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गिरिजा के आंगन में सजेगा काशी का बाजार, सांस्कृतिक संकुल में बनारसी स्वाद का हर दिन लगेगा मेला

ठुमरी साम्राज्ञी पद्म विभूषण गिरिजा देवी के नाम से विख्यात हो रहे वाराणसी का सांस्कृतिक संकुल में काशी का बाजार सजेगा। दुनियाभर से आने वाले सैलानियों को एक ही जगह पर बनारसी स्वाद का लुत्फ मिलेगा। साथ ही पूर्वांचल के उत्पादों का मेला भी लगाया जाएगा। दिल्ली हॉट की तर्ज पर सांस्कृतिक संकुल में बनारस का पूरा बाजार एक ही जगह पर दिखाई देगा। विकास प्राधिकरण (वीडीए) ने संकुल में पहले चरण का काम पूरा करने के बाद अब दूसरे चरण की कार्ययोजना तैयार की है।

विकास प्राधिकरण ने अपने पुराने प्रस्ताव को अब धरातल पर उतारने की कवायद में जुट गया है। इसमें सांस्कृतिक संकुल परिसर में 13 करोड़ रुपये की लागत से 80 से ज्यादा दुकानें और स्टाल तैयार किए जाएंगे। यहां बनारसी साड़ी से लेकर लकड़ी के खिलौने और पूर्वांचल के जिलों के जीआई उत्पाद सहित स्थानीय हस्तशिल्प की दुकानें सजाई जाएंगी।

इसके अलावा बनारस की लस्सी, कचौड़ी सहित अन्य स्थानीय खान-पान का लुत्फ सैलानी उठा सकेंगे। बता दें कि विकास प्राधिकरण ने करीब छह करोड़ रुपये की लागत से सभागार का पुनरुद्धार किया है। इसमें हर रोज स्थानीय कलाकारों के जरिए आयोजन की भी तैयारी है। पहले चरण का काम पूरा होने के बाद अब विकास प्राधिकरण ने दूसरे चरण की कार्ययोजना शासन को भेजी दी है।

विकास प्राधिकरण की कार्ययोजना के अनुसार, काशी हाट में पूर्वांचल के सभी नामचीन उत्पादों को शामिल किया जाएगा। इसमें जरी-जरदोजी, गुलाबी मीनाकारी, ग्लास बीड्स, सॉफ्ट स्टोन, साड़ी व ड्रेस मैटेरियल्स, पीतल के बर्तन, वॉल हैंगिंग, लकड़ी के खिलौने, चुनार के पत्थरों के उत्पाद सहित अन्य को शामिल किया जाएगा।

विकास प्राधिकरण की उपाध्यक्ष ईशा दुहन ने बताया कि काशी हाट का प्रस्ताव तैयार कर लिया गया है। शासन को भी इस परियोजना का पूरा प्रस्ताव भेजा गया है। शीघ्र ही टेंडर प्रक्रिया के जरिए इसका काम शुरू कराया जाएगा।