हाइलाइट्स100 सीटों से मिले इनपुट से टिकटों पर हुई चर्चा इन सीटों पर अगले दस दिनों में बनेंगे वॉर रूम चारों दिशाओं में निकलेगी ‘कांग्रेस प्रतिज्ञा यात्रा’ 48 जिलों का रूट, लखनऊ में रैली से समापनलखनऊ
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा की पहले दिन की बैठक में यूपी की 45 विधानसभा सीटों पर उम्मीदवारों के नाम तय कर लिए गए हैं। ये नाम प्रदेश चुनाव समिति की बैठक में 100 विधानसभा सीटों की चर्चा के बाद आए हैं। वहीं, सलाहकार समिति की बैठक में तय किया गया है कि कांग्रेस इसी महीने में कांग्रेस प्रतिज्ञा यात्रा और हम वचन निभाएंगे समेत 4 यात्राएं निकालेगी। ये पूर्वी, पश्चिमी, मध्य और बुंदेलखंड के 48 जिलों में 12,000 किलोमीटर की दूरी तय करेंगी। यात्राओं का समापन अक्टूबर में लखनऊ में एक विशाल रैली के तौर पर होगा।
यह भी तय किया गया है कि जिन 100 विधानसभा सीटों पर चर्चा हुई है, वहां अगले दस दिनों में डेडिकेटेड वॉररूम शुरू कर लिया जाएगा। बैठक में 45 सीटों के घोषित किए जाने की बात कही गई, जिसे कुछ समय के लिए टाल दिया गया है। प्रदेश चुनाव समिति की अगली बैठक 5 अक्टूबर को हो सकती है।
कांग्रेस ने पोटेंशियल सीट्स का आकलन करने के लिए पहले ही एक वॉररूम तैयार कर रखा था। वहां से अलग-अलग विधानसभाओं से आ रही जानकारियों को जुटाया जा रहा था। वॉर रूम में तैयार रिपोर्ट्स को शुक्रवार को प्रियंका के सामने रखा गया। जिन 45 सीटों पर प्रत्याशी तय होने की बात कही जा रही हैं, उनमें मौजूदा सीटों के अलावा बीते दो चुनावों में पूर्व विधायकों की भी सीटें हैं।
इसके अलावा बैठक में तय किया गया है कि सभी सीटों से आवेदन लेने शुरू किए जाएं। अगर कोई व्यक्ति किसी के रेफरेंस से आवेदन कर रहा है तो उसका जिक्र आवेदन पर होना अनिवार्य होगा ताकि उस व्यक्ति की भी जिम्मेदारी तय की जा सके। बैठक से पूर्व प्रियंका ने प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री गोविंद बल्लभ पंत और परमवीर चक्र विजेता वीर अब्दुल हमीद के चित्रों पर माल्यार्पण किया।
आवेदन शुल्क और चुनाव लड़ने का पैसा
बैठक में ही नेताओं की अलग-अलग राय आवेदन शुल्क को लेकर आई। इसमें एक वरिष्ठ नेता ने इसका विरोध किया और कहा कि आवेदन शुल्क लिए जाने के पीछे पार्टी का मन्तव्य तो कोई नहीं समझेगा लेकिन उसको लेकर गलत चर्चाएं जरूर होंगी। लिहाजा इससे बचना चाहिए।
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उम्मीदवारों को चुनाव के लिए खर्च देने के मामले पर भी चर्चा हुई। कुछ ने चुनाव न देने की वकालत की तो कई इसके विरोध में भी थे। उन्होंने कहा कि अगर ऐसा नेता हो, जिसके पास धनाभाव हो तो क्या उसे चुनाव नहीं लड़वाना चाहिए? इसपर प्रियंका ने फैसला बाद तक के लिए सुरक्षित रख लिया। चर्चा उम्मीदवारों की योग्यता पर भी हुई, जिसमें बाद में राय बनी कि जनपक्षधरता ही योग्यता का पैमाना होना चाहिए।
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भ्रष्टाचार, महंगाई, बढ़ता अपराध, बेरोजगारी होगी केंद्र में
यात्रा के केंद्र में मौजूदा सरकार द्वारा जनता से की गई वादाखिलाफी, महंगाई, भ्रष्टाचार, बढ़ता अपराध, बेरोजगारी, महिला हिंसा और लचर स्वास्थ्य व्यवस्था होगा। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता सचिन रावत ने बताया कि पूर्वांचल, बुन्देलखण्ड, मध्य उत्तर प्रदेश और आगरा क्षेत्र से संबंधित प्रभारियों, प्रदेश उपाध्यक्षों, प्रदेश महासचिवों, प्रदेश सचिवों, जिला और शहर अध्यक्षों से संगठन सृजन पर प्रियंका ने लिखित रिपोर्ट मांगी है।
भीतर जाने को लेकर हंगामा
ब्लॉक समेत अन्य जगहों से आए कार्यकर्ताओं के भीतर जाने को लेकर यहां हंगामा भी हुआ। दरअसल इनके पास प्रवेश पास नहीं थे तो जब आए हुए लोगों को रोका गया तो मामला हाथापाई और गालीगलौज तक आ पहुंचा।
प्रियंका गांधी ने किया मंथन
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