पीएम की महत्वाकांक्षी योजना प्रधानमंत्री मातृत्व वंदन योजना के लाभार्थियों को योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है, जिसके चलते लाभार्थी स्वास्थ्य विभाग के चक्कर काट रहे हैं। कई महीनों तक इस योजना के तहत लाभार्थियों का भुगतान नहीं किया गया, जिसको लेकर सवालिया निशान भी लगने शुरू हो गये थे। इस योजना में आवेदन करने के लिए जो पोर्टल इस्तेमाल किया जा रहा है, उसमें भी समय-समय पर तकनीकी खराबी आती रहती है, जिसके चलते भी योजना प्रभावित हो रही है। अब सबसे बड़ी समस्या इस योजना में राष्ट्रीयकृत बैंकों के आपस में मर्ज होने से पैदा हो गयी है। बैंकों के मर्ज होने के कारण उनके आईएफएससी कोड़ भी बदल गये हैं, जिसके चलते लाभार्थियों के फार्म करेक्शन क्यू में पहुंच गये और उनका भुगतान नहीं हो पा रहा है। मुजफ्फरनगर समेत पूरे देश के करोड़ों लाभार्थी इसके कारण प्रभावित हो रहे हैं और उनका भुगतान नहीं हो पाया है।
क्या है प्रधानमंत्री मातृत्व वंदन योजना
गर्भवती महिलाओं को उचित खानपान एवं पोषण के लिए देश में प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (पीएमएमवीवाई) चल रही है। योजना के तहत पहली बार गर्भवती होने वाली महिला को तीन किश्तों में 5000 रुपये की धनराशि दी जाती है। इस योजना के तहत गर्भवती महिला का सरकारी स्वास्थ्य इकाई में 150 दिनों के अंदर पंजीकृत कराकर इस योजना का लाभ प्राप्त किया जा सकता है। माँ बनने की जानकारी होने पर पहली किस्त मे एक हजार रूपए का भुगतान किया जाता है। इसके बाद दूसरी किस्त 6 माह बाद 2 हजार रूपए का किया जाता है। बच्चे के जन्म के बाद पंजीकरण, टीकाकरण की प्रक्रिया पूरी कराकर आवेदन प्रपत्र 1 सी के साथ जच्चा बच्चा कार्ड, आधार कार्ड एवं शिशु जन्म प्रमाण पत्र जमा कराकर तीसरी किस्त का 2000 रूपए का भुगतान लाभार्थी को किया जाता है।
पोर्टल में तकनीकी खराबी बड़ी समस्या
पीएमएमवीवाई के पोर्टल में आये दिन तकनीकी खराबी आती रहती है, जिसके चलते भी लाभार्थी प्रभावित होते हैं। गत दिनों पोर्टल की तकनीकी खराबी के चलते हजारों लाभार्थियों का पेमेन्ट रिजेक्ट हो गया था, जो काफी समय बाद लाभार्थियों के खाते में पहुंच पाया। इसके बाद तकनीकी खराबी के चलते ही हजारों लाभार्थियों के फार्म करेक्शन क्यू में चले गये थे, जो काफी शिकायतों के बाद वापिस प्रक्रिया में आये हैं।
डाटा आपरेटरों का नहीं हुआ भुगतान
प्रधानमंत्री मातृत्व वंदन योजना के आवेदन फार्मों को पोर्टल पर फीड करने के लिए डाटा एन्ट्री आपरेटरों के लिए सरकार द्वारा मानदेय निर्धारित किया गया है। मुजफ्फरनगर में पिछले दो सालों से पोर्टल पर फार्म फीड कर रहे डाटा एन्ट्री आपरेटरों को भुगतान नहीं किया गया है, जिसके चलते उनका मनोबल टूटा हुआ है।
More Stories
Rishikesh में “अमृत कल्प” आयुर्वेद महोत्सव में 1500 चिकित्सकों ने मिलकर बनाया विश्व कीर्तिमान, जानें इस ऐतिहासिक आयोजन के बारे में
Jhansi पुलिस और एसओजी की जबरदस्त कार्रवाई: अपहृत नर्सिंग छात्रा नोएडा से सकुशल बरामद
Mainpuri में युवती की हत्या: करहल उपचुनाव के कारण सियासी घमासान, सपा और भाजपा में आरोप-प्रत्यारोप