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बुंदेलों ने खून से पत्र लिखकर PM नरेंद्र मोदी को बोला- हैप्पी बर्थ डे सर

राकेश कुमार अग्रवाल, महोबा
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जन्मदिन (Narendra Modi Birthday) पर बुंदेलों ने अपने खून से खत लिखकर हैप्पी बर्थ डे विश किया। बुंदेली समाज ने महज दो साल से कम समय में 22वीं बार खून से खत लिखा है। वहीं, नरेंद्र मोदी को अलग बुंदेलखंड राज्य बनाए जाने की मांग की।

बुंदेली समाज के संयोजक तारा पाटकर के अनुसार, एक नवंबर 2019 को पहली बार खून से खत लिखा गया था। अभी दो वर्ष पूरे नहीं हुए हैं, फिर भी बुंदेले 22 बार खून से खत लिख चुके हैं। खून से खत सार्वजनिक स्थान आल्हा चौक पर लिखा जाता है। आल्हा चौक के अंबेडकर पार्क में आयोजित कार्यक्रम में बिगड़े मौसम में भी लोगों ने बड़ी संख्या में एकत्रित होकर खून से खत लिखा।

635 दिन तक अनशन कर चुके हैं तारा पाटकर
बुंदेली समाज के संयोजक तारा पाटकर बुंदेलखंड को अलग राज्य की मांग को लेकर आल्हा चौक में 635 दिन तक लगातार अनशन कर चुके हैं। उन्होंने बताया कि सरकारें बुंदेलखंड को खनन हब बनाने में लगी हुई हैं और यहां की खूबसूरत नदियों, पहाड़ों और जंगलों का अंधाधुंध दोहन कर रही हैं। बाहर के बड़े-बड़े औद्योगिक घराने बुंदेलखंड के हीरे जवाहरात लूट रहे हैं और यहां के लोग रोजी-रोटी की तलाश में महानगरों की ओर पलायन कर रहे हैं।

’23 लाख पेड़ काटे जाने हैं’
उन्होंने कहा कि बकस्वाहा जंगल में हीरे निकल आने की वजह से सरकार उस खूबसूरत जंगल को उजाड़ना चाहती है। केन-बेतवा लिंक परियोजना में भी 23 लाख पेड़ काटे जाने हैं। हम लोग मोदी जी को खून से खत लिखकर मांग कर रहे हैं कि बुंदेलखंड को ऐसी योजनाओं से बचाया जाए, जिससे हमारा बुंदेलखंड ही बर्बाद हो जाए।

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‘पर्यटन का हब बन सकता है बुंदेलखंड’
पाटकर ने बताया कि बुंदेलखंड देश का सबसे अच्छा पर्यटन क्षेत्र है। इसे पर्यटन हब बनाना चाहिए है। यहां की बर्बाद हो रही सभी खूबसूरत धरोहरों को अगर कायदे से संवार दिया जाए तो न केवल यहां बाहर से हजारों सैलानी घूमने आएंगे, बल्कि यहां रोजगार की अपार संभावनाएं भी विकसित होंगी, लेकिन यह अलग राज्य बने बगैर संभव नहीं है।

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