हाइलाइट्सकपड़े प्रेस करने वाले रिश्तेदार का करवा दिया था 4 करोड़ का लोनदूसरे की प्रॉपर्टी के पेपर लेकर बैंककर्मियों के साथ मिलकर करता था जालसाजीपंजाब नैशनल बैंक से पास कराए गए थे अधिकतर लोनगाजियाबाद
घंटाघर पुलिस ने बैंकों अधिकारियों के साथ मिलीभगत कर दूसरे की प्रॉपर्टी पर करोड़ों का लोन पास करने के आरोपित लक्ष्य तंवर और उसके 2 साथियों को गिरफ्तार किया है। ये प्रॉपर्टी की कीमत से कई गुना ज्यादा लोन पास करवाते थे। अब तक कई बैंकों को 100 करोड़ रुपये से अधिक का चूना लगा चुके हैं।
कोतवाली प्रभारी अमित कुमार ने बताया कि लक्ष्य के साथ सुनील कुमार और उसके बेटे शिवम को गिरफ्तार किया गया है। साथ ही पंजाब नैशनल बैंक (पीएनबी) की ब्रांच के तत्कालीन मैनेजर उत्कर्ष कुमार और डिप्टी प्रियदर्शनी पर मुकदमा दर्ज हुआ था। दोनों हाई कोर्ट से जमानत मिलने के बाद बाहर हैं। उन्होंने बताया कि लक्ष्य 2013 से ठगी की कर रहा था। कई बैंकों के मैनेजर व अन्य अधिकारियों के साथ मिलकर घोटाला किया गया है।
पुलिस ने जिस मामले में लक्ष्य को गिरफ्तार किया है। उसमें उसने अपने रिश्तेदार सुनील के नाम पर 2-2 करोड़ रुपये के 2 लोन पास कराए थे। सुनील कपड़े प्रेस करता है। यह लोन पीएनबी की रामप्रस्थ ब्रांच से हुआ था। लोन करवाने से पहले लक्ष्य ने अपनी 2 प्रॉपर्टी सुनील के नाम की और बेटी की शादी में मदद के नाम लोन दिलवाने के लिए लेकर गया था। जहां उसे प्रॉपर्टी का मालिक बताकर लोन करवाया। हैरानी की बात है कि दोनों प्रॉपर्टी की कुल कीमत 1 करोड़ रुपये के आसपास थी, लेकिन उस पर बैंक अधिकारियों की मिलीभगत से 4 करोड़ का लोन पास हो गया। मामले में गिरफ्तार शिवम ने 2020 में मुकदमा दर्ज करवाया था, लेकिन जांच में उसकी भूमिका संदिग्ध मिलने पर उसे गिरफ्तार किया गया है।
पीएनबी के अधिकारियों की मिलीभगत का शक
पुलिस के अनुसार ज्यादातर लोन पीएनबी की रामप्रस्थ और सूर्यनगर ब्रांच से पास हुए हैं। थाना प्रभारी ने बताया कि इस मामले की जांच में बैंक के सीनियर अधिकारी हैरान है कि प्रॉपर्टी की कीमत से तीन गुना ज्यादा लोन कैसे कर दिया गया? उन्होंने बताया कि इसमें पीएनबी के साथ कई अन्य बैंक भी शामिल हैं। उनके बारे में जांच की जा रही है।
ऐसे करता था जालसाजी
पुलिस के मुताबिक, लक्ष्य पर प्रॉपर्टी से जुड़े 22 मुकदमे हैं। वह ज्यादातर पॉश एरिया के लोगों को टारगेट करता था। वह लोगों की प्रॉपर्टी बिकवाने के लिए मिलता था। इसके लिए लग्जरी कार में चलता था और अपने प्रोफाइल को बढ़ा-चढ़ाकर बताता था। प्रॉपर्टी बिकवाने के लिए वह पेपर लेता था और बाद में बैंक अधिकारियों से मिलीभगत करके उस पर करोड़ों का लोन पास करवा लेता था। ऐसे ही उसने एक लोन 10 करोड़ का भी पास कराया है।
ऐसे बना प्रॉपर्टी फ्रॉड का मास्टरमाइंड
जानकारी के अनुसार, लक्ष्य 2013 तक छोटे-छोटे काम कर रहा था। 2013 के बाद उसका बैंक के कुछ अधिकारियों से संपर्क हुआ। इसके बाद उसने जालसाजी शुरू की। शुरुआत में वह दूसरों के ऐसे लोन करवाता था जिसमें बैंक से कोई दिक्कत होती थी। बाद में बैंक के अंदर अच्छी पहचान होने पर उसने करोड़ों का खेल खेलना शुरू कर दिया।
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