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IAS Iftikharuddin: कौन हैं आईएएस इफ्तिखारुद्दीन, धर्मांतरण विवाद से क्या है कनेक्शन, वायरल वीडियो में क्या-क्या कहा?

हाइलाइट्सकानपुर के पूर्व मंडलायुक्त इफ्तिखारुद्दीन से जुड़े सनसनीखेज वीडियो सामने आए हैंवीडियो में वह कथित रूप से सरकारी आवास पर धर्मांतरण के फायदे गिनाते दिख रहे हैंवीडियो सामने आने के बाद वरिष्ठ आईएएस इफ्तिखारुद्दीन पर कई सवालिया निशान लगेकानपुर
कानपुर के पूर्व मंडलायुक्त इफ्तिखारुद्दीन से जुड़े सनसनीखेज वीडियो सामने आए हैं। इस वीडियो में वह कथित रूप से सरकारी आवास पर धर्मांतरण के फायदे गिनाते दिख रहे हैं। वीडियो सामने आने के बाद वरिष्ठ आईएएस पर कई सवालिया निशान लग रहे हैं। योगी सरकार ने इस मामले में एसआईटी जांच के आदेश दिए है और 7 दिन के अंदर रिपोर्ट भेजने को कहा है।

कौन हैं आईएएस इफ्तिखारुद्दीन
वरिष्ठ अधिकारी इफ्तिखारुद्दीन 14 फरवरी 2014 से 22 अप्रैल 2017 तक कानपुर के मंडलायुक्त रह चुके हैं। वह श्रमायुक्त का पदभार भी संभाल चुके हैं। फिलहाल वह यूपी राज्य परिवहन निगम (रोजवेज) के चेयरमैन पद पर हैं।

धर्मांतरण विवाद से क्या है कनेक्शन?
सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें मोहम्मद इफ्तिखारुद्दीन सरकारी आवास पर मुस्लिम धर्म को लेकर तकरीरें पढ़ रहे हैं। उनके साथी धर्मांतरण करते दिख रहे हैं। वायरल वीडियो में इफ्तिखारुद्दीन कहीं अपनी बात रख रहे हैं तो कहीं पर सुन रहे हैं। उनमें मुस्लिम धर्म का एक जानकार धर्मांतरण पर बोल रहा है और इफ्तिखारुद्दीन आगे बैठकर उनकी बात ध्यान से सुन रहे हैं।

वीडियो में क्या-क्या कहा?
दूसरे वीडियो में इफ्तिखारुद्दीन कुर्सी पर बैठकर तकरीरें पढ़ रहे हैं। वह कह रहे हैं, ‘ऐलान करो, दुनिया के इंसानों से कि अल्लाह कि बादशाहत और निजामियत पूरी दुनिया में कायम करनी है।’ हालांकि एनबीटी ऑनलाइन वायरल वीडियो की पुष्टि नहीं करता।

इफ्तिखारुद्दीन पर क्या हैं आरोप?
वीडियो सामने आने के बाद वरिष्ठ आईएएस अधिकारी चौतरफा सवालों से घिरे हैं। एक स्थानीय बीजेपी नेता ने सीएम को खत लिखकर आरोप लगाया है कि वरिष्ठ आईएएस ने कानपुर में तैनाती के दौरान अपने पद का दुरुपयोग कर गरीब और भोले भाले लोगों का धर्मांतरण कराया, इसकी जांच होनी चाहिए।

वहीं राष्ट्रीय अध्यक्ष मठ मंदिर समन्वय समिति ने सीएम योगी आदित्यनाथ से शिकायत की है। मोहम्मद इफ्तिखारुद्दीन पर आरोप लगाया है कि जब वह कानपुर में थे तो रमजान में इनके दफ्तर या घर में कोई कर्मचारी कुछ खा-पी नहीं सकता था। उन पर धर्म परिवर्तन और इस्लाम की आड़ में लोगों को भड़काने का आरोप लगाया गया।

सीएम ने दिए एसआईटी जांच के आदेश
आईएएस इफ्तखारुद्दीन के मामले में एसआईटी जांच के आदेश दिए गए हैं। डीजी सीबीसीआईडी जीएल मीणा और सदस्य एडीजी जोन भानु भास्कर इसका नेतृत्व करेंगे। एसआईटी अपनी रिपोर्ट 7 दिन के अंदर यूपी सरकार को भेजेगी। वायरल वीडियो पर डेप्युटी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने संज्ञान लिया। उन्होंने कहा कि इस जांच कराने के बाद आगे की कार्रवाई होगी।

आईएएस इफ्तिखारुद्दीन (फाइल फोटो)