भाजपा के दिग्गज नेता व यूपी के पूर्व सीएम व राजस्थान के पूर्व राज्यपाल कल्याण सिंह ने लंबी बीमारी के बाद शनिवार को अंतिम सांस ली। इस मौके पर उनके भाषणों व कृतित्व को याद करते हुए उन्हें श्रद्घांजलि दी जा रही है। कल्याण सिंह ने एक भाषण में कहा था- ‘मैंने अपना जीवन भाजपा के लिए समर्पित किया है, मैं चाहता हूँ कि मरूँ तो मेरा शव भी भाजपा के झंडे में ही जाए।’
अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण चल रहा है। इसकी बुनियाद रखने वाले नेताओं में कल्याण सिंह का नाम अग्रणी है। राम मंदिर के लिए उन्होंने अपनी सरकार तक कुर्बान कर दी और एक दिन की सजा तक पाई। 30 अक्टूबर, 1990 को तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने अयोध्या में कारसेवकों पर गोली चलवा दी थी। इसके बाद मात्र एक साल में कल्याण सिंह ने भाजपा को उस बुलंदी पर पहुंचाया कि पार्टी ने 1991 में अपने दम पर यूपी में सरकार बना ली। वे यूपी में भाजपा के पहले मुख्यमंत्री बने। इसके ठीक बाद कल्याण सिंह ने अपने सहयोगियों के साथ अयोध्या का दौरा किया और राम मंदिर निर्माण की शपथ ली। 6 दिसंबर 1992 को भीड़ ने विवादित ढांचा गिरा दिया और इसके साथ ही राम मंदिर निर्माण का रास्ता साफ हो गया।
2009 में बनाई अलग पार्टी बनाई, 2013 में भाजपा में विलय किया
2009 में कल्याण सिंह ने भाजपा छोड़ दी थी। इसके बाद उन्होंने ‘जन क्रांति पार्टी’ का गठन किया था। हालांकि 2013 में उन्होंने अपनी पार्टी का भाजपा में विलय कर दिया था। नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद उन्हें पहले हिमाचल प्रदेश और फिर राजस्थान का राज्यपाल नियुक्त किया गया। राजस्थान में कार्यकाल पूरा करने के बाद वे फिर भाजपा में सक्रिय हो गए। इस तरह कद्दावर नेता ने भाजपा की अंतिम सांस तक सेवा की।
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भाजपा के दिग्गज नेता व यूपी के पूर्व सीएम व राजस्थान के पूर्व राज्यपाल कल्याण सिंह ने लंबी बीमारी के बाद शनिवार को अंतिम सांस ली। इस मौके पर उनके भाषणों व कृतित्व को याद करते हुए उन्हें श्रद्घांजलि दी जा रही है। कल्याण सिंह ने एक भाषण में कहा था- ‘मैंने अपना जीवन भाजपा के लिए समर्पित किया है, मैं चाहता हूँ कि मरूँ तो मेरा शव भी भाजपा के झंडे में ही जाए।’
अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण चल रहा है। इसकी बुनियाद रखने वाले नेताओं में कल्याण सिंह का नाम अग्रणी है। राम मंदिर के लिए उन्होंने अपनी सरकार तक कुर्बान कर दी और एक दिन की सजा तक पाई। 30 अक्टूबर, 1990 को तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने अयोध्या में कारसेवकों पर गोली चलवा दी थी। इसके बाद मात्र एक साल में कल्याण सिंह ने भाजपा को उस बुलंदी पर पहुंचाया कि पार्टी ने 1991 में अपने दम पर यूपी में सरकार बना ली। वे यूपी में भाजपा के पहले मुख्यमंत्री बने। इसके ठीक बाद कल्याण सिंह ने अपने सहयोगियों के साथ अयोध्या का दौरा किया और राम मंदिर निर्माण की शपथ ली। 6 दिसंबर 1992 को भीड़ ने विवादित ढांचा गिरा दिया और इसके साथ ही राम मंदिर निर्माण का रास्ता साफ हो गया।
2009 में बनाई अलग पार्टी बनाई, 2013 में भाजपा में विलय किया
2009 में कल्याण सिंह ने भाजपा छोड़ दी थी। इसके बाद उन्होंने ‘जन क्रांति पार्टी’ का गठन किया था। हालांकि 2013 में उन्होंने अपनी पार्टी का भाजपा में विलय कर दिया था। नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद उन्हें पहले हिमाचल प्रदेश और फिर राजस्थान का राज्यपाल नियुक्त किया गया। राजस्थान में कार्यकाल पूरा करने के बाद वे फिर भाजपा में सक्रिय हो गए। इस तरह कद्दावर नेता ने भाजपा की अंतिम सांस तक सेवा की।
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