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Supertech twin tower: सुपरटेक बिल्‍डर और नोएडा अथॉरिटी के अफसरों पर लिया जाएगा ऐक्‍शन, विभागीय जांच शुरू

नोएडा
सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा कदम उठाते हुए नोएडा में रियल एस्‍टेट कंपनी सुपरटेक के ट्विन टावर को गिराने का आदेश दिया है। अदालत ने साफ कहा है कि एमराल्‍ड कोर्ट टावर के लिए होम बायर्स की स्‍वीकृति नहीं ली गई थी। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब नोएडा अथॉरिटी सुपरटेक बिल्डर और तत्कालीन अधिकारियों व कर्मचारियों पर कार्रवाई करेगीी।

नोएडा अथॉरिटी की तरफ से कहा गया है कि इस मामले में सुनवाई के समय सभी तथ्यों की जानकारी मौजूदा अधिकारियों को नहीं दी गई। इस पर प्लानिंग विभाग के जिम्मेदार कर्मचारियों के खिलाफ विभागीय जांच शुरू कर दी गई है। गौरतलब है कि शीर्ष अदालत ने सुपरटेक को दो महीनों के भीतर खरीदारों को रिफंड देने के लिए भी कहा है।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एमराल्‍ड कोर्ट टावर के लिए तमाम फायर सेफ्टी नॉर्म्स और यूपी अपार्टमेंट एक्ट का उल्‍लंघन हुआ था। कंस्ट्रक्शन के लिए सुपरटेक के साथ नोएडा अथॉरिटी ने अवैध साठगांठ की थी और टावर बनाया गया। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली बेंच ने ट्विन टावर को तीन महीने में ध्वस्त करने का आदेश दिया है।

अथॉरिटी ने कहा- नियम के तहत मंजूरी दी
इससे पहले सुनवाई के दौरान नोएडा अथॉरिटी ने कहा था कि प्रोजेक्ट को नियम के तहत मंजूरी दी गई थी। साथ ही दलील दी थी कि प्रोजेक्ट में किसी भी ग्रीन एरिया और ओपन स्पेस समेत किसी भी नियम का उल्लंघन नहीं किया गया है। वहीं फ्लैट बॉयर्स की ओर से दलील दी गई है कि बिल्डर ग्रीन एरिया को नहीं बदल सकता है।

HC ने भी दिया था टावर तोड़ने का आदेश
मंगलवार को जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली बेंच में इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुपरटेक लिमिटेड की अपील पर सुनवाई हुई। हाई कोर्ट ने 2014 के आदेश में नोएडा स्थित टि्वन टावर को तोड़ने और अथॉरिटी के अधिकारियों पर कार्रवाई का आदेश दिया था। सुपरटेक कंपनी ने इसके विरोध में सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई थी।

2006 में दी गई थी जमीन
2006 में नोएडा अथॉरिटी ने सुपरटेक को 17.29 एकड़ (लगभग 70 हजार वर्ग मीटर) जमीन सेक्टर-93 में अलॉट की थी। एमराल्ड कोर्ट ग्रुप हाउसिंग प्रोजेक्ट के तहत 15 टावरों का निर्माण किया। सुपरटेक बिल्डर ने 2009 में रिवाइज्ड प्लान जमा कराया। बिल्डर ने इस दौरान सियान और एपेक्स के नाम से दो टावरों के लिए एफएआर खरीदा। बिल्डर ने इन दोनों टावरों के लिए 24 फ्लोर का प्लान मंजूर करा लिया। इस पर बिल्डर ने 40 फ्लोर के हिसाब से 857 फ्लैट बनाने शुरू कर दिए। इनमें 600 फ्लैट की बुकिंग हो गई।