हाइलाइट्सअयोध्या में राम मंदिर निर्माण में गुलाबी पत्थरों का प्रयोग होगा राजस्थान के गुलाबी पत्थरों से बनेगा अयोध्या में भव्य मंदिर मंदिर परिसर में संग्रहालय, शोध केंद्र और गोशाला भी होगी नई दिल्ली/अयोध्या
उत्तर प्रदेश के अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण जोर-शोर से चल रहा है। मंदिर निर्माण में राजस्थान के गुलाबी पत्थरों का प्रयोग किया जाएगा। मंदिर परिसर में संग्रहालय, शोध केंद्र, गोशाला और एक योगशाला भी होगी। विशेष ध्यान कुबेर टीला और सीता कूप जैसे स्मारकों के संरक्षण और विकास पर होगा। पूरे मंदिर परिसर में शून्य कार्बन उत्सर्जन और हरित भवन जैसी विशेषताएं होंगी।
श्री रामजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र के सदस्यों की पिछले महीने बैठक हुई थी। बैठक के दौरान यह उल्लेख किया गया था कि मंदिर का निर्माण कार्य समय के मुताबिक आगे बढ़ रहा है और इसे वर्ष 2023 से लोगों के लिए खोल दिया जाएगा। मंदिर न्यास के सूत्रों ने गुरुवार को बताया कि मंदिर का ढांचा राजस्थान से लाए गए बंसी पहाड़पुर पत्थर और मार्बल से बनाया जाएगा। मंदिर के निर्माण में करीब चार लाख पत्थर (बंसी पहाड़पुर) का इस्तेमाल होगा। मंदिर के निर्माण में स्टील का इस्तेमाल नहीं होगा। मंदिर के परकोटा के लिए जोधपुर पत्थर का इस्तेमाल करने का निर्णय किया गया है।
मंदिर परिसर के लेआउट को मिला अंतिम रूप
बताया गया है कि परकोटा (मंदिर परिसर) के लिए लेआउट को अंतिम रूप दे दिया गया है। परिसर के बाहर के क्षेत्र में तीर्थयात्री सुविधा केंद्र, संग्रहालय, लेखागार, शोध केंद्र, ऑडिटोरियम, गोशाला, योगशाला और एक प्रशासनिक भवन होगा। गौरतलब है कि मंदिर ढांचे के लंबे समय तक टिके रहने को ध्यान में रखकर न्यास इसका निर्माण करा रहा है। ढांचे का डिजाइन केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान (सीबीआरआई) के मानकों के अनुरूप है।
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