काम करने अफगानिस्तान के काबुल गए चंदौली और गाजीपुर के दो युवक तालिबानी हमले के बाद वहीं फंस गए हैं। दोनों ने फोन कर अपने घर वालों को वहां की खराब होती स्थिति की जानकारी दी है। इससे परिजनों की चिंता बढ़ गई है। परिजनों ने दोनों की सकुशल वापसी के लिए सरकार से गुहार लगाई है। वहीं जौनपुर निवासी और आईटीबीपी जवान मंगलवार को सही सलामत गुजरात के जामनगर पहुंचा, फोन पर परिजनों को जानकारी दी तो आंसू छलक पड़े।
चंदौली के नियामताबाद ब्लॉक के अमोघपुर निवासी बुद्धिराम चौहान का छोटा बेटा सूरज चौहान(29) काबुल में वेल्डर है। सूरज ने सोमवार शाम घर फोन कर पिता को बताया कि वहां स्थिति काफी खराब है। कंपनी के 18 कर्मचारी एक कमरे में बंद हैं। कंपनी का मालिक पासपोर्ट लेकर भाग गया है। मंगलवार दोपहर सूरज का फिर फोन आया। उसने बताया कि कंपनी का मालिक आया है और भारत भेजने का आश्वासन दे रहा है। बड़े भाई ओमकार ने बताया कि सूरज जनवरी 2021 में काबुल गया था। पहले स्थिति ठीक थी पर इधर हालात बिगड़ गए हैं।
गाजीपुर के युवक ने वीडियो काल पर एसडीएम से लगाई गुहार
गाजीपुर के कासिमाबाद थाने के मुबारकपुर मुतलके सागापाली गांव निवासी कन्हैयालाल शर्मा (35) काबुल स्थित वजीर अख्तर खान कस्बे के मेले स्टील मिल में काम करने 16 जुलाई को पहुंचे थे। एक महीना बाद ही वहां के हालात बेहद खराब हो गए। कन्हैयालाल ने घर वापसी के लिए भारतीय दूतावास से गुहार लगाई है। उन्होंने मंगलवार को वीडियो काल करके अपने परिजनों के साथ उप जिलाधिकारी कासिमाबाद भारत भार्गव से बात की।
बताया कि यहां रहने का माहौल नहीं है। तालिबानियों के लूटपाट और फायरिंग से दहशत है। बताया कि फैक्ट्री के सभी कर्मचारी गेट बंद कर अंदर हैं। इधर, कन्हैया की सुरक्षा को लेकर मां ऊषा देवी, पत्नी रीना देवी भाई अमरनाथ शर्मा, अविनाश शर्मा, अंगद शर्मा, मकरध्वज शर्मा चिंतित हैं। पत्नी रीना देवी ने पीएम को पत्र लिख कर पति की वतन वापसी की मांग की है। गाजीपुर के जिलाधिकारी एमपी सिंह ने काबुल में फंसे कन्हैया के परिजनों से बात की। उन्होंने इस संबंध में मदद के लिए केंद्र सरकार को चिट्ठी लिखी है।
अफगानिस्तान में फंसे भारतीय अधिकारियों व सुरक्षाबलों को लेकर एयर इंडिया का विशेष विमान मंगलवार को काबुल से गुजरात के जामनगर पहुंचा। इसी विमान में जौनपुर के सिकरारा थाना के बिसावां गांव निवासी और आईटीबीपी जवान आशीष सिंह भी सलामत वतन पहुंचे। परिवार के लोगों को जानकारी दी तो खुशी के आंसू छलक पड़े। बिसावां गांव निवासी ज्ञान प्रकाश सिंह के ज्येष्ठ पुत्र आशीष कुमार सिंह की ड्यूटी काबुल स्थित भारतीय दूतावास में राजनयिक व कर्मचारियों की सुरक्षा में लगी थी।
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