देश भर में रेलवे के सभी अस्पतालों में आम लोगों का भी इलाज हो सके यह प्रस्ताव केंद्र सरकार ने उत्तर मध्य रेलवे जोन समेत सभी जोनल रेलवे को भेजा है। अगर इस प्रस्ताव पर मुहर लगी तो प्रयागराज स्थित केंद्रीय चिकित्सालय समेत जोन के अन्य सभी रेलवे चिकित्सालयों में रेल कर्मियों के अलावा बाहरी लोगों का भी इलाज हो सकेगा। इसके अलावा प्रस्ताव में रेलवे अस्पताल को पीपीपी मोड पर विकसित करने की भी बात कही गई है। हालांकि रेल कर्मी इस प्रस्ताव के विरोध में आ गए हैं।
प्रयागराज स्थित केंद्रीय चिकित्सालय समेत देश में रेलवे के कुल 125 चिकित्सालय हैं। इसके अलावा 586 हेल्थ यूनिट /पॉलीक्लीनिक भी हैं। वर्तमान समय इन सभी चिकित्सालयों और हेल्थ यूनिट में सिर्फ रेलकर्मी और उनके परिवार के सदस्यों का ही इलाज होता है। लेकिन अब केंद्र सरकार के आर्थिक सलाहकार संदीप सान्याल द्वारा रेलवे के सभी चिकित्सालयों में आम लोगों के इलाज का भी प्रस्ताव दिया है। इस संबंध में उत्तर मध्य रेलवे जोन के महाप्रबंधक को पत्र भी भेजा गया है।
इस प्रस्ताव में रेलवे अस्पतालों को पीपीपी मोड पर विकसित करने को भी कहा गया है। ताकि रेलवे अस्पताल मेें अन्य जरूरी सुविधाएं भी बढ़ाई जा सकें। प्रस्ताव में कहा गया है कि रेलवे अस्पताल का इंफ्रास्ट्रक्चर बढ़ाने के लिए इनवेस्टमेंट की आवश्यकता है। हालांकि इस पत्र में कुछ ऐसे तथ्य भी शामिल किए गए हैं, जिसका रेल यूनियन पदाधिकारियों ने विरोध किया है। दरअसल इसमें कहा गया है कि रेलवे के अस्पताल ग्रामीण क्षेत्र में है।
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