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मथुरा में डेंगू और वायरल का कहर, दम तोड़ते मासूम को बचाने के लिए अफसरों के पैरों में गिर पड़े बेबस मां-बाप

निर्मल राजपूत, मथुरा
उत्तर प्रदेश के कई जिलों में वायरल बुखार और डेंगू का कहर जारी है। अब तक फिरोजाबाद में 50 से ज्यादा मौतें हो गई हैं। वहीं, मैनपुरी, आगरा और मथुरा में भी कई मौतें हुई हैं। मथुरा जिले से एक हृदय विदारक तस्वीर सामने आई है। यहां मां-बाप अपने बच्चों की जिंदगी बचाने के लिए स्वास्थ्य विभाग के अफसरों और डॉक्टरों के पैरे में गिरकर भीख मांग रहे हैं। बेबसी देखिए, जिन मां-बाप ने अपने नौनिहालों को लेकर सपने देखे थे, वही अब उनकी आंखों के सामने दम तोड़ रहे हैं। कई जिलों से तो ऐसी तस्वीरे सामने आई हैं, जहां एक बेड पर कई बच्चों का इलाज किया जा रहा है।

मथुरा के फरह ब्लॉक के गांव कौह में डेंगू से 12 बच्चों सहित 14 लोगों की मौत हो गई। इतनी संख्या में मौत होने के बाद लोगों में खौफ का माहौल है। फरह के गांव कौह में शुरुआत में जहां 6 बच्चों की मौत के बाद गांव में पहुंचे बीजेपी विधायक को ग्रामीणों ने खूब खरी-खोटी सुनाई।

सीएमओ के सामने रोने लगीं महिलाएं
शुक्रवार को डीएम के निर्देश पर सीडीओ नितिन गौड़, डीपीआरओ और स्वास्थ्य विभाग चिकित्सक जिले के फरह ब्लॉक के अंतर्गत आने वाले गांव कौह और जचौंदा पहुंचे। कौह पहुंची प्रशासन की टीम ने डोर-टू-डोर सर्वे शुरू किया। दरवाजा खोलते ही महिलाएं अपने नौनिहालों के असमय काल के गाल में समा जाने के कारण दहाड़े मारकर रोने लगीं। वहीं, जिनके बच्चे इस बुखार से पीड़ित हैं, वो लोग प्रशासन की टीम से अपने बच्चों को बचा लेने के लिए गुहार लगाने लगे।

ये बोले सीडीओ नितिन गौड़
सीडीओ नितिन गौड़ ने लोगों से रिक्वेस्ट की गई है कि जो लोग बुखार से पीड़ित हैं, वो गांव के नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर उपचार लें। यदि गंभीर स्थिति है तो गवर्नमेंट सेक्टर में ही फ्री उपचार मिलेगा। सीडीओ ने बताया कि जिले में अभी तक 66 मरीजों में डेंगू के लक्षण मिले हैं और कुछ सैंपल अभी पेंडिंग हैं।

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गुरुवार को इसी गांव में जब स्थिति का जायजा लेने के लिए सीएमओ डॉ. रचना गुप्ता पहुंची थी तो गांव के युवाओं ने स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को लेकर उनसे नाराजगी व्यक्त की और सीएमओ से उनकी तीखी नोंकझोंक भी हुई, लेकिन इसके बाद गांव के बुजुर्ग किशन सिंह मुखिया सीएमओ के पैरों में लेटकर गांव के बच्चों को बचा लेने की गुहार लगाने लगे। इसी बीमारी में अपने नाती को खो चुके बुजुर्ग का सीएमओ से हाथ जोड़कर कहना था कि सीएमओ साहब यदि आप नहीं बचाएंगी तो गांव के बच्चों और महिलाओं को इस बीमारी से कौन बचाएगा।