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महंत नरेंद्र गिरि केस : सीबीआई ने दर्ज की एफआईआर, करा सकती है सीन रिक्रिएशन

सार
सीबीआई की टीम प्रयागराज के बाघंबरी गद्दी मठ पहुंचकर सेवादारों और घटना के समय मौजूद रहे आश्रम के कर्मचारियों से पूछताछ शुरू कर सकती है।

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत नरेंद्र गिरी

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महंत नरेंद्र गिरि खुदकुशी प्रकरण में सीबीआई ने जांच शुरू कर दी है। उत्तर प्रदेश सरकार के अनुरोध पर सीबीआई ने बृहस्पतिवार को नोटिफिकेशन जारी कर दिल्ली में रिपोर्ट दर्ज कर ली। घटना की पड़ताल करने के लिए सीबीआई की स्पेशल क्राइम ब्रांच की टीम शुक्रवार रात प्रयागराज पहुंच गई। अब पुलिस द्वारा केस ट्रांसफर की औपचारिकताओं को पूरा किया जाएगा। विगत 20 सितंबर को अल्लापुर स्थित बाघंबरी मठ में महंत नरेंद्र गिरि का शव पंखे से लटकता मिला था।

पुलिस ने इस मामले में जार्जटाउन थाने में उनके शिष्य आनंद गिरि के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की थी। जांच के बाद आद्या तिवारी और उसके बेटे संदीप को भी आरोपी बनाया गया था। तीनों को आत्महत्या के लिए उकसाने की धारा में जेल भेज दिया गया। मामले में तमाम साधु संतों और राजनेताओं ने नरेंद्र गिरि की हत्या की आशंका जताई थी। इस कारण राज्य सरकार ने दो दिन पहले घटना की सीबीआई जांच की संस्तुति कर दी थी। बृहस्पतिवार को सीबीआई ने इस केस में नोटिफिकेशन जारी करते हुए दिल्ली में एफआईआर दर्ज कर ली और शुक्रवार रात को सीबीआई की टीम प्रयागराज पहुंच गई।

जांच सीबीआई की स्पेशल क्राइम ब्रांच के एएसपी केएस नेगी के नेतृत्व में की जाएगी। टीम सबसे पहले अधिकारियों के साथ मीटिंग करके घटना के बारे में जानकारी लेगी। इसके बाद विवेचक और एसआईटी के सदस्यों से भी मुलाकात करेगी। एसपी सिटी दिनेश सिंह ने बताया कि पुलिस ने केस हैंडओवर करने की तैयारी पूरी कर ली है। सीबीआई टीम केस से संबंधित जो भी कागजात मांग सकती है, सबको तैयार कर लिया गया है। सीबीआई ने महंत नरेंद्र गिरि के शिष्य अमर गिरि की ओर से दर्ज कराई गई एफआईआर को ही आधार बनाया है।

आत्महत्या के लिए उकसाने की धारा 306 के तहत मामला सीबीआई ने दर्ज कर किया
प्रयागराज के अल्लापुर इलाके में स्थित श्री बाघंबरी गद्दी मठ में सोमवार की शाम संदिग्ध दशा में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि का शव छत के पंखे से लटकता मिला था। उनके पास से 14 पन्नों का सुसाइड नोट भी बरामद किया गया था। इस मामले में आत्महत्या के लिए उकसाने की धारा 306 के तहत मामला सीबीआई ने दर्ज कर किया है।  पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक महंत की मौत दम घुटने से हुई है। महंत के पास से मिले सुसाइड नोट के आधार पर पुलिस ने महंत के शिष्य रहे योग गुरु आनंद गिरि, संगम स्थित लेटे हनुमानजी मंदिर के प्रधान पुजारी आद्या प्रसाद तिवारी और उसके पुत्र संदीप तिवारी को गिरफ्तर कर नैनी जेल भेज दिया है। 

एएसपी सीबीआई स्पेशल क्राइम तृतीय केएस नेगी करेंगे जांच
सीबीआई विशेष अपराध तृतीय नई दिल्ली के पुलिस अधीक्षक बसील केरकेट्टा ने छह सदस्यीय टीम का गठन महंत की मौत की जांच के लिए किया है। जांच टीम अपर पुलिस अधीक्षक सीबीआई विशेष अपराध तृतीय केएस नेगी के नेतृत्व में विवेचना को आगे बढ़ाएगी। 

सीबीआई ने केस दर्ज करने की जानकारी अधिकारियों को भेजी
महंत नरेंद्र गिरि की मौत के मामले में एफआईआर दर्ज करने के बाद सीबीआई की ओर से इसकी आधिकारिक जानकारी उच्चाधिकारियों को भेज दी गई है। जिसमें स्पेशल सीबीआई मजिस्ट्रेट लखनऊ, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रयागराज, अपर मुख्य सचिव गृह, उत्तर प्रदेश, पुलिस महानिदेशक यूपी, एसएसपी प्रयागराज, सीबीआई क्राइम ब्रांच मुख्यालय आदि को भेजी गई है। 

सीबीआई इन लोगों से कर सकती है पूछताछ
शीर्ष जांच एजेंसी सीबीआई महंत की मौत के मामले में उनके शिष्य रहे योग गुरु आनंद गिरि, लेटे हनुमान मंदिर के मुख्य पुजारी रहे आद्या प्रसाद तिवारी, आद्या के पुत्र संदीप तिवारी, घटना के बाद दरवाजा खोलकर शव को नीचे उतारने वाले शिष्य सुमित तिवारी, सर्वेश तिवारी और धनंजय, महंत की सुरक्षा में तैनात रहे सिपाही अजय सिंह, विवाद के बाद आनंद गिरि से समझौता कराने वाले एडिशनल एसपी ओम प्रकाश पांडेय, भाजपा नेता सुशील मिश्रा, सपा सरकार में राज्यमंत्री दर्जा प्राप्त रहे इंदू प्रकाश मिश्रा, सुसाइड नोट में उत्तराधिकारी बनाए गए महंत बलवीर गिरि और घटना होने के बाद सबसे पहले मौके पर पहुंचने वाले आईजी केपी सिंह से भी पूछताछ हो सकती है। कुछ महीने पहले गुरु से विवाद के बाद आनंद गिरि ने केपी सिंह का नाम लेकर उनसे जान का खतरा बताया था और गुरु से संबंध को लेकर कई सवाल उठाए थे।

आनंद गिरि और आद्या तिवारी की वीडियो कांफ्रेंसिंग से होगी पेशी
अखाड़ा परिषद अध्यक्ष नरेंद्र गिरि की मौत के मामले में गिरफ्तार कर नैनी जेल भेजे गए आरोपी आनंद गिरि और आद्या प्रसाद तिवारी को कोर्ट में फिजिकली पेशी नहीं होगी। सीजेएम कोर्ट ने दोनों को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से कोर्ट में पेशी कराने का निर्देश दिया है। बता दें कि आनंद गिरि और आद्या प्रसाद तिवारी ने सीजेएम कोर्ट में प्रार्थना पत्र देकर जेल में और पेशी के दौरान अपनी जान को खतरा बताया था। 
 

विस्तार

महंत नरेंद्र गिरि खुदकुशी प्रकरण में सीबीआई ने जांच शुरू कर दी है। उत्तर प्रदेश सरकार के अनुरोध पर सीबीआई ने बृहस्पतिवार को नोटिफिकेशन जारी कर दिल्ली में रिपोर्ट दर्ज कर ली। घटना की पड़ताल करने के लिए सीबीआई की स्पेशल क्राइम ब्रांच की टीम शुक्रवार रात प्रयागराज पहुंच गई। अब पुलिस द्वारा केस ट्रांसफर की औपचारिकताओं को पूरा किया जाएगा। विगत 20 सितंबर को अल्लापुर स्थित बाघंबरी मठ में महंत नरेंद्र गिरि का शव पंखे से लटकता मिला था।

पुलिस ने इस मामले में जार्जटाउन थाने में उनके शिष्य आनंद गिरि के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की थी। जांच के बाद आद्या तिवारी और उसके बेटे संदीप को भी आरोपी बनाया गया था। तीनों को आत्महत्या के लिए उकसाने की धारा में जेल भेज दिया गया। मामले में तमाम साधु संतों और राजनेताओं ने नरेंद्र गिरि की हत्या की आशंका जताई थी। इस कारण राज्य सरकार ने दो दिन पहले घटना की सीबीआई जांच की संस्तुति कर दी थी। बृहस्पतिवार को सीबीआई ने इस केस में नोटिफिकेशन जारी करते हुए दिल्ली में एफआईआर दर्ज कर ली और शुक्रवार रात को सीबीआई की टीम प्रयागराज पहुंच गई।

जांच सीबीआई की स्पेशल क्राइम ब्रांच के एएसपी केएस नेगी के नेतृत्व में की जाएगी। टीम सबसे पहले अधिकारियों के साथ मीटिंग करके घटना के बारे में जानकारी लेगी। इसके बाद विवेचक और एसआईटी के सदस्यों से भी मुलाकात करेगी। एसपी सिटी दिनेश सिंह ने बताया कि पुलिस ने केस हैंडओवर करने की तैयारी पूरी कर ली है। सीबीआई टीम केस से संबंधित जो भी कागजात मांग सकती है, सबको तैयार कर लिया गया है। सीबीआई ने महंत नरेंद्र गिरि के शिष्य अमर गिरि की ओर से दर्ज कराई गई एफआईआर को ही आधार बनाया है।

आत्महत्या के लिए उकसाने की धारा 306 के तहत मामला सीबीआई ने दर्ज कर किया
प्रयागराज के अल्लापुर इलाके में स्थित श्री बाघंबरी गद्दी मठ में सोमवार की शाम संदिग्ध दशा में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि का शव छत के पंखे से लटकता मिला था। उनके पास से 14 पन्नों का सुसाइड नोट भी बरामद किया गया था। इस मामले में आत्महत्या के लिए उकसाने की धारा 306 के तहत मामला सीबीआई ने दर्ज कर किया है।  पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक महंत की मौत दम घुटने से हुई है। महंत के पास से मिले सुसाइड नोट के आधार पर पुलिस ने महंत के शिष्य रहे योग गुरु आनंद गिरि, संगम स्थित लेटे हनुमानजी मंदिर के प्रधान पुजारी आद्या प्रसाद तिवारी और उसके पुत्र संदीप तिवारी को गिरफ्तर कर नैनी जेल भेज दिया है। 

एएसपी सीबीआई स्पेशल क्राइम तृतीय केएस नेगी करेंगे जांच
सीबीआई विशेष अपराध तृतीय नई दिल्ली के पुलिस अधीक्षक बसील केरकेट्टा ने छह सदस्यीय टीम का गठन महंत की मौत की जांच के लिए किया है। जांच टीम अपर पुलिस अधीक्षक सीबीआई विशेष अपराध तृतीय केएस नेगी के नेतृत्व में विवेचना को आगे बढ़ाएगी। 

सीबीआई ने केस दर्ज करने की जानकारी अधिकारियों को भेजी
महंत नरेंद्र गिरि की मौत के मामले में एफआईआर दर्ज करने के बाद सीबीआई की ओर से इसकी आधिकारिक जानकारी उच्चाधिकारियों को भेज दी गई है। जिसमें स्पेशल सीबीआई मजिस्ट्रेट लखनऊ, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रयागराज, अपर मुख्य सचिव गृह, उत्तर प्रदेश, पुलिस महानिदेशक यूपी, एसएसपी प्रयागराज, सीबीआई क्राइम ब्रांच मुख्यालय आदि को भेजी गई है। 

सीबीआई इन लोगों से कर सकती है पूछताछ
शीर्ष जांच एजेंसी सीबीआई महंत की मौत के मामले में उनके शिष्य रहे योग गुरु आनंद गिरि, लेटे हनुमान मंदिर के मुख्य पुजारी रहे आद्या प्रसाद तिवारी, आद्या के पुत्र संदीप तिवारी, घटना के बाद दरवाजा खोलकर शव को नीचे उतारने वाले शिष्य सुमित तिवारी, सर्वेश तिवारी और धनंजय, महंत की सुरक्षा में तैनात रहे सिपाही अजय सिंह, विवाद के बाद आनंद गिरि से समझौता कराने वाले एडिशनल एसपी ओम प्रकाश पांडेय, भाजपा नेता सुशील मिश्रा, सपा सरकार में राज्यमंत्री दर्जा प्राप्त रहे इंदू प्रकाश मिश्रा, सुसाइड नोट में उत्तराधिकारी बनाए गए महंत बलवीर गिरि और घटना होने के बाद सबसे पहले मौके पर पहुंचने वाले आईजी केपी सिंह से भी पूछताछ हो सकती है। कुछ महीने पहले गुरु से विवाद के बाद आनंद गिरि ने केपी सिंह का नाम लेकर उनसे जान का खतरा बताया था और गुरु से संबंध को लेकर कई सवाल उठाए थे।

आनंद गिरि और आद्या तिवारी की वीडियो कांफ्रेंसिंग से होगी पेशी
अखाड़ा परिषद अध्यक्ष नरेंद्र गिरि की मौत के मामले में गिरफ्तार कर नैनी जेल भेजे गए आरोपी आनंद गिरि और आद्या प्रसाद तिवारी को कोर्ट में फिजिकली पेशी नहीं होगी। सीजेएम कोर्ट ने दोनों को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से कोर्ट में पेशी कराने का निर्देश दिया है। बता दें कि आनंद गिरि और आद्या प्रसाद तिवारी ने सीजेएम कोर्ट में प्रार्थना पत्र देकर जेल में और पेशी के दौरान अपनी जान को खतरा बताया था।