हाइलाइट्सयूपी के फिरोजाबाद समेत दूसरे शहरों में डेंगू से हुई मौत ने चौंका दिय, साथ ही सरकार के दावे पर भी सवाल उठाएफिरोजाबाद में ही बुखार से कई लोगों की जान चली गई, मथुरा समेत कई अस्पतालों की दयनीय तस्वीर सामने आईहालात बेकाबू हुए तो लखनऊ से विशेषज्ञों की टीम फिरोजाबाद भेजी गई, टीम ने जांच में पाया कि क्षेत्र डेंगू से प्रभावित हैफिरोजाबाद/लखनऊ
यूपी के फिरोजाबाद समेत दूसरे शहरों में डेंगू से हुई मौत ने हर किसी को चौंका दिया है, साथ ही सरकार के दावे पर भी सवाल उठाए। फिरोजाबाद में ही बुखार से कई लोगों की जान चली गई। मथुरा समेत कई अस्पतालों की दयनीय तस्वीर सामने आई। हालात बेकाबू हुए तो राजधानी लखनऊ से विशेषज्ञों की टीम फिरोजाबाद भेजी गई। टीम पहुंची और उसने जांच में पाया कि क्षेत्र डेंगू से प्रभावित है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, फिरोजाबाद में मौत का आंकड़ा 100 के पार कर चुका है। हालांकि, सरकारी आंकड़ों के मुताबिक डेंगू से केवल तीन लोगों की मौत हुई है। फिरोजाबाद के सीएमओ डॉ. दिनेश कुमार प्रेमी के मुताबिक पहले अलाइजा टेस्ट नहीं हो रहे थे। डेंगू की पुष्टि के लिए अलाइजा टेस्ट अनिवार्य है।
‘अलाइजा जांच की किट्स नहीं थीं’
दरअसल, शुरुआत में फिरोजाबाद मेडिकल कॉलेज में अलाइजा जांच की किट्स नहीं थीं। उनका इंतजाम बाद में हुआ। तब तक जितनी भी मौतों की बात आई, उन्हें तकनीकी वजहों से डेंगू से हुई मौत में दर्ज ही नहीं किया गया है।
फिरोजाबाद सीएमओ के मुताबिक, जब से अलाइजा टेस्ट हुए तब से अब तक 598 लोगों में डेंगू की पुष्टि पाई गई है। कुल 55 मौतें अब तक दर्ज की गई हैं, लेकिन इनमें केवल तीन मौत ही उन लोगों की है, जिनमें डेंगू की पुष्टि हुई है। बाकी जितनी भी मौतें हुई हैं, उनमें डेंगू पुष्ट नहीं था।
डेंगू और वायरल फीवर से मथुरा, फिरोजाबाद बेहाल
10 दिन और लगेंगे हालात काबू में आने में
डेंगू आउटब्रेक के बाद फिरोजाबाद और मथुरा भेजी गई टीम के कुछ सदस्यों की मानें तो कम से कम अभी दस दिन और हालात काबू करने में लगेंगे। नए मामले अब तक मिलना जारी हैं।
हालांकि पहले से हालात केवल इस मायने में ठीक हैं कि उन्हें डेंगू का इलाज पहले दिन से ही मिल रहा है। क्षेत्र में वे सभी उपाय किए जा रहे हैं, जिनसे डेंगू का प्रसार नियंत्रित किया जा सके। लोग भी जागरूक हुए हैं और सही जगह इलाज करवा रहे हैं।
बच्चों की मौत का सवाल अब भी कायम
हालांकि इन सबके बीच बच्चों की मौत का सवाल अब भी कायम है। यहां पहुंची टीम के एक सदस्य के मुताबिक यह निश्चित रूप से चिंता का सबब है। हालांकि जहां तक अभी समझ आ रहा है, उसके मुताबिक हो सकता है कि शुरुआती स्तर पर डेंगू के बजाए सामान्य बुखार के तौर पर बच्चों का इलाज हुआ हो। आंतरिक ब्लीडिंग की वजह से उनकी स्थिति खराब हुई हो। हालांकि इस बारे में निश्चित रूप से कहा नहीं जा सकता।
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लखनऊ में मिले डेंगू के 6 नए मरीज
इस बीच राजधानी लखनऊ के सरकारी अस्पतालों में गुरुवार को डेंगू के छह नए मरीज मिले। इनमें तीन मरीज भर्ती किए गए हैं। वहीं, कार्ड टेस्ट में डेंगू की पुष्टि के बाद सभी के सैंपल अलाइजा जांच के लिए भेजे गए हैं।
लोकबंधु अस्पताल की ओपीडी में आए मरीजों में दो में डेंगू की पुष्टि हुई और हालत गंभीर होने पर एक मरीज को भर्ती किया गया। इसी तरह सिविल और बलरामपुर अस्पताल में भी डेंगू के दो-दो मरीज मिले, जिनमें एक-एक मरीज को भर्ती किया गया।
फिरोजाबाद में डेंगू से बिगड़े हालात
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