केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर रविवार को मुजफ्फनगर में किसानों की बड़ी महापंचायत हुई। पिछले नौ माह से आंदोलन कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा ने हजारों किसानों की भीड़ में में 27 सितंबर को भारत बंद का ऐलान किया। दूसरी तरफ, किसान महापंचायत को लेकर सत्तारूढ़ बीजेपी समेत विभिन्न दलों के रिएक्शन भी सामने आए हैं। संयुक्त किसान मोर्चा ने पहले 25 सितंबर को भारत बंद की घोषणा की थी। किसान मोर्चा ने दावा किया है कि 27 सितंबर को भारत बंद के दौरान देश में सब कुछ बंद रहेगा।
भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने महापंचायत में कहा कि तीनों कृषि कानून जब तक वापस नहीं लिए जाते हैं, तब तक वे अपना आंदोलन खत्म नहीं करेंगे। उन्होंने कहा, जब तक हम जीत नहीं जाते, तब तक कोई ताकत हमें वहां से हटा नहीं सकती। केंद्रीय कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर पिछले नौ महीने से दिल्ली बॉर्डर पर किसान डेरा डाले हुए हैं।
राकेश टिकैत किसान नहीं, किसानों का यूज कर रहे: बीजेपी
किसान महापंचायत पर बीजेपी ने तीखी प्रतिक्रिया जताई है। पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता आलोक अवस्थी ने कहा, ‘राकेश टिकैत किसान नहीं हैं। पंजाब और हरियाणा के राजनीतिक कार्यकर्ताओं को इस आयोजन में लाया गया था। वे (संयुक्त किसान मोर्चा) केवल अपने राजनीतिक हित के लिए किसानों का उपयोग कर रहे हैं। यह केंद्र और उत्तर प्रदेश की सरकारें है जो वास्तव में किसानों के कल्याण के लिए काम कर रही हैं।’ उन्होंने कहा कि असली किसान खेतों में काम कर रहा है। वह किसी विरोध में भाग नहीं ले रहा है जिसके चलते राज्य में फसलों का भरपूर उत्पादन हुआ है।
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