वाराणसी जिले में डेंगू का प्रकोप दिन प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है। हालत यह है कि ग्रामीण के साथ ही शहरी इलाकों में भी हर दिन मरीज मिल रहे हैं। पिछले साल केवल चार मरीज मिले थे। जबकि इस साल जुलाई से सितंबर तक तीन महीने में ही 134 मरीज मिल चुके हैं।
इसके अलावा करीब 1475 संभावित मरीज भी हैं। अगर डेंगू से होने वाली मौतों की बात करें तो सरकारी आंकड़ों के हिसाब से सिर्फ एक मौत हुई है। जबकि हकीकत में अब तक चार लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। शुक्रवार को छह घरों में डेंगू का लार्वा मिला। दो नए मरीज भी मिले।
पांडेयपुर में 11 वर्षीय बच्चे के साथ ही सीरगोवर्धन में 25 वर्षीय युवक में डेंगू की पुष्टि हुई है। वहीं, जिले में डेंगू के मुकाबले मलेरिया के मरीजों का ग्राफ थोड़ा कम है, लेकिन जिस तरह से मच्छरों का प्रकोप बढ़ा है, उसे देख चिकित्सक सतर्कता बरतने की सलाह दे रहे हैं।
पिछले साल केवल 60 मरीज मिले थे, जबकि इस साल 46 मरीजों के मिलने के बाद कुल संख्या 106 हो गई है। 20 से अधिक मरीज शहरी क्षेत्र के हैं जबकि ग्रामीण इलाकों में भी मरीज मिले हैं। डेंगू, मलेरिया पर नियंत्रण के लिए स्वास्थ्य विभाग और नगर निगम की ओर से अभियान चलाया जा रहा है।
लोगों को बचाव के उपाय बताए जा रहे हैं। साथ ही घर के आसपास जलभराव मिलने पर दवा का छिड़काव और फॉगिंग भी कराई जा रही है। जिला मलेरिया अधिकारी एससी पांडेय ने बताया कि जिन घरों में डेंगू का लार्वा मिल रहा है, उन्हें नोटिस देकर घर के आसपास सफाई कराने को कहा गया है।
सीएमओ डॉ. वीबी सिंह ने कहा कि डेंगू, मलेरिया के साथ ही वायरल फीवर के मरीजों के बारे में सभी अस्पतालों को रिपोर्ट देने को कहा गया है। इसके अलावा मलेरिया विभाग में टीम का गठन कर हर दिन शहरी, ग्रामीण इलाकों में दवाओं का छिड़काव कराया जा रहा है।
बनारस में वायरल फीवर का प्रकोप भी बढ़ा है। हर दिन मंडलीय अस्पताल कबीरचौरा, शास्त्री अस्पताल की ओपीडी में वायरल फीवर से ग्रसित 100 से अधिक मरीज पहुंच रहे हैं। कोई सर्दी, खांसी, बुखार से परेशान है तो किसी को पेट दर्द की शिकायत है। बच्चों की संख्या भी अधिक है।
मंडलीय अस्पताल के एसआईसी डॉ. प्रसन्न कुमार ने बताया कि डेंगू मरीजों के लिए नौ बेड का वार्ड बनाए जाने के साथ ही इमरजेंसी में ही 10 बेड का वायरल फीवर वार्ड बनाया गया है। इसके अलावा कार्डियोलॉजी सहित अन्य वार्डों में भी बेड रिजर्व हैं। ताकि जरूरत पड़ने पर मरीजों को भर्ती किया जा सके।
डेंगू और वायरल फीवर मिलाकर सरकारी और निजी अस्पताल में 101 मरीजों का इलाज चल रहा है, जिसमें सबसे अधिक 20 मरीज बीएचयू में, मंडलीय अस्पताल पांच, शास्त्री अस्पताल रामनगर 1 और दीनदयाल अस्पताल पांडेयपुर में सात मरीज भर्ती हैं।
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