सीबीआई ने समीक्षा अधिकारी (आरओ)/सहायक समीक्षा अधिकारी (एआरओ)-2014 में हुईं धांधली की शिकायत को लेकर चयनित अभ्यर्थियों को पूछताछ के लिए नोटिस जारी किया है। सीबीआई ने अभ्यर्थियों को दिल्ली स्थित मुख्यालय में तलब किया है और कुछ अभ्यर्थियों से पूछताछ भी की जा चुकी है। इसके साथ ही टाइप टेस्ट की कॉपियां जांचने वाले भी सीबीआई के निशाने पर हैं और उनसे भी पूछताछ की तैयारी की जा रही है।
अपर निजी सचिव (एपीएस) भर्ती-2010 मामले में पूर्व परीक्षा नियंत्रक और आयोग के अज्ञात कर्मचारियों/अफसरों एवं बाहरी अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के बाद सीबीआई के निशाने पर अब आरओ/एआरओ भर्ती-2016 संदिग्ध चयनित अभ्यर्थी हैं। सीबीआई को शिकायत मिली थी कि आरओ/एआरओ परीक्षा-2014 में कई अभ्यर्थियों की ओएमआर शीट बदल दी गई थी। अभ्यर्थियों से ओ-लेवल सर्टिफिकेट मांगे गए थे, लकिन ओ-लेवल सर्टिफिकेट की जगह दूसरे प्रमाणपत्र स्वीकार किए गए। कुछ अभ्यर्थियों ने फर्जी अभिलेख लगाए जाने की शिकायत भी की थी। साथ ही आरोप लगाए थे कि तमाम अभ्यर्थियों को टाइप टेस्ट में अनुचित लाभ पहुंचाया गया। टाइप टेस्ट में फेल अभ्यर्थियों का भी चयन किया गया।
अभ्यर्थियों ने अपनी शिकायतों के साथ सीबीआई को अभिलेखीय साक्ष्य भी उपलब्ध कराए थे। जांच में सीबीआई को गड़बड़ी के सुबूत मिलने पर प्राथमिक जांच भी दर्ज करा ली गई थी। आरओ/एआरओ-2014 का अंतिम चयन परिणाम 28 नवंबर 2016 को जारी किया गया था, जिसमें 426 अभ्यर्थियों को अंतिम रूप से चयनित घोषित किया गया था। सीबीआई ने अब इनमें से संदिग्ध चयनितों को नोटिस जारी कर पूछताछ के लिए मुख्यालय तलब किया है। कुछ अभ्यर्थियों से पूछताछ हो चुकी है। वहीं, टाइप टेस्ट की कॉपियां जांचने वाली भी सीबीआई के निशाने पर हैं और उन्हें भी पूछताछ के लिए बुलाया जा रहा है। पूछताछ के बाद सीबीआई आरओ/एआरओ-2014 के मामले में भी एफआईआर दर्ज कर सकती हैं।
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