नए सिरे से तैयार हुआ प्रस्ताव, किसानों से जमीन अधिग्रहण की कार्यवाही शुरू
बरेली के 21, पीलीभीत के 30 गांवों की करीब 260 हेक्टेयर जमीन होगी अधिग्रहीत
बरेली। एनएच-74 बरेली-सितारगंज हाइवे के चौड़ीकरण में फंसा जमीन अधिग्रहण का पेच अब निकल गया है। जिला प्रशासन और एनएचआई किसानों को राजी करने में सफल हो गया है। बजट के अभाव की वजह से हाइवे की चौड़ाई 60 के बजाय 45 फीट किए जाने पर सहमति बनी। निर्माण कार्य का नए सिरे से तैयार प्रस्ताव मंजूरी के लिए मुख्यायल भेजा गया है। मंजूरी मिलते ही निर्माण कार्य शुरू होने की उम्मीद है।
पीलीभीत बाईपास, बरेली एयरपोर्ट से पीलीभीत होते हुए सितारगंज तक फोरलेन बनाने की अड़चन अब दूर हो गई है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने टूलेन के हाइवे को फोरलेन करने के लिए किसानों की जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू कर दी है। डीएम नितीश कुमार ने बताया कि जमीन अधिग्रहण की तैयारी शुरू हो गई है। उन्होंने बताया कि फोरलेन के प्रस्ताव में अब बरेली के 21 गांव की 115 और पीलीभीत के 30 गांवों की 145 हेक्टेयर जमीन किसानों से ली जाएगी। इसके लिए जल्द नोटिफिकेशन जारी होगा।
खसरा खतौनी के सत्यापन की प्रक्रिया तेज
करीब 76 किमी. लंबाई के बरेली-सितारगंज हाइवे को फोरलेन करने की प्रक्रिया दो साल पहले शुरू हुई थी। जमीन अधिग्रहण और बजट की कमी के चलते यह प्रक्रिया टल रही थी। एनएचएआई पूर्व में कई बार सर्वे कर चुकी है। चौड़ीकरण में आने वाले एक-एक गांव के रकबे की जानकारी अफसरों ने पहले ही जुटा ली थी। अधिग्रहण के लिए खसरा-खतौनी का तेजी से सत्यापन हो रहा है। फिर चौड़ीकरण शुरू होगा।
अब 60 के बजाय 45 फीट होगा चौड़ा
हाइवे को पहले 60 फीट चौड़ा करने का प्रस्ताव तैयार कराया गया था, इसके तहत सभी जरूरी दस्तावेज जुटाए गए थे। हालांकि, बाद में बजट कम होने के चलते चौड़ाई को 15 फीट कर करते हुए 45 फीट तक चौड़ीकरण पर सहमति बनी है। एचएनएआई कार्यालय मुरादाबाद से प्रस्ताव जिला प्रशासन के पास पहुंच चुका है। राजस्व विभाग की टीम जमीन के दस्तावेज जांच रही हैं। इसी के तहत अधिग्रहण होगा।
भारतमाला कॉरिडोर से भी जुड़ा है हाईवे
बताया जाता है कि बरेली-आगरा रोड पहले ही भारतमाला कॉरिडोर में शामिल हो चुकी है। अब केंद्र सरकार ने बरेली-सितारगंज हाइवे को भी भारतमाला कॉरिडोर में शामिल कर लिया। यही वजह रही कि अब एनएचआई ने तेजी से निर्माण कार्य के लिए कवायद शुरू की है। हाइवे बनने के बाद लगने वाले भीषण जाम, बारिश में दुर्घटना की आशंका पर विराम लगेगा। बरेली से सितारंगज तक पहुंचने में वक्त कम लगेगा।
आठ साल पहले अधिग्रहण में हुआ खेल
2012-13 में सात मीटर चौड़े इसी मार्ग को दस मीटर चौड़ा करने के लिए एनएचएआई को प्रशासन ने भूमि अधिग्रहण कराई थी। नियमों को ताक पर रखकर बहेड़ी के पास हथमना, सिरसा और माधोपुर गांवों में कृषि भूमि को व्यावसायिक दिखाकर सर्किल रेट से कई गुना ज्यादा मुआवजा देने का आरोप था। तत्कालीन कमिश्नर ने शासन को इसकी जांच रिपोर्ट भेजी थी, लेकिन वह शासन में ही दबकर रह गई।
नए सिरे से तैयार हुआ प्रस्ताव, किसानों से जमीन अधिग्रहण की कार्यवाही शुरू
बरेली के 21, पीलीभीत के 30 गांवों की करीब 260 हेक्टेयर जमीन होगी अधिग्रहीत
बरेली। एनएच-74 बरेली-सितारगंज हाइवे के चौड़ीकरण में फंसा जमीन अधिग्रहण का पेच अब निकल गया है। जिला प्रशासन और एनएचआई किसानों को राजी करने में सफल हो गया है। बजट के अभाव की वजह से हाइवे की चौड़ाई 60 के बजाय 45 फीट किए जाने पर सहमति बनी। निर्माण कार्य का नए सिरे से तैयार प्रस्ताव मंजूरी के लिए मुख्यायल भेजा गया है। मंजूरी मिलते ही निर्माण कार्य शुरू होने की उम्मीद है।
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