वाराणसी
उत्तर प्रदेश के वाराणसी कोर्ट में याचिका डालकर पांच हिंदू महिलाओं ने पुराने मंदिर परिसर में मस्जिद के अंदर देवी-देवताओं की मूर्ति रखकर पूजा करने का अधिकार मांगा है। उनका कहना है कि इसे मुगल शासनकाल के दौरान कथित तौर पर मस्जिद में परिवर्तित कर दिया गया था। इस पर कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार, ज्ञानवापी मस्जिद प्रबंध कमिटी और काशी विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट से जवाब मांगा है।
यह याचिका राखी सिंह की अगुवाई में महिलाओं ने हरीशंकर जैन और विष्णुशंकर जैन नामक वकीलों के जरिए फाइल किया है। वाराणसी सीनियर सिविल जज रवि कुमार दिवाकर ने इस पर सिटी मैजिस्ट्रेट और पुलिस कमिश्नर से जवाब मांगा है। वकीलों ने याचिका में कहा है कि औरंगजेब के शासन काल में मुगलों ने काशी विश्वनाथ मंदिर के पुराने परिसर को क्षतिग्रस्त कर दिया था। यहां श्रद्धालुओं को दृश्य और अदृश्य देवताओं की पूजा का अधिकार है।
वकील जैन ने कहा कि देवी गौरी के साथ ही भगवान गणेश और हनुमान की मूर्तियों को सजाने के साथ ही मंदिर में नंदी जी की पूजा के वादी के मूलभूत अधिकार में दखल नहीं देना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि वादी की तरफ से एक और ऐप्लिकेशन फाइल की गई है, जिसमें एडवोकेट कमिश्वर से ऑन द स्पॉट निरीक्षण की रिपोर्ट की दरख्वास्त की गई है।
इस केस में शिकायत दर्ज कराने वाले मुद्दई की तरफ से उत्तर प्रदेश को प्रतिवादी बनाया गया है। इसलिए उनके पक्ष को सुनना जरूरी है। वादी पक्ष की तरफ से तीन दिनों के अंदर ही प्रतिवादी पर नोटिस जारी किए जाने की अपील करनी चाहिए। आपत्ति पर विचार किए जाने की तारीख 10 सितंबर की रखी गई है।
फाइल फोटो
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