इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है की विशेष परिस्थितियों में एक जिले में 5 वर्ष से कम समय से नियुक्त सहायक अध्यापक भी अंतर्जनपदीय तबादला पाने का हकदार है। कोर्ट ने बेसिक शिक्षा परिषद को याची सहायक अध्यापक के मामले में इस दृष्टिकोण से विचार करने का निर्देश दिया है । प्रयागराज में नियुक्त सहायक अध्यापक धर्मेंद्र सिंह राजपूत की याचिका पर न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्र ने यह आदेश दिया।
याची के अधिवक्ता नवीन कुमार शर्मा का कहना था की याची की पत्नी फिरोजाबाद में सहायक अध्यापिका हैं। याची ने अपना अंतर्जनपदीय स्थानांतरण फिरोजाबाद करने के लिए ऑनलाइन आवेदन किया था मगर उसका आवेदन इस आधार पर निरस्त कर दिया गया कि उसने अभी प्रयागराज में पांच वर्ष की सेवा पूर्ण नहीं की है। अधिवक्ता ने हाईकोर्ट द्वारा पूर्व में पारित आदेशों का हवाला देते हुए कहा की बेसिक शिक्षा परिषद की नियमावली के तहत विशेष परिस्थितियों में पांच वर्ष की सेवा अनिवार्यता में छूट दिए जाने का प्रावधान है।
पति-पत्नी एक ही जिले में कार्य करें यह विशेष परिस्थिति में आता है। लिहाजा याची का स्थानांतरण फिरोजाबाद किया जाना चाहिए। कोर्ट ने कहा की विशेष परिस्थितियों में पांच वर्ष की सेवा अनिवार्यतया में छूट देने का प्रावधान है। याची के मामले में आवेदन सिर्फ इस आधार पर निरस्त कर दिया गया क्योंकि उसने 5 वर्ष की सेवा पूर्ण नहीं की है। कोर्ट ने बेसिक शिक्षा परिषद को निर्देश दिया है कि याची के प्रत्यावेदन पर इस दृष्टिकोण से नए सिरे से विचार कर निर्णय लिया जाए।
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