आपने यदि किसी बायर से रीसेल में फ्लैट खरीदा है और पजेशन का इंतजार है तो आपके लिए सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को ऐतिहासिक फैसला जारी किया है। इसके तहत बिल्डर पर पहले खरीदार के जो अधिकार होते थे वही अब दूसरे खरीदार यानि रीसेल में फ्लैट लेने वालों के भी होंगे। इससे फ्लैट के दूसरे खरीदार को बिल्डर से पजेशन पेनल्टी और अन्य मुआवजे मांगने का हक मिल गया है।
रीसेल में घर लेने वाले जो खरीदार कई साल से घर का पजेशन मिलने का इंतजार कर रहे हैं अब वह भी पहले खरीदार की तरह लाखों की पेनल्टी बिल्डर से क्लेम कर सकेंगे। नोएडा-ग्रेटर नोएडा में पजेशन में देरी करने वाले अधिकांश प्रॉजेक्ट में 15-20 प्रतिशत बायर रीसेल वाले हैं। इन सबके लिए यह बेहद राहत भरा फैसला है।
46 हजार को राहत
बता दें कि 23 जुलाई 2019 को भी सुप्रीम कोर्ट ने खरीदारों के लिए ऐतिहासिक फैसला लिया था। कोर्ट ने बायर्स के साथ धोखा करने वाले आम्रपाली ग्रुप के मालिकों का ग्रुप से अधिकार छीन लिया गया था। इससे 46 हजार खरीदारों को जिले में राहत मिली है। वहीं अब 23 जुलाई 2021 को फर्स्ट बायर के बराबर ही सेकंड बायर के अधिकार होने का भी हजारों बायर के लिए बड़ा फैसला है।
जिले में 80 से ज्यादा प्रॉजेक्ट डेडलाइन से कई साल लेट
नोएडा अथॉरिटी में रजिस्टर्ड बिल्डर प्रॉजेक्ट के रेकॉर्ड के अनुसार 44 प्रॉजेक्ट ऐसे हैं जिनकी ओसी (ऑक्युपेशनल सर्टिफिकेट) जारी हो रखा है। 52 प्रॉजेक्ट ऐसे हैं जोकि निर्माणाधीन हैं। वहीं बड़े ग्रुप आम्रपाली, जेपी, यूनिटेक, थ्रीसी, सुपरटेक और ग्रेटर नोएडा के सभी निर्माणाधीन प्रॉजेक्ट मिलाकर 80 से ज्यादा प्रॉजेक्ट फंसे हुए हैं।
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