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Noida Amrapali Flats: नोएडा में आम्रपाली के बिक नहीं पाए फ्लैटों को खरीदने का मौका, ऐसे कर सकते हैं आवेदन

हाइलाइट्सआम्रपाली के प्रॉजेक्टों में अब तक नहीं बिक पाए फ्लैट्स को बेचने का काम शुरूएनबीसीसी के माध्यम से कोर्ट रिसीवर की देखरेख में बेचे जाएंगे सारे फ्लैट्सवेबसाइट पर उपलब्ध कराई गई है सारी जानकारी, कीमत की डिटेल्स भी वहींनोएडा
यूपी के नोएडा में आम्रपाली के प्रॉजेक्टों में अब तक बिके नहीं पाए फ्लैटों की बिक्री के लिए आज से एक बार फिर प्रक्रिया शुरू होने जा रही है। कोर्ट रिसीवर के निर्देशन में एनबीसीसी के माध्यम से ये फ्लैट बेचे जाएंगे। संबंधित फ्लैटों की जानकारी के संबंध में वेबसाइट पर डिटेल उपलब्ध करा दी गई है जो कि आज मंगलवार से देखी जा सकेगी। फ्लैट के साइज से लेकर लोकेशन, रेट व अन्य सभी प्रकार की जानकारी वेबसाइट पर उपलब्ध रहेगी। ड्रॉ के माध्यम से इन फ्लैटों का आवंटन किया जाएगा।

बता दें कि आम्रपाली के प्रॉजेक्टों में करीब 5200 प्लैट ऐसे हैं जो कि बिना बिके हुए हैं। करीब 8 महीने पहले इन फ्लैटों को बेचने की प्रक्रिया शुरु हुई थी। उस समय 100 फ्लैट बेचने के लिए स्कीम लाई गई थी। हालांकि, उनमें से 20-25 फ्लैट ही बिक पाए थे।

इस बार कोर्ट रिसीवर के निर्देश पर एनबीसीसी ने मार्केट रेट का सर्वे किया है और बताया जा रहा है कि मार्केट रेट से काफी कम पर ये फ्लैट बेचने की प्लानिंग की गई है ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग इन फ्लैटों को खरीद लें और जो पैसा इन फ्लैटों के बिकने के बाद आए उसे आम्रपाली के अधूरे प्रॉजेक्ट पूरे करने में लगाया जा सके।

ऐसे करें संपर्क
बिना बिके फ्लैट खरीदने के लिए किसी भी प्रकार की जानकारी के लिए टोल फ्री हेल्पलाइन नंबर- 18001200963 पर कॉल कर सकते हैं। साथ ही www.receiveramrapali.in, www.nbccindia.in पर ऐसे फ्लैट की संपूर्ण जानकारी उपलब्ध है

सुपरटेक की अपील पर क्या होगा?
सुप्रीम कोर्ट सुपरटेक के एमरॉल्ड कोर्ट प्रॉजेक्ट से जुड़े मामले में आज (मंगलवार) फैसला सुनाएगा। सुनवाई के दौरान नोएडा अथॉरिटी ने कहा था कि प्रॉजेक्ट को नियम के तहत मंजूरी दी गई थी। साथ ही दलील दी थी कि प्रॉजेक्ट में किसी भी ग्रीन एरिया, ओपन स्पेस समेत किसी भी नियम का उल्लंघन नहीं किया गया है। वहीं फ्लैट बायर्स की ओर से दलील दी गई है कि बिल्डर ग्रीन एरिया को नहीं बदल सकता है।

हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुनवाई
जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली बेंच में इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुपरटेक लिमिटेड की अपील पर सुनवाई हुई। हाई कोर्ट ने 2014 के आदेश में नोएडा स्थित टि्वन टावर को तोड़ने का आदेश दिया था और अथॉरिटी के अधिकारियों पर कार्रवाई का आदेश दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के आदेश पर अपील के दौरान रोक लगा दी थी।

सांकेतिक तस्वीर