सुप्रीम कोर्ट कोलिजियम ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के 16 नए न्यायाधीशों की नियुक्ति की संस्तुति की है। इनमें से 13 अधिवक्ता और तीन न्यायिक सेवा से है। अधिवक्ता से नियुक्त होने वाले न्यायाधीशों में चंद्र कुमार राय, शिशिर जैन, कृष्ण पहल, समीर जैन, आशुतोष श्रीवास्तव, सुभाष विद्यार्थी, बृजराज सिंह, श्री प्रकाश सिंह, विकास बुधवार, विक्रम डी चौहान, रिशद मुर्तजा, ध्रुव माथुर और विमलेन्दु त्रिपाठी तथा न्यायिक सेवा से ओम प्रकाश त्रिपाठी, उमेश चंद्र शर्मा व शैयद वैज मियां शामिल हैं। न्यायिक सेवा की संस्तुति पुनर्विचार के लिए की गई है।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बार एसोसिएशन की कार्यकारिणी का चुनाव कराने की मांग को लेकर दाखिल जनहित याचिका पर दोनों पक्षों को सुझाव दिया है कि आपस में बैठकर 15 दिन में उचित हल निकालें। कोर्ट ने कहा कि बार एसोसिएशन में एकजुटता होगी, तभी सदस्यों के कल्याण व हित के कार्य कर सकेगी।
कोर्ट ने कहा दोनों पक्षों से नामित 5-5 सदस्य बैठकर कोविड 19 को ध्यान में रखकर जमीनी हकीकत पर विचार कर निर्णय लें। बार के हित में कार्य के लिए दोनों पक्षों में सहमति भी है। इसलिए सुनवाई 15 सितंबर के लिए स्थगित की जा रही है। यह आदेश कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश एमएन भंडारी तथा न्यायमूर्ति एके ओझा की खंडपीठ ने पूर्व संयुक्त सचिव प्रशासन संतोष कुमार मिश्र व अन्य की जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए दिया है। याचिका में बार एसोसिएशन के नियमों का पालन करने तथा मनमाने तरीके से एल्डर कमेटी के गठन की वैधता सहित कार्यकारिणी का चुनाव कराने की मांग की गई है।
याचिका पर वरिष्ठ अधिवक्ता एएन त्रिपाठी, वरिष्ठ अधिवक्ता गजेन्द्र प्रताप, अधिवक्ता प्रशांत सिंह रिंकू, राजेश कुमार तिवारी, एके मिश्र, बार एसोसिएशन के महासचिव प्रभाशंकर मिश्र व हाईकोर्ट के अधिवक्ता आशीष मिश्रा ने बहस की।
वरिष्ठ अधिवक्ता एएन त्रिपाठी का तर्क था कि बार कार्यकारिणी का कार्यकाल एक साल का है। हर साल एल्डर कमेटी के गठन को लेकर विवाद उठता है। हाईकोर्ट बार एसोसिएशन और एडवोकेट एसोसिएशन दो अलग संस्थाएं हैं। दोनों का अलग बाई लाज है। सुप्रीम कोर्ट ने एक बार एक वोट का सिद्धांत प्रतिपादित किया है।
हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ही हाईकोर्ट से संबद्ध बार एसोसिएशन है। त्रिपाठी का कहना है कि बाई लाज के अनुसार कार्यकाल समाप्त होने से एक माह पहले वार्षिक सभा बुलाकर चुनाव प्रक्रिया शुरू कर देनी चाहिए। यदि समय से चुनाव नहीं हो पाता तो एल्डर कमेटी की अनुमति से टर्म समाप्ति के बाद एक माह के भीतर चुनाव प्रक्रिया पूरी कर ली जाए। ऐसा नहीं होता तो एसोसिएशन का कार्य एल्डर कमेटी अपने हाथ में लेकर अगले एक माह में चुनाव कराएगी।
उन्होंने कहा यदि वित्तीय अधिकार जब्त कर लिया जाए तो चुनाव प्रक्रिया तुरंत शुरू हो जाएगी। यह भी कहा लखनऊ पीठ में एसोसिएशन का चुनाव हुआ, गड़बड़ी के कारण हाईकोर्ट के आदेश पर दुबारा होने जा रहा है। यहां पर भी चुनाव कराने में कोई व्यवधान नहीं है। वरिष्ठ अधिवक्ता गजेन्द्र प्रताप ने मुख्य न्यायाधीश के सुझाव का स्वागत किया और कहा आपस में बैठकर हल निकाला जाना चाहिए।
कोर्ट ने कहा आपस में बैठकर हल निकाला जाए, अन्यथा कोर्ट आदेश जारी करेगी। सुनवाई 15 सितंबर को होगी। याचीगण का कहना है कि वर्तमान पदाधिकारियों का कार्यकाल 5 अगस्त 21 को समाप्त हो चुका है और वार्षिक आम सभा बुलाकर चुनाव प्रक्रिया शुरू नहीं की गई है, जो बाईलाज का उल्लंघन है।
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