उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिले के अभिकांश गांव में मातृ एवं शिशु कल्याण उपकेंद्र धूल फांक रहे हैं। ऐसे में पडरौना ब्लॉक के नादह गाव की महिलाओं को स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए शासन की ओर से बना मातृ एवं शिशु कल्याण उपकेंद्र बदहाल है। विभागीय उदासीनता के चलते ग्रामीणों का इसका लाभ नहीं मिल पा रहा। केंद्र पर ना तो पर्याप्त संसाधन है और ना ही कोई सुविधा है। ऐसे में ग्रामीण महिलाएं लंबी दूरी तय कर इलाज के लिए जिला अस्पतालों पर जाने को मजबूर हैं।
ग्रामीणों के मुताबिक, नादह की आबादी लगभग 5200 की है। गांव के अंदर शासन ने लाखों रुपये खर्च करके दस वर्ष पहले मातृ एवं शिशु कल्याण उपकेंद्र का निर्माण कराया गया था। भवन निर्माण होने पर गांव के ग्रामीण सहित क्षेत्र की महिलाओं को बेहतर स्वास्थ्य सेवा मिलने की उम्मीद जगी थी, लेकिन विभागीय उदासीनता के कारण महिलाएं लंबी दूरी तय कर जिला अस्पताल में इलाज कराने को मजबूर हैं।
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संसाधनों की कमी और विभागीय जिम्मेदारों की उदासीनता से कुछ दिन बाद उम्मीदें मायूसी में बदल गईं। कैंपस में पेयजल की समुचित व्यवस्था नहीं है। साथ ही कमरे की फर्श टूटकर बिखरने लगी। गांव के ग्रामीणों का कहना है कि एएनम कभी कभार आती हैं। बाकी दिन गायब रहती हैं।
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