अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी ने शुक्रवार को प्रयागराज में मदरसा शिक्षा परिषद की मुंशी-मौलवी सेकेंडरी और आलिम सीनियर सकेंडरी को रिजल्ट घोषित किया। मुंशी-मौलवी में 99.38 और आलिम में 98.99 फीसदी विद्यार्थी उत्तीर्ण हुए हैं। वहीं, मुंशी-मौलवी के 589 और आलिम के 260 विद्यार्थी फेल घोषित किए गए हैं।
उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के चलते मदरसा शिक्षा परिषद ने अन्य बोर्ड की तर्ज पर मुंशी-मौलवी और आलिम की परीक्षा को निरस्त कर पंजीकृत परीक्षार्थियों को उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद द्वारा अपनाई गई अंक पद्धति के मुताबिक कक्षोन्नति प्रदान की है। प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री की मंशा ‘एक हाथ में कुरान और दूसरे हाथ में कंप्यूटर’ से अल्पसंख्यकों में नए मनोबल, चेतना और विश्वास का संचार हुआ है। सरकार का लक्ष्य है कि मदरसों में पारंपरिक शिक्षा के साथ आधुनिक शिक्षा भी पूरे वैज्ञानिक तरीके से दी जाए और मदरसों के छात्र मुख्यधारा में शामिल हों। इसलिए मदरसों में एनसीईआरटी पाठ्यक्रम लागू कर संबंधित पुस्तकें उपलब्ध कराई जा रही हैं। इसके अतिरिक्त मदरसा पोर्टल बनाकर मदरसों की व्यवस्थाओं में पारदर्शिता लाई गई है। इस मौके पर मदरसा शिक्षा परिषद के चेयरमैन डॉ. इफ्तिखार अहमद जावेद, रजिस्ट्रार आरपी सिंह और प्रयागराज उपनिदेशक जगमोहन सिंह भी मौजूद थे।
लड़कियों ने इस बार भी मारी बाजी
मदरसा बोर्ड की परीक्षाओं में बीते सालों की इस बार भी लड़कियों ने बाजी मारी है। मुंशी-मौलवी में इस बार कुल 96,213 विद्यार्थी शामिल हुए । इनमें से 54,991 छात्र और 41,222 छात्राएं थीं। इनमें से 54,630 छात्र (99.34 फीसदी) और 40,994 छात्राएं (99.44 फीसदी) उत्तीर्ण घोषित की गईं। इस तरह आलिम की कक्षाओं में कुल विद्यार्थी 25,919 में से छात्र 13,922 और 11,997 छात्राएं थीं। इनमें से उत्तीर्ण होने वाले 13734 छात्र (98.64 फीसदी) और छात्राएं 11925 छात्राएं (99.39 फीसदी) हैं।
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