गाजियाबाद
शेक्सपियर ने कहा था, नाम में क्या रखा है! …लेकिन एक शातिर दिमाग ने सोच लिया कि नाम में बहुत कुछ रखा है। इस आरोपी को पता चला कि मेट्रो स्टेशन के पीछे करोड़ों की जमीन है, जिसके मालिक और उसका नाम एक ही है। शातिर ने जमीन के फर्जी कागजात बनवाए। कुछ लोगों की मार्केटिंग टीम बनाई और जमीन बेचने की कोशिश में जुट गया। हालांकि करोड़ों की ठगी होने से पहले ही पुलिस ने मंगलवार को 6 शातिरों को गिरफ्तार कर लिया।
सभी आरोपी मंगलवार को अर्थला मेट्रो स्टेशन के पीछे जमीन का सौदा करने के लिए ग्राहक के साथ पहुंचे हुए थे। एसएचओ नागेंद्र चौबे ने बताया कि गिरोह का सरगना राजकुमार अग्रवाल रोहिणी दिल्ली का निवासी है। अन्य साथियों में हरेंद्र सिंह श्याम पार्क, संजय राजेंद्र नगर, विजय शर्मा साहिबाबाद गांव, रजनीश चिरंजीव विहार, अरुण वेव सिटी का रहने वाला है।
उन्होंने बताया कि जमीन का असली मालिक राजकुमार अग्रवाल जीटी रोड गाजियाबाद का रहने वाला है, जो इस समय नोएडा सेक्टर-15 में रह रहा है। जालसाजों ने जमीन बेचने के लिए फर्जी कागजात बनवाए थे। करीब 1 साल से आरोपी जमीन का सौदा करने के लिए खरीदारों को मौके पर ला रहे थे। गिरोह के सरगना का नाम प्रॉपर्टी होल्डर के नाम से मिलने के कारण किसी को शक नहीं हो रहा था।
कई लोगों से ऐंठ ली टोकन मनी
एसएचओ ने बताया कि जमीन बेचने के लिए आरोपी ने साथियों को मार्केटिंग के लिए लगा रखा था। जो ग्राहकों को खोजकर लाते थे। शातिर राजकुमार अग्रवाल विडियो कॉल पर लोगों से बात करता था। वॅट्सऐप के माध्यम से जमीन के फर्जी कागजात दिखाता था। कुछ लोगों से जमीन बेचने के नाम पर टोकन मनी भी ऐंठ चुका था। इस मामले में करीब 5 महीने पहले इसके खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था। पुलिस ने सभी को जेल भेज दिया है।
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