मुख्यमंत्री ने बीते दिनों आदेश जारी किया था कि कोई भी भर्ती प्रक्रिया छह माह में पूरी कर ली जाए, लेकिन सम्मिलित राज्य अभियंत्रण सेवा परीक्षा-2019 के तहत सहायक अभियंता के पदों पर चयनित अभ्यर्थियों को भर्ती का परिणाम जारी होने के पांच माह बाद भी नियुक्ति नहीं मिल सकी है। उनकी नियुक्ति पुलिस वेरीफिकेशन के चक्कर में अटकी हुई है। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग चयनितों की नियुक्ति की संस्तुति काफी पहले ही शासन को भेज चुका है, लेकिन पुलिस वेरीफिकेशन का काम महीनों से अटका हुआ है और चयनित अभ्यर्थी अब संबंधित विभागों के चक्कर लगा रहे हैं।
आयोग ने सम्मिलित राज्य अभियंत्रण सेवा परीक्षा-2019 का परिणाम इस साल 26 मार्च को जारी किया था। इसके तहत सहायक अभियंता के 648 पदों पर भर्ती के लिए परीक्षा कराई गई थी, लेकिन योग्य अभ्यर्थी न मिलने के कारण 68 पद खाली रह गए थे और आयोग ने 580 पदों अभ्यर्थियों को अंतिम रूप से चयनित घोषित किया था। इनमें से 139 अभ्यर्थियों का चयन औपबंधिक था और बाकी 441 अभ्यर्थियों को अंतिम रूप से चयनित घोषित किया गया था। अंतिम रूप से चयनित अभ्यर्थियों की फाइलें दो माह पहले ही आयोग ने शासन को भेज दीं थीं, जबकि औपबंधिक रूप से चयनितों की फाइलें पिछले माह भेजी गईं।
सहायक अभियंता के पदों पर चयनित अभ्यर्थियों का कहना है कि दो माह से चयनित अभ्यर्थियों का पुलिस वेरीफिकेशन पूरा नहीं हुआ है। अभ्यर्थी इधर-उधर भटक रहे हें। अंतिम रूप से चयनितों का पुलिस वेरीफिकेशन पूरा होने के बाद औपबंधिक रूप से चयनित अभ्यर्थियों के वेरीफिकेशन का नंबर आएगा। अभ्यर्थियों ने शासन से मांग की है कि पुलिस वेरीफिकेशन की प्रक्रिया शीघ्र पूरी कराके उनकी ज्वाइनिंग कराई जाए।
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