असगर, सुलतानपुर
मुस्लिम बाहुल्य गांवों के बीचों-बीच बुधवार को सुलतानपुर में गोमती नदी के किनारे बसे ओदर गांव में असदुद्दीन ओवैसी का मिशन यूपी के तहत दूसरा दौरा था। मंच पर ओवैसी के पहुंचने के करीब 20 मिनट बाद जेल में बंद माफिया अतीक अहमद का कुनबा भी पहुंचा। थोड़े ही समय के बाद जेल से पति का खत लेकर पहुंची अतीक की पत्नी माइक पर आई। उन्होंने सुलतानपुर की जनता के नाम भेजे गए अतीक के खत को पढ़कर सुनाया।
माफिया अतीक ने खत की शुरुआत सुलतानपुर की जनता के नाम अपने सलाम से की थी। लिखा था… सुलतानपुर के बुजुर्गों को सलाम। एकबार आपके बीच आया था। आपने इस्तकबाल किया, उसका शुक्रिया। इसके बाद उसने लिखा- हालात बदल गए हैं, फिक्र बदल गई है। मुझे अल्लाह ने हिदायत दी, मेरा पैगाम लेकर मेरी बीवी आपके बीच जा रही है।
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खत में उसने आगे लिखा… ये लड़ाई सांसद, विधायक बनने की नहीं है, बल्कि ये लड़ाई पूरे मुल्क में हिस्सेदारी की है। अब हम दूसरे का झंडा नहीं उठाएंगे, जो 100 में 7% हैं, वो मुखिया बने हैं, जो 100 में 22% हैं, वो टायर जोड़ रहे और रिक्शा चला रहे हैं। हमें आईएएस, आईपीएस, डॉक्टर और इंजीनियर बनना होगा। मुसलमान ने किसी को अपना नेता नहीं माना, ये बड़ी गलती की। ओवैसी साहब साहिबे इल्म हैं, हमें ये रहनुमा के रूप में मिले हैं। हिंदुस्तान में इसका सानी नहीं है। AIMIM हमारा घर है। अब दूसरों के घर में नही रहेंगे न दूसरों का झंडा उठाएंगे। आपका अपना अतीक अहमद।
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