीबीआई जांच नहीं चाहती हैं, चाहती हैं कि जांच एसआईटी टीम से कराई जाए।
कानपुर के बर्रा तीन में रहने वाले मनीष गुप्ता (36) एक रियल स्टेट कंपनी के लिए काम करते थे। मनीष परिवार के इकलौते बेटे थे। परिवार में बुजुर्ग पिता पत्नी मीनाक्षी और बेटे अभिराज (4) के साथ रहते थे। मनीष की शादी 8 साल पहले मीनाक्षी से हुई थी। वहीं बेटे की हत्या की खबर सुनकर बुजुर्ग पिता की हालत बिगड़ गई है।
पुलिस पर बर्बरता से पिटाई के आरोप
मनीष अपने जिगरी दोस्तों प्रदीप चौहान, हरदीप सिंह के साथ गोरखपुर घूमने के लिए गए थे। मनीष अपने दोस्तों के साथ होटल कृष्णा पैलेस के रूम नंबर 512 में ठहरे थे। आरोप है कि सोमवार रात लगभग 12.30 बजे रामगढ़ ताल पुलिस होटल में चेकिंग करने पहुंची थी। पुलिस ने रूम का दरवाजा खुलवाया और सभी से आईडी मांगने लगें। आईडी चेक करने के बाद पुलिस सभी के बैग चेक करने लगी। पुलिस की हरकत पर मनीष ने कहा कि हम लोग कोई आतंकवादी नहीं हैं, पुलिस को यही बात नागवार गुजरी। आरोप है कि पुलिस ने मनीष और उसके दोस्तों को बेरहमी से पीटना शुरू कर दिया। पुलिस ने मनीष को पीट-पीट कर अधमरा कर दिया।
हालत बिगड़ने पर ले गए अस्पताल
इसी दौरान मनीष की तबियत बिगड़ गई। पुलिस मनीष को एक प्राइवेट हॉस्पिटल ले गई, गंभीर हालत में मनीष को बीआरडी हॉस्पिटल रेफर कर दिया। पुलिस ने एंबुलेंस से मनीष को बीआरडी भेजा जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। मनीष के परिजनों का कहना है कि उनके शरीर पर गंभीर चोटों के निशान हैं, मनीष को असलहों के नोंक और बटों से पीटा गया था।
‘मेरे पति का क्या कसूर था’
मनीष की पत्नी मीनाक्षी का कहना है कि मेरा परिवार को पुलिस वालों ने बर्बाद कर दिया है। मनीष की पुलिस कर्मियों ने क्यों इतनी बेरहमी से पिटाई की, आखिर उनका क्या कसूर था। मीनाक्षी का कहना है कि जब तक मुख्यमंत्री से मेरी मुलाकात नहीं हो जाएगी, मैं पति का अंतिम संस्कार नहीं होने दूंगी। मैं अनशन करूंगी, और इस दौरान कुछ भी कर सकती हूं। मैंने सीएम को कई ट्वीट किए, लेकिन अब ट्विटर ब्लॉक कर दिया गया है। मीनाक्षी की तहरीर पर 3 नामजद समेत 6 पुलिस कर्मियों पर हत्या का केस दर्ज किया गया है। वहीं पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के मुताबिक मनीष की मौत सिर पर चोट लगने की वजह से हुई है।
मनीष गुप्ता और मीनाक्षी
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