इलाहाबाद हाईकोर्ट ने टीबी सप्रू अस्पताल से तीन माह से लापता कोरोना के 82 वर्षीय वृद्ध मरीज कनिष्ठ अभियंता रहे राम लाल यादव को तलाश कर 27 अगस्त को पेश करने का निर्देश दिया है। साथ ही चिकित्सा एवं स्वास्थ्य तथा गृह विभाग के प्रमुख सचिवों/अपर मुख्य सचिवों को लापरवाही बरतने वाले अस्पताल के अधिकारियों पर तत्काल कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।
कोर्ट ने राज्य सरकार को टीबी सप्रू अस्पताल की सुरक्षा व सुविधाएं मुहैया कराने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा है कि अस्पताल में उच्च सुरक्षा उपकरण लगाए जाएं, नियमित देखभाल की जाए और उनका आडिट कराया जाए। दोनों अधिकारियों को आडिट रिपोर्ट कोर्ट में पेश करने का निर्देश दिया गया है और सप्रू अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक से व्यक्तिगत हलफनामा मांगा है। साथ ही अधिकारियों को सुनवाई के समय मौजूद रहने को कहा है। यह आदेश न्यायमूर्ति एस पी केसरवानी तथा न्यायमूर्ति पीयूष अग्रवाल की खंडपीठ ने राहुल यादव की बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर दिया है।
कोर्ट ने कहा कि जिला व पुलिस प्रशासन व अस्पताल के अधिकारियों ने कर्त्तव्य पालन में घोर लापरवाही बरती है। अस्पताल से मरीज लापता हो गया। सीसीटीवी कैमरे खराब पड़े हैं। अस्पताल की दुर्दशा है। सीएमओ ने कहा कि अस्पताल का प्रशासनिक व वित्तीय नियंत्रण सीएमएस का है और उस पर डायरेक्टर का सीधा नियंत्रण है। सीएमओ का कोई नियंत्रण नहीं है। डीएम ने कहा कि सिटी मजिस्ट्रेट को एक हफ्ते में सही तथ्यों का पता लगाने की जिम्मेदारी दी गई है। एसएसपी ने कहा कि रामलाल यादव का दिल्ली में मकान है। उनके गृह जनपद कौशाम्बी में लोगों ने बताया अक्सर वहीं रहते थे। कोर्ट ने कहा कि अस्पताल में भर्ती मरीज तीन माह से लापता है। जिला पुलिस व अस्पताल प्रशासन गंभीर नहीं हैं। मरीजों की सुरक्षा में घोर लापरवाही बरती जा रही है।
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