नैनी स्थित बीपीसीएल को एक बार फिर से संचालित किए जाने को लेकर सांसद डॉ. रीता बहुगुणा जोशी के साथ लखनऊ गए एक प्रतिनिधिमंडल की बैठक सोमवार को मुख्य सचिव के साथ हुई। बैठक में तमाम मसलों पर विचार विमर्श के बाद बीपीसीएल को निजी क्षेत्र में दिए जाने पर सहमति बनी। तय हुआ कि इस संबंध में भारत सरकार के उद्योग मंत्रालय के साथ बातचीत की जाएगी।
दरअसल पिछले दिनों ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के समक्ष प्रयागराज की सांसद डा. रीता जोशी ने बीपीसीएल कंपनी को पुन: संचालित करवाने का मुद्दा उठाया था। इस पर सीएम ने मुख्य सचिव को एक बैठक करने का निर्देश दिया। तयशुदा कार्यक्रम के तहत मुख्य सचिव कार्यालय में सोमवार दोपहर बैठक हुई। बैठक में मुख्य सचिव राजेंद्र तिवारी के साथ बीपीसीएल से जुड़े तमाम मुद्दों पर चर्चा हुई। कहा गया कि इसे बंद करने का निर्णय केंद्र सरकार द्वारा लिया था। इसलिए सरकार इसे अब शायद ही शुरू करे। तय हुआ कि कंपनी को निजी क्षेत्र के हवाले कर दिया जाए।
इस संबंध में एक प्रस्ताव उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से बनाया जाए और भारत सरकार को भेजा जाए। ताकि कंपनी चलती रहे और लोगों का रोजगार भी बना रहे। सांसद डॉ. रीता के मीडिया प्रभारी अभिषेक शुक्ला ने बताया कि बीपीसीएल कंपनी की जमीन राज्य सरकार की है। इस वजह से राज्य सरकार उसे निजी क्षेत्र को देने के लिए राजी है। उस पर हुए निर्माण एवं मशीनरी केंद्र सरकार के ही अधीन है। इसलिए इस संबंध में केंद्र सरकार के उद्योग मंत्रालय से बातचीत की जाए।
अगर उद्योग मंत्रालय भी राजी हो जाता है कि तो बीपीसीएल को निजी क्षेत्र को सौंपे जाने की कार्रवाई शुरू हो जाएगी। बैठक में प्रमुख सचिव उद्योग विकास अरविंद कुमार, पूर्व ईडी रतन प्रकाश, पूर्व महाप्रबंधक इंद्र सेन, यूनियन के अध्यक्ष राम यादव, महामंत्री आरएलडी दुबे, योगेंद्र शुक्ला, उपाध्यक्ष भोला नाथ, सांसद प्रतिनिधि शशीकांत तिवारी, एडीएम प्रशासन प्रयागराज विजय शंकर दुबे, कमिश्नर जिला उद्योग अजय चौरसिया मौजूद रहे।
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