उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 से पहले सभी राजनीतक दल चुनावी रणनीति बनाने में जुटे हैं। लेकिन बीजेपी की चुनावी गणित अन्य पार्टियों से अलग होती है। बीजेपी किसी भी चुनाव को सुनियोजित तरीके से लड़ती है। जिसका परिणाम पार्टी के पक्ष जाता है। यूपी विधानसभा चुनाव में बीजेपी की नजर पहली बार मतदान करने वाले युवा वोटरों पर है। बीजेपी फर्स्ट टाइम वोटरों को सदस्य बनाने की तैयारी कर रही है।
बीजेपी इन्ही युवा वोटरों के सहारे 2022 का विधानसभा चुनाव जीतकर दोबारा सत्ता पर काबिज होने की तैयारी कर रही है। बीजेपी ने 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में भी फर्स्ट टाइम वोटरों को सदस्य बनाया था। इन युवा वोटरों के दम पर बीजेपी ने केंद्र में सरकार बनाई थी। इसका फायदा बीजेपी को 2017 के विधानसभा चुनाव में भी मिला था।
युवा वोटर जिसकी तरफ झुका, उसकी जीत पक्की है
यूपी में 18 से 25 साल के वोटरों की संख्या बहुत अधिक है। उत्तर प्रदेश में 18 प्लस उम्र के वोटरों की संख्या बहुत ज्यादा है। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि यदि यूपी विधानसभा चुनाव में फर्स्ट टाइम वोटर किसी भी राजनीतिक पार्टी के पक्ष में झुक गया तो, उसकी जीत पक्की मानी जाती है। बीएलओ बालिग हो चुके वोटरों के नाम मतदाता सूची में जोड़ने का काम कर रहे हैं।
बूथ जीतेंगे, तो चुनाव जीतेंग
बीजेपी के एक नेता ने बताया कि पार्टी चाहती है कि पहली बार मतदान करने वाला मतदाता बीजेपी का वोटर बने। उसे बीजेपी की नीतियों से जोड़ा जाए। उन्हें बीजेपी के विकास कार्यों के विषय में बताया जाए। इसके लिए हमें बूथ स्तर पर काम करने की जरूरत है। हर बूथ पर हमें ज्यादा से ज्यादा वोटर बनाने है। जब हम बूथ जीतेंगे, तो चुनाव जीतेंगे।
बीजेपी सदस्य बनाने के साथ ही साथ ही 18 प्लस उम्र के युवाओं को वैक्सीन लगवाने के लिए भी प्रेरित कर रही है। पार्टी का मानना है कि जो मतदाता पहली बार बीजेपी को वोट करेगा, वो जीवनभर के लिए बीजेपी का वोटर बन जाएगा।
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