अभिषेक कुमार झा, वाराणसी
पूर्वांचल का धान का कटोरा कहे जाने वाले चंदौली जिले को अब मछली पालन का केंद्र बनाने की योजना पर काम शुरू कर दिया गया है। नेशनल हाईवे पर 1 एकड़ में 62 करोड़ की लागत से एक बड़ा केंद्र बनाया जाएगा। जिसमें एक ही छत के नीचे मत्स्य पालन से संबंधित ट्रेनिंग और मार्केटिंग के लिए पूरा तंत्र विकसित किया जाएगा।
चंदौली में बनने वाले इस केंद्र के स्थापित होने से जिले के साथ ही पूरे पूर्वांचल में मछली पालन और व्यवसाय का यह एक बड़ा केंद्र होगा। इस केंद्रीयकृत सेंटर के बनने से चंदौली समेत पूरे पूर्वांचल के मछली व्यवसाय में रोजगार के नए क्षेत्र का विस्तार होगा।
पूर्वांचल में 200 करोड़ का है मछली बाजार
फिलहाल पूर्वांचल का मछली बाजार करीब 200 करोड़ का है। पूर्वांचल के मछली बाजार में अभी दक्षिण के आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और बंगाल से माल आता है। योगी सरकार ने अब इस बाजार को दोगुना करने का लक्ष्य बनाया है। मत्स्य विभाग के उप निदशेक एनएस रहमानी ने बताया कि योगी सरकार के पूर्वांचल के मछली बाजार को दोगुना करने का लक्ष्य रखा है। इसके लिए चंदौली के मंडी समिति के परिसर में 1 एकड़ जमीन को चिह्नित कर लिया गया है। करीब 62 करोड़ में इस केंद्र का निर्माण कराया जाएगा। यह केंद्र केवल पूर्वांचल ही नहीं, बल्कि पूरे प्रदेश के मछली व्यवसाय का सबसे बड़ा केंद्र होगा। पूर्वांचल के मछली पालन करने वाले किसानों के लिए एक बड़े केंद्र के रूप में उन्हें ट्रेनिंग के साथ-साथ बाजार भी मुहैया कराया जाएगा।
देश का पहला अल्ट्रा मॉडर्न केंद्र
एनएस रहमानी ने इस भवन की खासियत के बारे में बताया कि इस केंद्र में एक ही छत के नीचे मछ्ली के होलसेल, रिटेल, सीड्स, चारा, दवाएं, मछली पालन से संबंधित उपकरण, ट्रेनिंग के साथ ट्रांसपोर्टेशन की भी सुविधा होगी। इस केंद्र में प्रदर्शनी हॉल भी होगा। जहां मछली पालन से जुड़ी हुई लेटेस्ट तकनीकी का प्रदर्शन भी होगा। इस प्रदर्शनी हॉल में मछली पालन करने वाले नई तकनीकी से रूबरू हो सकेंगे। तीन मंजिला इस भवन के तीसरी मंजिल पर पीपीपी मॉडल के आधार पर एक रेस्टोरेंट भी होगा। जहां देश-विदेश में बनने वाली अलग-अलग प्रकार की डिश का स्वाद भी चख सकेंगे।
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इलाके में मछलियों का बढ़ेगा उत्पादन
एनएच-2 के किनारे बनने वाले इस केंद्र की लोकेशन का पूर्वांचल के मछली पालन करने वालों को बड़ा लाभ मिलेगा। इस केंद्र से दीन दयाल स्टेशन की दूरी महज चंद किमी की दूरी, वाराणसी मुख्यालय से 32 किमी, एलबीएस एयरपोर्ट से दूरी 35 किमी है। वहीं, एनएच 2 पर ही वाराणसी के राजातालाब में कोल्ड स्टोरेज के होने से मछली को स्टोर करने से लेकर निर्यात के लिए साधन सुलभता से मिलेगा। कनेक्टिविटी का फायदा मछली उत्पादकों को मिलेगा। उनकी मछलियां समय से बाजार में पहुंचेंगी। इससे मछलियां खराब नही होंगी। अभी स्टोरेज और ट्रासपोर्ट की सहूलियत नहीं होने की वजह से करीब 20 फीसदी मछलियां खराब हो जाती हैं।
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