वाराणसी स्थित संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में योग, गृहविज्ञान, एमलिब और ज्योतिष के नए स्ववित्तपोषित पाठ्यक्रम शुरू होंगे। सर्टिफिकेट, पीजी डिप्लोमा, स्नातक और स्नातकोत्तर स्तर पर आगामी सत्र से छात्रों को इसमें प्रवेश दिया जाएगा। इसके साथ ही नई शिक्षा नीति के अनुसार पाठ्यक्रम का संचालन भी आगामी सत्र से शुरू होगा। कुलपति की अध्यक्षता में कार्यपरिषद की बैठक में विद्यापरिषद और वित्त समिति की संस्तुतियों पर मुहर लगी।
बुधवार को कार्यपरिषद की बैठक में विश्वविद्यालय परिसर में चौकाघाट की ओर पावर कार्पोरेशन को दो एकड़ जमीन देने पर असहमति जताई गई। इसके अलावा शास्त्री और आचार्य में व्यक्तिगत (प्राइवेट) छात्रों की परीक्षा पर रोक नहीं लगेगी। विद्यापरिषद की बैठक में नई शिक्षा नीति के अनुसार पाठ्यक्रम संशोधन, समीक्षा एवं क्रियान्वयन पर भी सहमति बन गई।
स्नातक योग त्रिवर्षीय/ चतुवर्षीय, आचार्य द्विवर्षीय, एक वर्षीय पाठ्यक्रम, पीजी डिप्लोमा इन योग पाठ्यक्रम, एमलिब एवं गृह विज्ञान स्नातकोत्तर तथा ज्योतिष में त्रैमासिक पाठ्यक्रम के संचालन पर कार्यपरिषद ने अपनी मुहर लगाई। इसके साथ ही विश्वविद्यालय परिसर में गेस्ट हाउस, मल्टी स्टोरीज बिल्डिंग, एमएड व बीएड के नए भवन पर भी कार्यपरिषद ने सहमति दे दी है। इसके अलावा 26 जुलाई को विद्यापरिषद और 27 जुलाई को हुई वित्त समिति की संस्तुतियों पर मुहर लगा दी। इस दौरान कुलसचिव डॉ. ओमप्रकाश, परीक्षा नियंत्रक प्रो. राजनाथ सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।
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