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जब नोडल अधिकारी ने छात्रा से पूछा पोयम का अर्थ… फिर कुछ ऐसा हुआ कि DM ने स्टूडेंट को दिया अपना पेन

कुरसौली डेंगू प्रभावित गांव का निरीक्षण करने पहुंचे थे अधिकारीअधिकारियों ने कुरसौली प्राथमिक स्कूल में बच्चों से पूछे सवालबच्चों ने अधिकारियों के सवालों के सही-सही दिए जवाबसुमित शर्मा, कानपुर
कानपुर में प्राइमरी स्कूल के बच्चों ने नोडल अधिकारी और डीएम को इतना प्रभावित किया कि अधिकारियों ने अपना पेन उपहार के रूप में दे दिया। कानपुर के कुरसौली गांव में कुछ ऐसा हुआ कि जिसे देखकर सभी हैरान रह गए। कुरसौली डेंगू प्रभावित गांव है। प्रमुख सचिव सिचाईं एवं जल संसाधन/नोडल अधिकारी अनिल गर्ग और डीएम कुरसौली गांव का निरीक्षण करने लिए पहुंचे थे। नोडल अधिकारी, डीएम और जिला प्रशासन के अधिकारी अचानक प्राथमिक स्कूल पहुंचे।

कुरसौली प्राथमिक स्कूल में मैडम बच्चों को पोयम पढ़ा रही थीं। नोडल अधिकारी अनिल गर्ग और डीएम आलोक तिवारी चुपचाप पीछे खड़े हो गए। नोडल अधिकारी अनिल गर्ग ने कक्षा चार के छात्र अनुराग और आकांक्षा से पोयम का अर्थ पूछा। दोनों छात्र और छात्रा ने पोयम का अर्थ बिल्कुल सही बताया। जिससे 1996 बैच के आईएएस अधिकारी अनिल गर्ग बहुत प्रभावित हुए। उन्होंने अपना पाइलेट पेन अनुराग को उपहार स्वरूप दे दिया। इसके साथ ही नोडल अधिकारी ने आकांक्षा को डीएम आलोक तिवारी से पाइलेट पेन दिलाया।

बच्चों ने बताया कि खाना मिलता है स्वादिष्ट
एडीएम आपूर्ति और बीएसए समेत अन्य अधिकारियों ने भी बच्चों को उपहार के रूप में अपने-अपने पेन भेंट किए। नोडल अधिकारी अनिल गर्ग ने बच्चों से पूछा कि आप लोगों को खाने में क्या-क्या मिलता है। बच्चों ने नोडल अधिकारी को बताया कि खिचड़ी, दाल-रोटी और सब्जी मिलती है। डीएम आलोक तिवारी ने बच्चों से पूछा कि खाना स्वादिष्ट रहता है कि नहीं। इस पर बच्चों ने जवाब दिया कि खाना स्वादिष्ट रहता है।
डेंगू से 7 ग्रामीणों की हो चुकी है मौत
कानपुर का कुरसौली डेंगू प्रभावित गांव है। कुरसौली गांव में लगभग 200 घर हैं। गांव में विचित्र बुखार और डेंगू से ग्रामीण परेशान हैं। इस गांव में 16 लोगों में डेंगू की पुष्टि चुकी है और 7 लोगों की मौत हो चुकी है। सोमवार को नोडल अधिकारी अनिल गर्ग और डीएम आलोक तिवारी समेत जिला प्रशासन के आलाधिकारियों ने गांव का निरीक्षण किया। गांव में स्वास्थ्य विभाग की तरफ से मेडिकल कैंप लगाया था। ग्रामीणों का डेंगू चेकअप किया। इसके साथ पूरे गांव में दवा का छिड़काव किया गया। ग्रामीणों को डेंगू से सतर्क रहने की तरीके बताए गए।