गोरखपुर जिले में हैरान कर देने वाला एक मामला सामने आया है। यहां पर दोस्त के आइडिया ने युवकों को जेल भिजवा दिया। इन युवकों ने दोस्त का आइडिया मानकर एक व्यापारी से 20 लाख की रंगदारी मांगी थी, लेकिन साइबर सेल ने इनका खेल तमाम कर दिया।
गोरखपुर के सिकरीगंज इलाके में 18 जुलाई को रामडीह निवासी व्यापारी अयोध्या प्रसाद जायसवाल से इंटरनेट कॉल के जरिए 20 लाख रुपये की रंगदारी मांगे जाने के मामले में पुलिस ने साइबर सेल की मदद से दो बदमाशों को गिरफ्तार किया है। हालांकि, पकड़े गए बदमाशों का कहना है कि उन्होंने मजाक में ऐसा किया था, लेकिन पुलिस ने उनका मोबाइल और सिम बरामद कर दोनों को गिरफ्तार कर लिया। पकड़े गए आरोपियों की पहचान दुर्गेश उर्फ हनुमान शुक्ला और उत्कर्ष उर्फ विपुल के रूप में हुई। दोनों शुक्लपुरा, असौजी बाजार सिकरीगंज के रहने वाले हैं।
किसी को भी दो धमकी कोई नहीं पकड़ पाएगा
सोमवार को एसपी साउथ कुमार सिंह और सीओ क्राइम रत्नेश सिंह के मुताबिक, पकड़े गए दुर्गेश ने पुलिस को बताया कि उसके गांव का उत्कर्ष उर्फ विपुल कुमार ने उसके मोबाइल में फेक कॉल एप डाउनलोड किया। कहा कि इससे किसी को गाली-धमकी दोगे तो तुम्हे कोई पकड़ नहीं सकेगा। इसके बाद उसने मोबाइल ऐप से सिकरीगंज के व्यवसायी को कॉल करके 20 लाख रुपये की फिरौती मांगी। न देने पर गोली मार कर हत्या करने की धमकी तक दे डाली।
फर्जी सिम का नहीं हुआ इंतजाम तो डाउनलोड करा दिया ऐप
उत्कर्ष उर्फ विपुल ने बताया कि उसके गांव के दुर्गेश उर्फ हनुमान शुक्ला मेरे पास आया और कहा कि मुझे एक फर्जी सिम चाहिए। उससे किसी को गाली-धमकी देनी है। जिससे मैं पकड़ा न जा सकूं। उत्कर्ष ने कहा कि मेरे पास फर्जी सिम तो नहीं है, लेकिन एक मोबाइल ऐप डाउनलोड कर दूंगा, जिससे तुम किसी को भी कॉल करोगे तो पकड़े नहीं जाओगे। इसके बाद उत्कर्ष ने हनुमान के फोन में फेक कॉल ऐप डाउनलोड करके उसे एक कॉल करके दिखाया।
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एसएससी की तैयारी कर रहा है आइडिया देने वाला दोस्त
ऐप देख हनुमान पूरी तरह निश्चिंत हो गया और उसने गल्ला व्यापारी अयोध्या जायसवाल को कॉल कर 20 लाख की रंगदारी मांगी। हालांकि, इस बीच यह मामला मीडिया में सामने आने के बाद दोनों को इस बात का एहसास हो गया कि वे पकड़े जा सकते हैं, लेकिन उत्कर्ष ने हनुमान के मोबाइल से ऐप डिलीट करा दिया और कहा कि अब कुछ नहीं होगा। पुलिस के मुताबिकस दुर्गेश उर्फ हनुमान ने प्रधान पद के लिए चुनाव लड़ चुका है और वे 2 वोट से हार गया था, जबकि उत्कर्ष एसएससी की तैयारी करता है। पुलिस को तभी से दोनों की तलाश थी। साइबर सेल की मदद से पुलिस ने सोमवार को दोनों को गिरफ्तार कर लिया।
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