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आठ साल बाद भी लखनऊ से सोनभद्र नहीं आई डीएनए रिपोर्ट, कोर्ट ने किया तलब

सोनभद्र के विंढमगंज थाना क्षेत्र अंतर्गत 2013 में एक किशोरी की दुष्कर्म के बाद हत्या कर दी गई थी। यह प्रकरण तभी से न्यायालय में विचाराधीन है। इस मामले में बृहस्पतिवार को अपर सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट पंकज श्रीवास्तव की अदालत ने आठ साल बाद भी डीएनए परीक्षण की आख्या न भेजने पर कड़ा रुख अपनाया है। डीएनए अनुभाग विधि विज्ञान प्रयोगशाला लखनऊ के उपनिदेशक को नोटिस जारी की है। 25 अगस्त को व्यक्तिगत रूप से अदालत में परीक्षण आख्या के साथ हाजिर होने का अदालत ने निर्देश दिया है।

विधि विज्ञान प्रयोगशाला में दुष्कर्म पीड़िता के कपड़े और आरोपी के रक्त नमूने को डीएनए परीक्षण मिलान के लिए 14 फरवरी 2013 को ही प्राप्त कराया गया था। इसके बाद लगभग आठ वर्ष का समय बीतने के बाद भी मामले में परीक्षण आख्या न तो न्यायालय में और न ही पुलिस अधीक्षक सोनभद्र के यहां प्रेषित की गई। इसे गंभीरता से लेते हुए कोर्ट ने बड़ी लापरवाही मानी है। अदालत ने कहा कि चार अगस्त को पुलिस अधीक्षक सोनभद्र की ओर से विशेष वाहक कांस्टेबल आशीष कुमार यादव के जरिये आख्या उपलब्ध कराने की अपेक्षा की गई थी। बावजूद आख्या नहीं प्रेषित की गई है जो घोर लापरवाही है। ऐसे में नोटिस भेजकर 25 अगस्त को उपनिदेशक डीएनए अनुभाग विधि विज्ञान प्रयोगशाला लखनऊ को व्यक्तिगत रूप से न्यायालय के समक्ष उपस्थित हों और आख्या न भेजने के बारे में बताएं।