गंगा के बढ़े हुए जल की वजह से घाट किनारे शव जलाने का स्थान पूरी तरह से जलमग्न हो चुका है। गंगा का जलस्तर इतना ज्यादा बढ़ चुका है कि अब इन घाटों की सकरी गलियों में गंगा का पानी पहुंच गया है। शवों को जलाने वाला प्लेटफॉर्म चारों ओर से पानी से डूब चुका है। ऐसे में लोगों को नाव से शवों को प्लेटफॉर्म तक ले जाना पड़ रहा है।
गली-मोहल्ले में चल रही हैं नाव
गंगा का जलस्तर सोमवार सुबह जलस्तर 71.37 मीटर दर्ज किया गया, जो खतरे के निशान से 11 सेंटीमीटर ऊपर था। जलस्तर बढ़ने की रफ्तार एक सेंटिमीटर प्रतिघंटे बनी रहने से तटवर्ती कॉलोनियों व निचले इलाकों में दहशत का माहौल है। गंगा व सहायक नदी वरुणा की बाढ़ की वजह से शहर के कई मोहल्लों-गलियों में नाव चलना शुरू हो गई हैं।
दशाश्वमेध घाट में भी भरा पानी
दशाश्वमेध घाट जाने वाले मार्ग पर बाढ़ का पानी हिलोरे मारने लगा है। अस्सी-नगवां मुख्य मार्ग पर गंगा की बाढ़ का पानी चढ़ने से रास्ता बंद कर दिया है। दशाश्वमेध घाट पर ऊपरी हिस्से में बनी जल पुलिस चौकी डूब चुकी है तो दशाश्वमेध घाट, शीतला घाट, अस्सी व मणिकर्णिका घाट की गलियों में नावें चल रही हैं। अस्सी चौराहे पर पुलिस ने बैरिकेडिंग कर घाट जाने वाला रास्ता बंद कर दिया है। साथ ही नगवां के तरफ से आने वाले रास्ते पर भी बैरिकेडिंग कर दी गई है।
बुनकर परिवारों में रोजी-रोटी का संकट
उधर, बीएचयू जाने वाले मुख्य मार्ग पर भी बाढ़ का पानी आने को है। सामनेघाट की एक दर्जन कॉलोनियों के लोगों की सांसें अटकी हुई हैं। कॉलोनियों में घुटने से ऊपर पानी भरने से लोगों को घरों से निकाल कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है। वरुणा की बाढ़ से दो दर्जन मोहल्लों में दुश्वारियां बढ़ने से तेजी से पलायन हो रहा है। वरुणा किनारे के इलाके में ज्यादातर बुनकर परिवारों के रहने से उनकी रोजी-रोटी पर संकट है।
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