टीजीटी 2021 परीक्षा में सॉल्वर गिरोह पकड़े जाने का सिलसिला रविवार को भी जारी रहा। कीडगंज में महिला समेत सॉल्वर गिरोह के 10 सदस्य पकड़े गए। यह सभी बिहार के रहने वाले हैं जिन्हें परीक्षा में मूल अभ्यर्थियों की जगह बैठना था। हालांकि इससे पहले ही वह पुलिस के हत्थे चढ़ गए। इनके कब्जे से इलेक्ट्रॉनिक सिम डिवाइस, ब्लूटूथ ईयर बड के साथ ही प्रवेशपत्र समेत अन्य दस्तावेज बरामद हुए हैं।
कीडगंज पुलिस को सूचना मिली कि नेता नगर पार्क केपास सॉल्वर गिरोह के सदस्य मौजूद हैं। जिस पर वहां पहुंचकर 10 लोगों को पकड़ा गया। तलाशी में प्रत्येक के पास से इलेक्ट्रॉनिक सिम डिवाइस, ब्लूटूथ ईयर बड के अलावा 13 अभ्यर्थियों केप्रवेशपत्र की छायाप्रति, 14 जाली आधार कार्ड, 18300 नगद बरामद हुआ। थाने लाकर पूछताछ की गई तो पता चला कि सभी बिहार के अलग-अलग जिलों के रहने वाले हैं। जिन्हें टीजीटी परीक्षा में बतौर सॉल्वर बैठना था। पकड़े गए लोगों में से दो को कीडगंज स्थित केएन काटजू इंटर कॉलेज परीक्षा केंद्र पर दूसरे की जगह पर परीक्षा में बैठना था। जबकि अन्य को जिले में अलग-अलग परीक्षा केंद्रों में बतौर सॉल्वर शामिल होना था। लेकिन इससे पहले ही वह पकड़े गए।
सोरांव का है सरगना, तलाश जारी
गिरोह केसदस्यों से पूछताछ में सामने आया है कि सोरांव का रहने वाला एक व्यक्ति इस गिरोह का सरगना है। उसी ने सभी को बिहार से बुलाया था। खास बात यह है कि रविवार को आयोजित परीक्षा में सरगना खुद अभ्यर्थी था। कीडगंज पुलिस ने फिलहाल उसकेनाम का खुलासा नहीं किया है। इंस्पेक्टर का कहना है कि उसकी तलाश की जा रही है।
10 हजार एडवांस, 50 हजार परीक्षा पास होने पर मिलते
पुलिस के मुताबिक, गिरोह पकड़े गए सदस्यों ने बताया है कि परीक्षा में बतौर सॉल्वर शामिल होने केलिए सभी को 50 हजार रुपये देने की बात तय हुई थी। साथ ही 10 हजार रुपये एडवांस दिए गए थे। रकम ऑनलाइन भेजी गई थी।
दो दिन पूछताछ, फिर भी पुलिस नहीं जुटा पाई पूरी जानकारी
अफसर भले ही सॉल्वर गिरोह के भंडाफोड़ का दावा कर रहे हों, लेकिन खास बात यह रही कि दो दिन की पूछताछ में भी कीडगंज पुलिस गिरोह के बारे में पूरी जानकारी दे पाने की स्थिति में नहीं रही। पकड़े गए सदस्यों के नाम और बरामदगी के अलावा अन्य कोई भी जानकारी इंस्पेक्टर नहीं दे पाए। सरगना के बारे में भी बस इतना बता पाए कि वह सोरांव का रहने वाला था। यह हाल तब है जब शनिवार को ही गिरोह के सदस्य पकड़ लिए गए थे। गिरोह की मॉडस ऑपरेंडी, सरगना के मददगारों, पकड़े गए सदस्यों के बैकग्राउंड से संबंधित कई सवाल पुलिस के तथाकथित खुलासे के बाद भी अनसुलझे ही रहे।
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