लखनऊ
बीते दिनों महाराजगंज में महंत अवैद्यनाथ की मूर्ति के अनावरण के दौरान सीएम योगी आदित्यनाथ ने एक बार फिर पूर्व सांसद रामविलास वेदांती पर निशाना साधा। योगी ने अमेरिका में तुलसी के बढ़ते प्रचलन के बारे में बताते हुए मंच पर मौजूद वेदांती को ताना मारा। योगी ने कहा था कि अमेरिका भी तुलसी का महत्व मान रहा है लेकिन वेदांती के घर में तुलसी का पौधा नहीं है। इससे पहले भी सार्वजनिक मंच पर सीएम योगी आदित्यनाथ कई बार राम विलास वेदांती पर तंस कस चुके हैं। दोनों ही बीजेपी में हिंदुत्व का चेहरा माने जाते हैं, ऐसे में एक-दूसरे से खटास के पीछे वजह क्या है, आइए जानते हैं-
वेदांती पर तंज कसते हुए योगी ने क्या कहा?
महाराजगंज में 24 सितंबर को महंत अवैद्यनाथ की मूर्ति अनावरण के मौके पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने अमेरिका में तुलसी के बढ़ते प्रचलन के बारे में बताया। योगी ने कहा कि कोविड के बाद अमेरिका में तुलसी की लोकप्रियता बढ़ी है। योगी ने बताया कि अमेरिका में लोग पानी में तुलसी की बूंदे डालकर पीते हैं। वहां इस बात को मानने लगे हैं कि तुलसी से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।
इसी दौरान योगी ने मंच पर मौजूद राम विलास वेदांती की ओर इशारा करते हुए तंज कस दिया। योगी आदित्यनाथ ने कहा, ‘हमारे देश में हजारों साल से तुलसी का महत्व माना जा रहा है। यह बात अलग है कि वेदांती जी नहीं मानते। मैं गया था इन्हें लेकिन मैंने वहां तुलसी नहीं देखी।’
जब योगी बोले थे- वेदांती गधे पालते हैं
यह पहला मौका नहीं था, योगी आदित्यनाथ ने दो साल पहले भी रामजन्म भूमि न्यास के वरिष्ठ सदस्य राम विलास पर तीखी टिप्पणी की थी। अयोध्या के उदासीन आश्रम में गोशाला का लोकार्ण करने के बाद संत सम्मेलन में योगी ने अयोध्या के संतों से अपने आश्रम में गोशाला बनाकर कम से कम पांच गायों की सेवा करने का संकल्प लेने को कहा था।
सीएम योगी ने कहा था कि ‘यह बात मैं वेदांती को छोड़कर बाकी लोगों से कह रहा हूं। वह गोसेवा नहीं कर सकते क्योंकि वह गधे पालते हैं। सीएम ने अपने संबोधन के आखिर में फिर वेदांती का नाम लिया और कहा कि वेदांती ने अपने मंदिर में चलने के लिए कहा था, लेकिन मैं वहां तब तक नहीं जाऊंगा जब तक यह अपने आश्रम में गो सेवा के लिए गोशाला नहीं खोल लेते और यह ऐसा करेंगे नहीं।’
योगी के तंज पर वेदांती का जवाब
खास बात यह है कि योगी ने दोनों ही मौके पर उन बातों को लेकर वेदांती पर तंज कसा जो हिंदू धर्म में महत्व रखते हैं। चाहे तुलसी हो या गाय, दोनों ही हिंदुत्व का प्रतीक माने जाते हैं। योगी के तंज पर राम विलास वेदांती ने भी पलटवार किया था। वेदांती ने कहा था कि ‘अयोध्या में गाय दिखाई देती है, गधे कहीं नहीं दिखते। हिंदू धाम में कोई गधा नहीं है, योगी आदित्यनाथ के साथ जरूर कुछ गधे चलते हैं।’
राम विलास वेदांती ने यह भी कहा था कि ‘योगी आदित्यनाथ का साधु जन्म 1994 में हुआ है। मैं 96 में चुनाव लड़ा और वह 98 में चुनाव लड़े। सांसद रहते हुए योगी भी कई बार हिंदू धाम में आए थे। इसी गाय की मां का दूध उनके गुरु अवैद्यनाथ जी ने भी पिया है और इस गाय का दूध कई बार योगी आदित्यनाथ ने भी पिया है।’ इसी तरह वेदांती ने मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान चुनाव में हुई बीजेपी की हार के लिए योगी को जिम्मेदार ठहराया था। वेदांती कई मौके पर अपने बयानों से योगी और बीजेपी को असहज कर चुके हैं हालांकि बाद में वह उनके साथ नजर आते हैं।
बीजेपी से साइडलाइन होते गए वेदांती
राम मंदिर आंदोलन में सक्रिय रूप से हिस्सा लेने वाले राम विलास वेदांती ने 1996 में मछलीशहर और 1998 में प्रतापगढ़ से सांसद रह चुके हैं। बीजेपी के साथ-साथ राम जन्मभूमित न्यास के सदस्य रह चुके हैं हालांकि अपने अपने बेरोक-टोक बयानों के चलते राम विलास वेदांती धीरे-धीरे पार्टी और वीएचपी दोनों से ही दरकिनार कर दिए गए।
2014 लोकसभा चुनाव में वेदांती को फैजाबाद या लखनऊ से टिकट दिए जाने की चर्चा चल रही थी लेकिन ऐसा न होने पर उन्होंने बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व पर संत-धर्माचार्यों की उपेक्षा करने का आरोप लगाया था। इसके बाद जब 2019 चुनाव में भी उन्हें टिकट नहीं मिला तो वेदांती ने बयान दिया कि बीजेपी ने अपने पैर में कुल्हाड़ी मार ली है। उन्होंने कहा था कि यूपी में अब कभी भी बीजेपी की वापसी नहीं होगी।
राम मंदिर ट्रस्ट में भी नहीं मिली जिम्मेदारी
राम विलास वेदांती कभी बीजेपी के फायरब्रैंड नेता कहलाते जाते थे लेकिन अपने बयानों के चलते अपनी पार्टी के लिए ही सिरदर्द साबित हो गए। राम मंंदिर के लिए बनाए गए श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट में भी राम विलास वेदांती को कोई जिम्मेदारी नहीं दी गई। ट्रस्ट से जुड़े सूत्र बताते हैं कि राम विलास वेदांती कई बार अपने बयानों पर किरकिरी करा चुके हैं, इस कारण उनकी विश्वसनीयता कम हुई है।
राम मंदिर आंदोलन का चेहरा था राम विलास वेदांती
राम विलास वेदांती राम मंदिर आंदोलन के मुख्य चेहरों में से एक थे। ढांचा विध्वंस मामले में बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, कल्याण सिंह, उमा भारती समेत 32 आरोपियों में राम विलास वेदांती भी शामिल थे। मामले की सुनवाई के दौरान वेदांती ने कहा था कि मैंने मस्जिद नहीं मंदिर के खंडहर को गिराया था। वहां केवल और केवल मंदिर था, जिसे राजा विक्रमादित्य ने 84 कसौटी के खंभे पर बनवाया था। उस मंदिर पर रामलला विराजमान थे। वह खंडहर हो चुका था, इसलिए हमने खंडहर को तोड़वाकर नया मंदिर बनवाने का संकल्प लिया था। सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने अपने फैसले में सभी 32 आरोपियों को बरी कर दिया था।
एनबीटी संवाददाता वीएन दास से मिले इनपुट के साथ
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