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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश के मुख्य सचिव को निर्देश दिया है कि वह यह सुनिश्चित करें कि राज्य के सभी सरकारी विभाग व एजेंसियां अपने यहां की चयन व नियुक्ति नियमावली के अनुसार यह तय करें कि किसी भर्ती के लिए निर्धारित योग्यता में उसके समकक्ष योग्यता रखने वाले अभ्यर्थियों को शामिल किया जाएगा या नहीं। कोर्ट ने कहा है कि यह बात चयन प्रक्रिया शुरू करने से पूर्व तय कर ली जाए। कोर्ट ने लोक सेवा आयोग को भी निर्देश दिया है कि वह सुनिश्चित करे कि नियुक्ति के नियम अहर्ता तय करने में समकक्ष या उच्च योग्यता को शामिल करते हैं या नहीं।
कोर्ट ने मुख्य सचिव व लोक सेवा आयोग के सचिव से इस आदेश के अनुपालन में एक माह में हलफनामा दाखिल करने के लिए कहा है। इसके साथ ही अदालत ने सहायक समीक्षा अधिकारी व समीक्षा अधिकारी परीक्षा में निर्धारित योग्यता ओ लेवल कंप्यूटर सर्टिफिकेट के समकक्ष योग्यता या उच्च योग्यता रखने वाले अभ्यर्थियों को चयन प्रक्रिया में शामिल होने की मांग खारिज कर दी है। सैकड़ों अभ्यर्थियों की याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए यह आदेश न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा ने दिया है।
अहर्ता तय करना नियोक्ता का अधिकार
कोर्ट का कहना था कि अहर्ता तय करना चयन नीति का हिस्सा है, जिसका अधिकार सिर्फ नियोक्ता को है। नियोक्ता कार्य की प्रकृति और आवश्यकताओं को समझते हुए यह तय करता है कि उसे किस प्रकार की योग्यता के अभ्यर्थियों का चयन करना है। अदालत का काम सिर्फ यह देखना है कि जो योग्यता तय की गई है, वह मनमाने तौर पर या औचित्यहीन तो नहीं है।
कोर्ट ने कहा कि किसी विभाग में नियुक्ति के मामले में निर्धारित अहर्ता के समकक्ष योग्यता रखने वालों पर तभी विचार किया जा सकता है, जब उस विभाग के भर्ती नियम में ऐसा प्रावधान हो। समकक्ष योग्यता रखने वाले अभ्यर्थियों को अवसर दिया जाएगा या नहीं, यह प्रश्न चयन प्रक्रिया प्रारंभ करने से पूर्व ही तय कर लिया जाना चाहिए। कोर्ट का कहना था कि अहर्ता तय करना चयन करने वाली एजेंसी का काम नहीं है, बल्कि यह नियोक्ता का कार्य है। कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार के तमाम विभागों द्वारा इसका पालन नहीं किया जा रहा है ।
समकक्ष योग्यता वालो को चयन में शामिल करने से इनकार
कोर्ट ने सहायक समीक्षा अधिकारी व समीक्षा अधिकारी भर्ती में ओ लेवल के समकक्ष योग्यता रखने वाले अभ्यर्थियों को चयन प्रक्रिया में शामिल करने की मांग को लेकर दाखिल दर्जनों याचिकाओं को खारिज कर दिया। याचीगण का कहना था कि उनके पास ओ लेवल प्रमाण पत्र के समकक्ष या उससे उच्च योग्यता के प्रमाणपत्र हैं। इससे पूर्व भी सहायक समीक्षा अधिकारी नियुक्ति में ओ लेवल प्रमाण पत्र के समकक्ष योग्यता रखने वाले अभ्यर्थियों को शामिल किया गया था।
इस इस बार भी समकक्ष या उच्च योग्यता रखने वाले अभ्यर्थियों को नियुक्ति प्रक्रिया में शामिल किया जाए। लोक सेवा आयोग का कहना था कि इस संबंध में तीन सदस्यीय उच्चस्तरीय कमेटी ने विचार करने के बाद एनआईई एलआईटी द्वारा जारी या उसके द्वारा मान्यता प्राप्त संस्थान द्वारा जारी ओ लेवल प्रमाण पत्र के अलावा अन्य अन्य किसी भी डिग्री, डिप्लोमा या प्रमाण पत्र को समकक्ष मानने से इनकार कर दिया है। याचीगण ने विशेषज्ञ समिति के निर्णय को भी चुनौती दी थी। कोर्ट ने कहा कि क्योंकि नियुक्ति नियमावली में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है, इसलिए याचीगण की मांग स्वीकार नहीं की जा सकती है।
विस्तार
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश के मुख्य सचिव को निर्देश दिया है कि वह यह सुनिश्चित करें कि राज्य के सभी सरकारी विभाग व एजेंसियां अपने यहां की चयन व नियुक्ति नियमावली के अनुसार यह तय करें कि किसी भर्ती के लिए निर्धारित योग्यता में उसके समकक्ष योग्यता रखने वाले अभ्यर्थियों को शामिल किया जाएगा या नहीं। कोर्ट ने कहा है कि यह बात चयन प्रक्रिया शुरू करने से पूर्व तय कर ली जाए। कोर्ट ने लोक सेवा आयोग को भी निर्देश दिया है कि वह सुनिश्चित करे कि नियुक्ति के नियम अहर्ता तय करने में समकक्ष या उच्च योग्यता को शामिल करते हैं या नहीं।
कोर्ट ने मुख्य सचिव व लोक सेवा आयोग के सचिव से इस आदेश के अनुपालन में एक माह में हलफनामा दाखिल करने के लिए कहा है। इसके साथ ही अदालत ने सहायक समीक्षा अधिकारी व समीक्षा अधिकारी परीक्षा में निर्धारित योग्यता ओ लेवल कंप्यूटर सर्टिफिकेट के समकक्ष योग्यता या उच्च योग्यता रखने वाले अभ्यर्थियों को चयन प्रक्रिया में शामिल होने की मांग खारिज कर दी है। सैकड़ों अभ्यर्थियों की याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए यह आदेश न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा ने दिया है।
अहर्ता तय करना नियोक्ता का अधिकार
कोर्ट का कहना था कि अहर्ता तय करना चयन नीति का हिस्सा है, जिसका अधिकार सिर्फ नियोक्ता को है। नियोक्ता कार्य की प्रकृति और आवश्यकताओं को समझते हुए यह तय करता है कि उसे किस प्रकार की योग्यता के अभ्यर्थियों का चयन करना है। अदालत का काम सिर्फ यह देखना है कि जो योग्यता तय की गई है, वह मनमाने तौर पर या औचित्यहीन तो नहीं है।
कोर्ट ने कहा कि किसी विभाग में नियुक्ति के मामले में निर्धारित अहर्ता के समकक्ष योग्यता रखने वालों पर तभी विचार किया जा सकता है, जब उस विभाग के भर्ती नियम में ऐसा प्रावधान हो। समकक्ष योग्यता रखने वाले अभ्यर्थियों को अवसर दिया जाएगा या नहीं, यह प्रश्न चयन प्रक्रिया प्रारंभ करने से पूर्व ही तय कर लिया जाना चाहिए। कोर्ट का कहना था कि अहर्ता तय करना चयन करने वाली एजेंसी का काम नहीं है, बल्कि यह नियोक्ता का कार्य है। कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार के तमाम विभागों द्वारा इसका पालन नहीं किया जा रहा है ।
समकक्ष योग्यता वालो को चयन में शामिल करने से इनकार
कोर्ट ने सहायक समीक्षा अधिकारी व समीक्षा अधिकारी भर्ती में ओ लेवल के समकक्ष योग्यता रखने वाले अभ्यर्थियों को चयन प्रक्रिया में शामिल करने की मांग को लेकर दाखिल दर्जनों याचिकाओं को खारिज कर दिया। याचीगण का कहना था कि उनके पास ओ लेवल प्रमाण पत्र के समकक्ष या उससे उच्च योग्यता के प्रमाणपत्र हैं। इससे पूर्व भी सहायक समीक्षा अधिकारी नियुक्ति में ओ लेवल प्रमाण पत्र के समकक्ष योग्यता रखने वाले अभ्यर्थियों को शामिल किया गया था।
इस इस बार भी समकक्ष या उच्च योग्यता रखने वाले अभ्यर्थियों को नियुक्ति प्रक्रिया में शामिल किया जाए। लोक सेवा आयोग का कहना था कि इस संबंध में तीन सदस्यीय उच्चस्तरीय कमेटी ने विचार करने के बाद एनआईई एलआईटी द्वारा जारी या उसके द्वारा मान्यता प्राप्त संस्थान द्वारा जारी ओ लेवल प्रमाण पत्र के अलावा अन्य अन्य किसी भी डिग्री, डिप्लोमा या प्रमाण पत्र को समकक्ष मानने से इनकार कर दिया है। याचीगण ने विशेषज्ञ समिति के निर्णय को भी चुनौती दी थी। कोर्ट ने कहा कि क्योंकि नियुक्ति नियमावली में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है, इसलिए याचीगण की मांग स्वीकार नहीं की जा सकती है।
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