गाजियाबाद गाजियाबाद के इंदिरापुरम में देशभर के रिटायर्ड कर्मचारियों के पीएफ पर विभिन्न प्रकार की स्कीम के नाम पर 100 करोड़ रुपये से ज्यादा की ठगी का मामला सामने आया है। ठगों के इस गैंग के 3 लोग साइबर सेल के हत्थे चढ़े हैं। साइबर सेल ने यह कार्रवाई इंदिरापुरम थाने की पुलिस के साथ मिलकर की।
आरोपी नोएडा के गौड़ सिटी के एक फ्लैट में ठगी का कॉल सेंटर चला रहे थे। इनके पास से 14 मोबाइल, 33 डेबिट-क्रेडिट कार्ड, 23 शीट डेटा समेत अन्य सामान बरामद किए गए हैं। सीओ साइबर सेल अभय कुमार मिश्रा ने बताया कि आरोपियों के नाम राहुल, घनश्याम और धर्मेंद्र हैं। गैंग को लीड घनश्याम करता है। वह पहले भी जेल जा चुका है।
यह गैंग करीब 9 साल से एक्टिव है। उन्होंने नोएडा में इस साल जनवरी में ही कॉल सेंटर शुरू किया था। 2012 से अभी तक वह 10 हजार से ज्यादा लोगों से 100 करोड़ रुपये से ज्यादा की ठगी कर चुके हैं। गैंग को डेटा उपलब्ध करवाने वाले सुमित और अंकित नाम के 2 युवकों के बारे में जानकारी हुई है। उनकी भी तलाश की जा रही है।
18 हजार से लेकर 1 करोड़ रुपये तक ठगेजब पुलिस ने गैंग को पकड़ा तो पता चला कि वह महाराष्ट्र और गुजरात के लोगों को ज्यादा टारगेट करते हैं। इस दौरान उन्होंने सबसे कम 18 हजार रुपये और सबसे ज्यादा ठगी मुंबई के रिटायर्ड अधिकारी से 1 करोड़ 14 लाख रुपये की है। इस मामले में मुंबई पुलिस ने साइबर सेल से संपर्क किया है। सीओ साइबर ने बताया कि गैंग डेटा के आधार पर कॉल करता है। रिटायर्ड कर्मचारियों से ईपीएफ ऑफिसर बन कर बात करते हैं।
इस दौरान लोगों को उनके पीएफ पर बेहतर दर पर लोन, ग्रुप पॉलिसी पर अच्छा फायदा समेत लाभ देने की बात करते हैं। वह कई बार एक टीम को अपने टारगेट के घर भी भेजते हैं। कई मामलों में वह ओटीपी पता कर पीएफ का 40 फीसदी तक अपने खातों में ट्रांसफर करवा लेते हैं। पुलिस इस मामले में पीड़ितों से संपर्क का प्रयास कर रही है।
ठगी के रुपये को वैध बनाने के लिए खोली थी कंपनीसाइबर सेल प्रभारी सुमित कुमार ने बताया कि ठगों ने एक पैथालॉजी ट्रस्ट शुरू किया था। इस ट्रस्ट का प्रयोग वह ठगी से आए रुपये को एक नंबर का बनाने के लिए करते हैं। पुलिस की टीम इस कंपनी की भी पूर जांच कर रही है। साथ ही इससे जुड़े अन्य लोगों के बारे में भी पता किया जा रहा है। इसके साथ ही जहां आरोपितों ने अपना ऑफिस खोला था। उसके बारे में डिटेल मांगी गई है।
750 नंबरों की लिस्ट जारी कीसाइबर ठगों ने हाल के महीनों में लोगों को ठगने के लिए करीब 750 नंबरों का प्रयोग किया था। साइबर सेल ने इन सभी नंबरों को विभिन्न वॉट्सऐप ग्रुप पर शेयर करने के साथ कई राज्यों की पुलिस को भेजे हैं। जिससे अगर कोई पीड़ित नंबर को पहचाने तो जानकारी मिल सके। इससे पहले भी पुलिस ठगों के द्वारा प्रयोग किए नंबरों को जारी कर चुकी है।
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